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उत्तर प्रदेश

मेगा ई-नीलामी के जरिए औद्योगिक व व्यवसायिक भूखंडों के बड़े स्तर पर आवंटन का मार्ग होगा प्रशस्त

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लखनऊ। उत्तर प्रदेश में औद्योगिक व व्यवसायिक गतिविधियों को बढ़ाने की दिशा में प्रयासरत योगी सरकार ने एक नई पहल की है। सीएम योगी के विजन अनुसार, उत्तर प्रदेश राज्य औद्योगिक विकास प्राधिकरण (यूपीसीडा) 43 औद्योगिक व व्यवसायिक भूखंडों की मेगा ई-नीलामी प्रक्रिया को जल्द ही मूर्त रूप देने जा रही है। यूपीसीडा की इस मौजूदा प्रक्रिया में बरेली, जालौन, बाराबंकी, प्रयागराज, मुरादाबाद, व ट्रांस गंगा सिटी उन्नाव के विभिन्न व्यवसायिक प्लॉट्स की होगी नीलामी का मार्ग प्रशस्त होगा। इन व्यवसायिक भूखंडों का वेयर हाउस, होटल, ग्रुप हाउसिंग, मल्टीप्लेक्स, पेट्रोल पंप हॉस्पिटल समेत विभिन्न प्रकार की व्यवसायिक गतिविधियों के संचालन के लिए इस्तेमाल हो सकेगा। इतना ही नहीं, यूपीसीडा द्वारा अमेठी, अमरोहा, बांदा व हमीरपुर में मेगा ई-नीलामी के जरिए औद्योगिक भूखंडों के आवंटन का भी मार्ग प्रशस्त किया जाएगा।

शुक्रवार से शुरू हुई आवेदन प्रक्रिया

इस मेगा ई-नीलामी में भाग लेने के लिए आवेदन प्रक्रिया शुक्रवार से शुरू हो गई है। मेगा ई-नीलामी में सम्मिलित सभी प्लॉट्स का रिजर्व प्राइस तय है और इसी आधार पर आवेदनकर्ता इन भूखंडों को प्राप्त करने के लिए करोड़ों की बोली लगा सकेंगे। प्रक्रिया के अंतर्गत कैटलॉग फीस, प्रोसेसिंग फीस व ईएमडी भुगतान करने की अंतिम तिथि 17 अक्टूबर निर्धारित की गई है। वहीं, सभी प्रक्रियाओं को पूरा करते हुए आवेदन जमा करने की अंतिम तिथि 18 अक्टूबर निर्धारित की गई है। 25 अक्टूबर को मेगा ई-नीलामी का आयोजन प्रस्तावित है जिसके जरिए भूखंड आवंटन प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा। इस विषय में अधिक जानकारी के लिए यूपीसीडा की आधिकारिक वेबसाइट पर क्लिक करके जानकारी प्राप्त की जा सकती है। वहीं, https://eauction.etender.sbi/SBI/ इस मेगा ई-नीलामी के लिए पोर्टल के तौर पर कार्य करेगा जिस पर लॉग इन करके पंजीकरण व अन्य विवरण की जानकारी प्राप्त की जा सकती है।

इन स्थानों पर इस मद में भूखंडों का हो सकेगा इस्तेमाल

प्रक्रिया के अंतर्गत, कुल 11 जिलों के विभिन्न क्षेत्रों में व्यवसायिक व औद्योगिक भूखंडों की नीलामी का मार्ग प्रशस्त होगा जिसका विवरण इस प्रकार है…

बरेली: 16800 मीटर स्क्वेयर क्षेत्र के प्लॉट का वेयरहाउस डेवलप करने के लिए इस्तेमाल हो सकेगा। इस प्लॉट की रिजर्व प्राइस 4.51 करोड़ है। वहीं, औद्योगिक भूखंड के तौर पर 18929.12 स्क्वेयर मीटर का प्लॉट निर्धारित है जिसका रिजर्व प्राइस 9.71 करोड़ है।

जालौनः उरई में होटल निर्माण के लिए 6600 स्क्वेयर मीटर क्षेत्र के भूखंड का होटल निर्माण में इस्तेमाल हो सकेगा। इस भूखंड की रिजर्व प्राइस 3.19 करोड़ रखी गई है।

बाराबंकीः ग्रुप हाउसिंग स्कीम के अंतर्गत यहां दो भूखंडों की नीलामी होगी। पहला भूखंड जीएच1 इंडस्ट्रीयल एरिया कुर्सी रोड पर स्थित है। यह 2730.33 वर्ग मीटर का प्लॉट है जिसकी रिजर्व प्राइस 2.28 करोड़ निर्धारित है। वहीं, दूसरा प्लॉट जीएच2 इंडस्ट्रियल एरिया, कुर्सी रोड स्थित है। यह भी 2730.33 वर्ग मीटर का प्लॉट है जिसकी रिजर्व प्राइस 2.28 करोड़ निर्धारित है।

