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जुर्म

Shraddha Walkar murder: पुलिस ने हत्या के सीन को किया रीक्रिएट

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Shraddha murder case

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नई दिल्ली। दिल्ली के श्रद्धा वालकर हत्याकांड (Shraddha Walkar murder) की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस रविवार को आफताब के घर पहुंची। पुलिस टीम ने सबूत जुटाने के लिए आफताब के घर तलाशी अभियान चलाया। छतरपुर स्थित आफताब के घर बाहर गली में दिल्ली पुलिस और अर्धसैनिक बल के जवान खड़े देखे गए।

इसके अलावा, पुलिस ने श्रद्धा आफताब के पुराने मकान के मालिक के बयान दर्ज किए गए। पुलिस ने यहां हत्या के सीन को रीक्रिएट किया। शनिवार को ही पुलिस ने आफताब के घर पहुंचकर फॉरेंसिक जांच के लिए उसके और श्रद्धा के कपड़े लिए थे।

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श्रद्धा हत्याकांड की जांच में जुटी दिल्ली पुलिस ने सबूत जुटाने के लिए 19 नवंबर को लगातार छठे दिन महरौली के जंगलों में श्रद्धा के शव के टुकड़ों की तलाश की, लेकिन कुछ हासिल नहीं हुआ। रविवार यानि आज सुबह एक बार फिर से दक्षिण जिले के 100 से ज्यादा पुलिसकर्मियों को फिर तलाशी अभियान में लगाया गया है। सुबह 6:00 बजे से तलाशी अभियान शुरू किया गया है।

दक्षिण जिले के हर थाने से 10-10 पुलिसकर्मियों की एक टीम बनाई गई है। यह पुलिसकर्मी छह किलोमीटर के दायरे में फैले जंगल में श्रद्धा के शव के टुकड़ों की तलाश कर रहे हैं। इससे पहले, शनिवार सुबह दिल्ली पुलिस की एक टीम आरोपी आफताब अमीन पूनावाला को लेकर मेटल डिटेक्टर के साथ गुरुग्राम पहुंची। पुलिस ने कई घंटे डीएलएफ फेज-2 के खाली प्लॉट और जंगलों की खाक छानी।

पुलिस को आशंका है कि वारदात में इस्तेमाल हथियार को आफताब ने यहां ठिकाने लगाया है, लेकिन पुलिस को कामयाबी नहीं मिली और दोपहर बाद उसे खाली हाथ लौटना पड़ा।

मामले की जांच कर रहे एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि चूंकि छतरपुर पहाड़ी इलाके से जंगल बेहद नजदीक है, ऐसे में इस बात की ज्यादा संभावना है कि आफताब ने श्रद्धा की हत्या करने के बाद उसके शव के ज्यादातर टुकड़ों को महरौली के जंगल में ठिकाने लगाया हो। इसी वजह से पुलिस का फोकस महरौली इलाके में ज्यादा है।

शनिवार सुबह 20-25 जवानों की टीम ने महरौली के जंगलों में जाकर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन वहां से भी पुलिस को कुछ नहीं मिला। दोपहर को एक बार फिर टीम को जंगल भेजा गया। शाम तक चली जांच के बाद एक बार फिर टीम खाली हाथ लौट आई।

मामले की जांच कर रहे पुलिस अधिकारियों का कहना है कि आफताब बार-बार पुलिस को गुमराह कर रहा है। बेहद शातिर अपराधी की तरह वह सारी तरकीबें लगा रहा है, जिससे पुलिस को अंधेरे में रखा जा सके।

आफताब के फ्लैट से मिला लोहे का भारी हथियार

पुलिस की एक टीम जांच के लिए शनिवार को आफताब के छतरपुर पहाड़ी स्थित फ्लैट पर पहुंची। वहां पुलिस को उसके फ्लैट से लोहे का भारी हथियार बरामद हुआ। इस बात की पड़ताल की जा रही है कि ऐसा तो नहीं है कि आरोपी ने इस हथियार को वारदात में इस्तेमाल किया हो।

उसे जांच के लिए भेज दिया गया। दूसरी ओर पुलिस ने आरोपी के घर से कुछ कपड़े भी कब्जे में लिये। इनमें कुछ श्रद्धा के कपड़े भी शामिल हैं। पुलिस ने इन सभी को फॉरेंसिक जांच के लिए भेज दिया है।

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उत्तर प्रदेश

मेरी पत्नी से शिक्षक का था अफेयर, इसलिए मार डाला; वकील के कबूलनामे से आया नया ट्विस्ट

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कानपुर। उप्र के कानपुर के पनकी के पतरसा में शिक्षक दयाराम सोनकर की हत्या के आरोप में गिरफ्तार वकील संजीव कुमार के बयान ने पेंच फंसा दिया है। वकील ने जो बयान दिया, उसके मुताबिक शिक्षक के उसकी पत्नी से अवैध संबंध थे। चूंकि शिक्षक वर्तमान में कानपुर देहात में ही रह रहा था।

इसके चलते पत्नी भी कानपुर देहात स्थित मायके में ही थी। इसलिए उसने रविवार को दयाराम को बुलाकर अकेले ही बंद कमरे में जिंदा जलाकर मार डाला। वहीं, मृतक के भाई का कहना है कि भाभी के संबंध ढाबा संचालक से थे। विरोध करने पर भाभी ने प्रेमी और वकील के साथ मिलकर भाई की हत्या कर दी।

मृतक दयाराम के छोटे भाई अनुज ने पुलिस को दी तहरीर में बताया कि भाई दयाराम ने अपने मोबाइल फोन से उन्हें कॉल करके बताया था कि संजीव, पवन और संगीता ने उन्हें कमरे में बंद करके आग लगा दी है और भाग गए हैं। तहरीर के आधार पर पुलिस ने जब वकील संजीव को उठाकर पूछताछ शुरू की तो कहानी में नया मोड़ आ गया।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक संजीव ने बताया कि दयाराम जिस कॉलेज में पढ़ाता था, उसी में संजीव का साला शिक्षक है। दोनों में गहरी दोस्ती थी। दयाराम का संजीव के साले के घर में भी आना-जाना था। संजीव को दयाराम और उसकी पत्नी के बीच अवैध संबंध का शक था।

संजीव के अनुसार, पत्नी को कई बार घर लाने की कोशिश की, लेकिन वो राजी नहीं हुई। पत्नी से संबंधों को लेकर बातचीत के लिए दयाराम को घर बुलाया। इसके बाद पेट्रोल डालकर आग लगा दी। हालांकि, पुलिस को अन्य हत्यारोपियों की घटनास्थल के आसपास लोकेशन भी नहीं मिली है। दोनों कहानियों की तह तक जाने के लिए पुलिस अब सक्ष्यों की मदद ले रही है।

संजीव कई बार बुला चुका था दयाराम को

अनुज ने बताया कि संजीव कई बार दयाराम को फोन करके उसकी पत्नी से समझौता कराने की बात कहकर बुला चुका था। परिवार वालों की राय के बाद वे समझौते के लिए गए थे, वहां सभी ने मिलकर उनके भाई की हत्या कर दी।

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