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सुप्रीम कोर्ट ने अरुणाचल मामले पर केंद्र को जारी किया नोटिस
नई दिल्ली/ईटानगर। सुप्रीम कोर्ट ने अरुणचाल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगाने पर गंभीर रुख अपनाते हुए केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट ने बुधवार दोपहर को इस मामले में हुई सुनवाई के बाद केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए 29 जनवरी तक जवाब मांगा है, मामले की अगली सुनवाई एक फरवरी को होगी। इससे पहले कोर्ट ने अरुणाचल प्रदेश के राज्यपाल जेपी राजखोवा के वकील से मामले की पूरी जानकारी मांगी। कोर्ट ने 15 मिनट के भीतर ई-मेल से राज्यपाल की रिपोर्ट मंगवाने को कहा। गौरतलब है कि अरुणचाल प्रदेश में मंगलवार को राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने राष्ट्रपति शासन लगाने को मंजूरी दे दी थी। मुखर्जी ने राष्ट्रपति शासन लगाने से पहले गृहमंत्री से इस मामले की जानकारी मांगी थी। अरुणाचल प्रदेश में राष्ट्रपति शासन लगने के बाद राज्यपाल ज्योति प्रसाद राजखोवा ने विधायकों को आश्वासन दिया था कि उन्हें सुरक्षा उपलब्ध कराई जाएगी। राज्यपाल ने मंगलवार शाम को हुई बैठक में मुख्य सचिव रमेश नेगी समेत अधिकारियों से कहा कि आम लोगों के हितों की रक्षा के लिए कानून अक्षरश: लागू होने चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट ने आज कांग्रेस की याचिका पर सुनवाई की। याचिका में राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाए जाने के लिए दी गई रिपोर्ट और केंद्रीय मंत्रिमंडल की सिफारिश को चुनौती दी गई थी। ताजा याचिका पर भी पांच न्यायाधीशों वाली संविधान पीठ सुनवाई करेगी, जो अरुणाचल मुद्दे पर दायर विभिन्न याचिकाओं पर पहले से ही सुनवाई कर रही है। वरिष्ठ अधिवक्ताओं- फाली एस.नरीमन और कपिल सिब्बल ने ताजा याचिका पर तत्काल सुनवाई का आग्रह किया था। पीठ ने इस बीच, अधिवक्ता से उन खामियों को जल्द से जल्द दुरुस्त करने को कहा जिनका उल्लेख शीर्ष न्यायालय की रजिस्टरी ने किया था। याचिका प्रदेश कांग्रेस के मुख्य सचेतक राजेश ताचो ने दायर की है। कांग्रेस के 21 विधायकों की बगावत के बाद अरुणाचल प्रदेश में राजनीतिक संकट पैदा हो गया था। इन विधायकों ने बीजेपी के 11 विधायकों और दो निर्दलीय विधायकों से हाथ मिला लिया था और एक अस्थाई सत्र में तत्कालीन विधानसभा अध्यक्ष नबाम रेबिया को कथित तौर पर पद से हटा दिया था। रेबिया ने इस कदम को ‘अवैध और असंवैधानिक’ बताया था।
प्रादेशिक
IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी
महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।
कौन हैं IPS संजय वर्मा?
IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।
कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।
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