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सोनिया ने असंतुष्टों की मांगों पर विमर्श के लिए मणिपुर के मुख्यमंत्री को बुलाया

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, मणिपुर के असंतुष्‍ट कांग्रेसी विधायक, मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, उप मुख्यमंत्री गैखंगम गंगमेई

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कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, मणिपुर के असंतुष्‍ट कांग्रेसी विधायक, मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह, उप मुख्यमंत्री गैखंगम गंगमेई

इंफाल| मणिपुर में कांग्रेस के असंतुष्ट नेताओं के मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के बुलावे पर मुख्यमंत्री ओकराम इबोबी सिंह तथा उप मुख्यमंत्री गैखंगम गंगमेई मंगलवार को नई दिल्ली के लिए रवाना हो गए। सूत्रों ने कहा कि सोनिया गांधी ने पिछले सप्ताह मणिपुर के 25 असंतुष्ट विधायकों के प्रतिनिधियों से मुलाकात की थी और बाद में फैसला किया गया कि मणिपुर के मुद्दे को अरुणाचल प्रदेश बनने से रोका जाए, जहां कांग्रेस के बागी विधायकों ने नाबाम तुकी की सरकार को गिरा दिया था। सूत्रों ने कहा कि असंतुष्ट विधायकों ने स्पष्ट कर दिया कि अगर उनकी मांगें न मानी गईं, तो या तो वे भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो जाएंगे या अपनी नई पार्टी बनाएंगे। इबोबी सिंह व उप मुख्यमंत्री गंगमेई ने दिल्ली रवाना होने से पहले राज्य की राजनीति के परिदृश्य पर किसी प्रकार की टिप्पणी से इनकार कर दिया। रिपोर्ट के मुताबिक, असंतुष्टों ने बैठक के दौरान सोनिया के समक्ष दो मांगें रखीं।

पहचान जाहिर न करने की शर्त पर एक असंतुष्ट विधायक ने कहा, “हमारी पहली मांग यह थी कि उन मंत्रियों को हटाया जाए, जो पारदर्शिता बनाए रखने में नाकाम हुए हैं और जिनका प्रदर्शन बेहद खराब रहा है। दूसरी मांग एक व्यक्ति एक पद की नीति की है। गैखंगम को या तो मंत्री होना चाहिए या प्रदेश कांग्रेस कमेटी (पीसीसी) का अध्यक्ष।” गंगमेई पिछले दो वर्षो से दो पदों पर बरकरार हैं। संकेत हैं कि अगले राज्य विधानसभा चुनाव तक वे दोनों पदों पर बने रह सकते हैं। साल 2012 में लगातार तीसरी बार सरकार का गठन करते वक्त मुख्यमंत्री इबोबी सिंह ने कांग्रेस लेजिसलेचर पार्टी (सीएलपी) के सदस्यों को आश्वासन दिया था कि ढाई साल बाद मंत्रिमंडल में फेरबदल कर कुछ दूसरे विधायकों को मंत्री बनाया जाएगा। एक असंतुष्ट विधायक ने कहा, “यह वादा कभी नहीं निभाया गया।” वहीं, भाजपा की मणिपुर इकाई के अध्यक्ष थोनाओजाम चाओबा ने कहा कि कांग्रेस के कई सदस्य उनकी पार्टी में शामिल होने की इच्छा जता चुके हैं। नई दिल्ली से लौटने के बाद एक असंतुष्ट विधायक ने कहा कि उन्हें बेहद उम्मीद है कि कांग्रेस अध्यक्ष उनके साथ इस बार इंसाफ करेंगी। उन्होंने कहा, “यह अब सीएलपी सदस्यों के राजनीतिक भविष्य का सवाल बन गया है।”

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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