अन्तर्राष्ट्रीय
इसीलिए भारत-रूस दोस्ती की दुनिया देती है मिसाल, पुतिन ने मोदी के ‘दूत’ के लिए तोड़ा प्रोटोकॉल
मास्को। पीएम मोदी के ‘निजी संदेश’ को लेकर रूस के बेहद अहम दौरे पर पहुंचे भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर का राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने जोरदार स्वागत किया है। यही नहीं पुतिन ने प्रोटोकॉल तोड़ते हुए भारतीय विदेश मंत्री के साथ आमने-सामने बेहद करीब बैठकर बातचीत की। इससे पहले राष्ट्रपति पुतिन ने फरवरी में भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकर अजीत डोवाल के साथ भी मुलाकात की थी।
पुतिन के इस कदम को बहुत दुर्लभ माना जा रहा है। इससे पहले पुतिन कड़ा संदेश देने के लिए फ्रांस के राष्ट्रपति समेत दुनिया के कई राष्ट्राध्यक्षों से बहुत दूर बैठकर बातचीत कर चुके हैं जिसकी विश्वभर में काफी आलोचना भी हुई थी।
इसी वजह से पुतिन के जयशंकर के साथ मुलाकात को भारत और रूस के बीच करीबी दोस्ती के रूप में देखा जा रहा है। जयशंकर ने पुतिन के साथ मुलाकात के दौरान उन्हें पीएम मोदी का निजी संदेश भी दिया। जयशंकर का यह 4 दिवसीय दौरा ऐसे समय पर हो रहा है जब पुतिन और मोदी के बीच हर साल होने वाली बैठक लगातार दूसरे साल नहीं हो पा रही है।
पुतिन ने भारतीय प्रधानमंत्री को साल 2024 की शुरुआत में रूस आने का न्योता दिया जिसे भारत ने स्वीकार कर लिया है। पुतिन ने जयशंकर से कहा, ‘हम इस बात से बेहद खुश होंगे कि पीएम मोदी रूस आएं।’
पुतिन ने भारत संग व्यापार की तारीफ की
रूसी राष्ट्रपति ने कहा, ‘हमारे पास वर्तमान मुद्दों पर बातचीत करने का अवसर होगा। साथ ही दोनों देशों के बीच रिश्तों को आगे बढ़ाने पर बातचीत होगी। हमें कई विषयों पर बात करना होगा।’ पुतिन ने यह भी माना कि साल 2024 के पहले 6 महीने पीएम मोदी के लिए बहुत कठिन होंगे क्योंकि भारत में आम चुनाव होने वाले हैं। हम भारत के दोस्तों की सफलता की कामना करते हैं।
हम मानते हैं कि हम अपने परंपरागत दोस्ताना संबंधों को किसी भी राजनीतिक शक्ति के साथ बरकरार रखेंगे। इससे पहले जी-20 शिखर सम्मेलन के दौरान पुतिन को भारत आना था लेकिन उन्होंने आने से इंकार कर दिया। पुतिन वर्चुअल तरीके से शामिल हुए थे।
भारत और रूस के बीच बढ़ते व्यापार पर पुतिन ने कहा कि हमारा व्यापार लगातार दूसरे साल बढ़ रहा है। इस साल तो यह व्यापार की गति और भी ज्यादा तेज है। हर कोई इसे जानता है। ये ऊर्जा संसाधन, तेल और पेट्रोलियम प्रॉडक्ट हैं।’ दोनों देशों के बीच व्यापार 50 अरब डॉलर को पार करने जा रहा है।
पुतिन के निमंत्रण पर विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा कि पीएम मोदी भी रूस आने को लेकर आशान्वित हैं। जयशंकर ने इससे पहले कहा था कि भारत और रूस के बीच रिश्ते बहुत मजबूत और सतत बने हुए हैं। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने भारत के जी-20 आयोजन में बरती गई निष्पक्षता की जमकर तारीफ की।
भारत-रूस दोस्ती कायम रहेगी: विशेषज्ञ
दक्षिण एशियाई मामलों के अमेरिकी विशेषज्ञ माइकल कुगलमैन ने कहा, ‘पीएम मोदी ने एक बार कहा था कि अगर आप भारत के एक बच्चे से भी पूछेंगे कि भारत का सबसे अच्छा दोस्त कौन है तो वे हमेशा कहेंगे कि यह रूस है।’
कुगलमैन ने कहा कि भारत और रूस के बीच दोस्ती समय की कसौटी पर परखी गई है। यह विश्व व्यवस्था के झटकों को झेलने में भी सक्षम है। उन्होंने कहा कि भारत ने इस दौरे से संदेश दिया है कि रूस के साथ उसकी दोस्ती सतत बनी हुई है और यह आगे भी जारी रहेगी।
अन्तर्राष्ट्रीय
देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें बढ़ी, पत्नी अस्मा अल-असद ने अदालत में तलाक के लिए दी अर्जी
सीरिया। सीरिया में छिड़े गृहयुद्ध के बाद राष्ट्रपति बशर अल-असद देश छोड़कर रूस भाग गए। देश छोड़कर भागने वाले असद की मुश्किलें और बढ़ गई हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक असद की ब्रिटिश पत्नी अस्मा अल-असद ने रूस की अदालत में तलाक के लिए अर्जी दी है। तुर्की और अरब मीडिया में चल रही खबरों के मुताबिक अस्मा अल असद मॉस्को में खुश नहीं हैं और वो अब लंदन जाना चाहती हैं। बता दें कि रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने बशर अल असद के परिवार को अपने देश में राजनीतिक शरण दी है।
25 साल की अस्मा से हुई थी असद की शादी
बशर अल-असद की पत्नी अस्मा अल असद ने रूस के कोर्ट में तलाक के लिए अर्जी दाखिल की है और मॉस्को छोड़ने के लिए विशेष अनुमति का अनुरोध किया है। उनके दिए गए आवेदन पर रूसी अधिकारियों द्वारा विचार किया जा रहा है। बीबीसी की रिपोर्ट के अनुसार, अस्मा के पास ब्रिटेन और सीरिया की दोहरी नागरिकता है। अस्मा का घर लंदन में है जहां सीरियाई माता-पिता के यहां उनका जन्म हुआ था। अस्मा साल 2000 में सीरिया चली गईं थीं। साल 2000 में ही उनकी शादी बशर अल असद से हुई थी। उस वक्त अस्मा की उम्र 25 साल थी।
रूस में असद पर लगाए गए हैं गंभीर प्रतिबंध
अपना देश छोड़कर भागे सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल असद को भले ही रूस ने राजनीतिक शरण दिया था, लेकिन रूस में उनपर गंभीर प्रतिबंध लगाए गए हैं। असद को मॉस्को छोड़ने या किसी भी राजनीतिक गतिविधियों में शामिल होने की अनुमति नहीं है। जानकारी के मुताबिक रूसी अधिकारियों ने बशर अल-असद की संपत्ति और पैसा भी जब्त कर लिया है। असद सीरिया छोड़ते वक्त 270 किलोग्राम सोना लेकर आए थे। उनकी संपत्ति में 2 अरब डॉलर और मॉस्को में 18 अपार्टमेंट शामिल हैं।
असद के भाई को रूस में नहीं मिली है शरण
सीरिया के अपदस्थ राष्ट्रपति बशर अल-असद के भाई, माहेर अल-असद को रूस ने अपने देश में शरण नहीं दी है। उन्हें शरण देने के अनुरोध की अब भी समीक्षा की जा रही है। जानकारीा के मुताबिक असद के भाई माहेर और उनका परिवार रूस में ही नजरबंद हैं।
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