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ऑफ़बीट

भारत में है एक ऐसी जगह जहां आना बहुत आसान है, लेकिन यहां से जाना है उतना ही मुश्किल

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जयपुर। हम बात पूरी दुनिया की नहीं कर रहे, बात कर रहें है भारत के एक कोने की। ये कोना लोगों की आस्था के रंग से हमेशा सराबोर रहता है। इस कोने का नाम है मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, जो भारत के राजस्थान राज्य में स्थित है। इस मंदिर में हिंदू पौराणिक कथाओं में साहस का प्रतीक माने जाने वाले भगवान हनुमान की पूजा की जाती है, जिन्हें कई भक्त ‘बालाजी’ भी कहतें हैं।

चूँकि ये मंदिर दो पहाड़ियों के बीच बना हुआ है, इसलिए इसे ‘घाटे वाले बाबा’ भी कहा जाता है। यहां हनुमानजी की मूर्ति किसी के द्वारा बनाई नहीं गई है। यह मूर्ति लोगों को अपने आप दिखाई देती है। यहां मूर्ति स्थापित के बाद मंदिर बना था। यहां की मूर्ति लगभग 1000 वर्ष साल है, और ये मंदिर 20वीं शताब्दी में बनाया गया है। इस मंदिर की सबसे ख़ास बात यह है कि जिन लोगों के ऊपर भूत-प्रेत या कोई काला जादू होता है, वो इस मंदिर में आते ही चीखने, चिल्लाने और दर्द से मचलने लगते हैं। उन इंसानों को यहां जंजीरों से बाँध कर रखा जाता है।

माना जाता है कि रात में इस मंदिर में भूत, प्रेत, आत्माओं का आना-जाना लगा रहता है। जब उन आत्माओं को कोई शरीर मिल जाता है तो वो उसमे चली जातीं हैं। इस मंदिर में सुबह-शाम बालाजी की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान जिन लोगों के शरीर पर आत्माओं का साया रहता है, उन्हें मंत्रों द्वारा निकाला जाता है।

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सोशल मीडिया पर हवाबाजी करने के लिए युवकों ने रेलवे ट्रैक पर उतारी थार, सामने से आ गई मालगाड़ी

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राजस्थान। सोशल मीडिया पर अपना वीडियो या रील बनाने वालों ने इन दोनों कानून और नियम कायदों को धता बताना अपना शग़ल बना लिया है। रील के लिए कोई पहाड़ से कूद जाता है तो कोई पानी के तेज बहाव की परवाह तक नहीं करता। जयपुर में भी ऐसा ही एक मामला सामने आया है जहां कुछ नौजवानों ने स्टंट की खातिर थार जीप को रेलवे ट्रेक पर उतार दिया। फिर जब थार पटरियों पर फँस गई तो उनके हाथ पांव फूल गए। पटरी पर इसी दौरान मालगाड़ी भी आ गई लेकिन लोको पायलट की सूझबूझ से दुर्घटना टल गई।

नशे में धुत्त तीन चार नौजवानों ने सोमवार को जयपुर के सिवांर इलाके में अपनी करतूत से लोगों को परेशानी में डाल दिया। इन युवकों ने पहले एक थार जीप किराए पर ली और उसे लेकर रेलवे ट्रेक पर पहुंच गए। इरादा था ट्रेक पर जीप दौड़ाने का। लेकिन अचानक थार फँस गई पटरियों के बीच। इसी दौरान कनकपुरा रेलवे स्टेशन की तरफ़ से एक मालगाड़ी को आता देख थार में सवार कुछ युवक तो उतरकर भाग गए लेकिन ड्राइवर बैठा रहा। इस बीच मालगाड़ी के लोको पायलट ने थार को ट्रैक पर देखकर ब्रेक लगा दिए जिससे जान माल का नुकसान होने से बच गया। इस दौरान वहाँ आरपीएफ के जवान और स्थानीय लोग भी पहुँच गए और सबने मिलकर ट्रैक से थार जीप को हटाया। लेकिन ये क्या जैसे ही थार ट्रैक से बाहर आई ड्राइवर उसे मौके से भगाकर ले गया । रास्ते में कई वाहनों और दुपहिया को टक्कर मारी लेकिन रुका नहीं। एक जगह बजरी के ढेर पर थार चढ़ गई लेकिन ड्राइवर ने रफ़्तार कम नहीं की और फ़रार हो गया।

 

इसके बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की तो घटनास्थल से चार किलोमीटर दूर थार जीप लावारिस खड़ी मिली। पुलिस में जीप को जब्त कर उसके मालिक की तलाश शुरू की तो पता चला कि थार को पारीक पथ सिंवार मोड़ निवासी कुशाल चौधरी चला रहा था।वो इस जीप को बेगस से किराए पर लेकर आया था। कुशल चौधरी अभी भी फ़रार है इस संबंध में आरपीएफ की तरफ से मुकदमा दर्ज किया गया है। रेलवे प्रोटेक्शन एक्ट की धारा 153 के अलावा धारा 147 और 174 में मामला दर्ज करके आरोपियों की तलाश जारी है। ये सभी ग़ैर जमानती धारा है इनके तीन साल तक की क़ैद का प्रावधान है।

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