उत्तर प्रदेश
यूपी में एडेड स्कूलों के टीचर दूसरे स्कूलों में होंगे समायोजित, देखिए किसे मिलेगी छूट ?
प्रयागराज: प्रदेश में एडेड स्कूलों के सरप्लस शिक्षकों को लेकर सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. सरकार ने बड़ा फैसला लिया है.सरप्लस शिक्षकों का दूसरी जगह समायोजन होगा. इसके लिए मंडल और प्रदेश स्तर पर समिति बनाई गई.शासन स्तर प्रक्रिया शुरू करने के निर्देश दिए हैं. प्रदेश सरकार ने अशासकीय सहायता प्राप्त माध्यमिक स्कूलों में अतिरिक्त शिक्षकों को चिन्हित करने की प्रक्रिया तय कर दी गई है.
माध्यमिक शिक्षा विभाग के एडेड स्कूल में सबसे बाद में भर्ती या फिर दूसरे स्कूल से स्थानांतरित होकर आए शिक्षक को अतिरिक्त माना जाएगा. प्रदेश में तमाम ऐसे विद्यालय हैं, जहां मानक के मुकाबले ज्यादा शिक्षक हैं. इन विद्यालयों में छात्रों और शिक्षकों के अनुपात के मुताबिक शिक्षक समायोजित किए जाएंगे.
इन्हें मिलेगी छूट
इन शिक्षकों को दूसरे स्कूलों में भेजा जाएगा. अगर ट्रांसफर नहीं मुमकिन होगा तो संबंधित स्कूलों की आगे की रिक्तियों के अनुसार इसे समायोजित किया जाएगा. सरकार ने इस समायोजन के लिए प्रदेश और मंडल स्तर पर दो समितियां गठित की गई हैं. ऐसे टीचर जो हार्ट, किडनी-लिवर जैसी गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं, उन्हें इसका लाभ मिलेगा. हालांकि उन्गें मेडिकल कॉलेज, जिला अस्पताल या अन्य मान्यता प्राप्त स्वास्थ्य बोर्ड से स्वीकृत सर्टिफिकेट देना होगा.
दिव्यांग टीचरों को भी छूट दी जाएगी.विवाहित महिला शिक्षिकाएं जिनकी कोई संतान दिव्यांगता की श्रेणी में आते हैं. जिन अध्यापकों के के पति या पत्नी सेना या सशस्त्र बलों में हैं, ऐसी विधवा या विधुर जिन्होंने दूसरा विवाह नहीं किया है. ऐसे सिंगल गार्जियन को भी सरप्लस शिक्षकों की श्रेणी से छूट दी जाएगी.
सरप्लस शिक्षकों की पहचान के लिए राज्य स्तर पर माध्यमिक शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में और मंडल स्तर पर मंडलीय संयुक्त शिक्षा निदेशक की अध्यक्षता में समिति बनाई गई है.
नए विद्यालयों को मान्यता
प्रयागराज यूपी बोर्ड से स्कूलों को खुशखबरी मिली है. यूपी बोर्ड ने प्रदेश में 403 नए विद्यालयों को मान्यता दी है. कक्षा 6 से 10वीं और इंटर के विद्यालयों को मान्यता मिली है. पुराने मानकों के आधार पर 403 विद्यालयों को मान्यता मिली है. उत्तर प्रदेश में 2019 के बाद नए स्कूलों को बोर्ड ने पहली बार मान्यता दी है.प्रयागराज क्षेत्रीय कार्यालय से संबंधित सबसे अधिक 135 विद्यालयों को मान्यता मिली है. मेरठ के 85, वाराणसी के 105, बरेली और गोरखपुर में 19- 19 विद्यालयों को मान्यता मिली है.
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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