प्रयागराजः सरस्वती हाइटेक सिटी में होटल के लिए 2 व मल्टीप्लेक्स तथा हॉस्पिटल के लिए 1-1 प्लॉट आवंटित होंगे। इन प्लॉट्स का टोटल एरिया 2081.27 मीटर से लेकर 8486 स्क्वेयर मीटर के बीच होगा और इनकी रिजर्व प्राइस 8.75 से लेकर 17.84 करोड़ के बीच निर्धारित है। वहीं, भूरागढ़ इंडस्ट्रियल एरिया में 8832 व 11598.3 वर्ग मीटर के प्लॉट्स की नीलामी के लिए रिजर्व प्राइस 1.25 तथा 1.69 करोड़ रखा गया है।

मुरादाबादः स्पेशल इकॉनमिक जोन (एसईजेड) में 6802.42 स्क्वेयर मीटर के प्लॉट की नीलामी पेट्रोल पंप की स्थापना के लिए 7.44 करोड़ की रिजर्व प्राइस पर हो सकेगी।

अमेठी, बांदा, अमरोहा, हमीरपुर व मैनपुरीः अमेठी के कौहर इंडस्ट्रियल एरिया में इंडस्ट्रियल यूज के लिए 5 प्लॉट्स की नीलामी होगी जिनकी क्षेत्रफल 406.27 से लेकर 419.81 मीटर होगा और इनकी रिजर्व प्राइस 15.23 लाख से लेकर 15.74 लाख रखी गई है। इसी प्रकार, बांदा-हमीरपुर, मैनपुरी व अमरोहा में भी विभिन्न श्रेणी के इंडस्ट्रियल प्लॉट्स भी नीलामी के लिए उपलब्ध हैं।

उन्नावः यहां व्यवसायिक और औद्योगिक दोनों ही प्रकार के कुल 10 प्लॉट्स नीलामी के लिए उपलब्ध हैं। इसमें से सबसे ज्यादा प्लॉट्स ट्रांस गंगा सिटी उन्नाव में स्थित हैं। इनका इस्तेमाल स्कूल, शॉपिंग सेंटर, बीपीओ, क्लब, वुमेंस होस्टल, बैंक्वेट हॉल, मल्टीपर्पज हॉल, कम्यूनिटी सेंटर, पेट्रोल व सीएनजी स्टेशन तथा हॉस्पिटल के लिए हो सकेगा। इसका क्षेत्रफल 2504.82 मीटर से 19769.48 मीटर के बीच स्थित है और रिजर्व प्राइस 11.38 से 44.91 करोड़ के बीच निर्धारित है।

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उत्तर प्रदेश

दीपोत्सव में झारखंड से दीप जलाने पहुंचेंगे 150 आदिवासी

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अयोध्या। योगी सरकार के आठवें दीपोत्सव को लेकर तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। प्रशासनिक खेमे के अलावा डॉ राम मनोहर लोहिया विवि ने भी इस दिशा में युद्धस्तर पर कार्य शुरू कर दिया है। इस बार दीपोत्सव कुछ खास ही होने वाला है। इसमें झारखंड के 150 आदिवासी भी दीप जलाने के लिए पहुंच रहे हैं। यह आदिवासी स्वयंसेवक के रूप में घाटों पर जुटेंगे। उल्लेखनीय है कि अयोध्या में 2017 से राम की पैड़ी पर दीपोत्सव की शुरुआत हुई थी। उसके बाद से यहां दीपोत्कीसव के जरिए प्रतिवर्ष नए कीर्तिमान स्थापित हो रहे हैं। ऐसे में, इस बार मुख्यमंत्री ने 25 लाख दीये जलाने का ऐलान किया है जिसके लिए 28 लाख दीपों को सरयू नदी के किनारे तटों पर बिछाया जाएगा। मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद अयोध्या नगरी को सजाने के काम शुरू कर दिया गया है।

10 हजार स्थानीय नागरिकों को भी मिलेगा मौका

राम की पैड़ी पर इस बार स्थानीय नागरिकों को भी शामिल करने की योजना बनाई गई है। इसके लिए वहां पर चौड़े-चौड़े पलेटफॉर्म वाली सीढियां बनाई जा रही हैं, जो बिल्कुल स्टेडियम की तरह है।

बढ़ाई गई घाटों की संख्या, 51 से हुए 55

इस बार दीयो की संख्या बढ़ते ही घाटों की संख्या बढ़ा दी गई है। 51 से 55 कर दिया गया है। चौधरी चरण सिंह व भजन संध्या स्थल व अन्य घाटों को दीप जलाने के लिए शामिल किया गया है। वहीं 90 हजार लीटर सरसो के तेल के प्रयोग होने की बात बताई जा रही है।

40 लाख रुई बाती का होगा इस्तेमाल

दीपोत्सव में दीयो की संख्या बढ़ते ही रुई की बाती का इंतजाम भी किया जाने लगा है। बताया जाता है 40 लाख रुई की बाती लगेगी। स्वयंसेवक 25 से राम की पैड़ी के घाटों पर दीये बिछाने का कार्य शुरू कर देंगे।

और भी भव्य होगा दीपोत्सव

दीपोत्सव के नोडल अधिकारी डॉ एसएस मिश्र ने बताया हमारी तैयारियां तेजी से चल रही है। इस बार श्री राम भव्य महल में विराजमान हुए हैं। इसलिए दीपोत्सव को और भी भव्य तरीके से मनाया जाएगा।

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