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ऑफ़बीट

भारत में है एक ऐसी जगह जहां आना बहुत आसान है, लेकिन यहां से जाना है उतना ही मुश्किल

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जयपुर। हम बात पूरी दुनिया की नहीं कर रहे, बात कर रहें है भारत के एक कोने की। ये कोना लोगों की आस्था के रंग से हमेशा सराबोर रहता है। इस कोने का नाम है मेहंदीपुर बालाजी मंदिर, जो भारत के राजस्थान राज्य में स्थित है। इस मंदिर में हिंदू पौराणिक कथाओं में साहस का प्रतीक माने जाने वाले भगवान हनुमान की पूजा की जाती है, जिन्हें कई भक्त ‘बालाजी’ भी कहतें हैं।

चूँकि ये मंदिर दो पहाड़ियों के बीच बना हुआ है, इसलिए इसे ‘घाटे वाले बाबा’ भी कहा जाता है। यहां हनुमानजी की मूर्ति किसी के द्वारा बनाई नहीं गई है। यह मूर्ति लोगों को अपने आप दिखाई देती है। यहां मूर्ति स्थापित के बाद मंदिर बना था। यहां की मूर्ति लगभग 1000 वर्ष साल है, और ये मंदिर 20वीं शताब्दी में बनाया गया है। इस मंदिर की सबसे ख़ास बात यह है कि जिन लोगों के ऊपर भूत-प्रेत या कोई काला जादू होता है, वो इस मंदिर में आते ही चीखने, चिल्लाने और दर्द से मचलने लगते हैं। उन इंसानों को यहां जंजीरों से बाँध कर रखा जाता है।

माना जाता है कि रात में इस मंदिर में भूत, प्रेत, आत्माओं का आना-जाना लगा रहता है। जब उन आत्माओं को कोई शरीर मिल जाता है तो वो उसमे चली जातीं हैं। इस मंदिर में सुबह-शाम बालाजी की पूजा की जाती है। पूजा के दौरान जिन लोगों के शरीर पर आत्माओं का साया रहता है, उन्हें मंत्रों द्वारा निकाला जाता है।

उत्तर प्रदेश

संभल में 46 साल बाद खुले मंदिर के कुएं से निकली माता पार्वती की खंडित मूर्ति

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में बिजली चोरी के खिलाफ अभियान चला रहे प्रशासन को बीते दिनों करीब 46 साल से बंद पड़ा मंदिर मिला था। यह मंदिर उसी इलाके में है, जहां हिंसा हुई थी और लंबे समय से बंद था। इस हिंदू मंदिर में पहले महादेव की मूर्ति निकली।

उसके बाद मंदिर के प्रांगण में स्थित कुएं की खुदाई की गई। इसके बाद इस मंदिर से मां पार्वती की खंडित प्रतिमा बरामद की गई है। फिलहाल पुलिस ने इस प्रतिमा को अपने कब्जे में ले लिया है और जांच-पड़ताल शुरू कर दी है। हालातों को देखते हुए इलाके में भारी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है।

बता दें कि संभल के नखासा थाना इलाके के मोहल्ला ख़ग्गू सराय में स्थित शिव मंदिर के कपाट खुलने के बाद खुद पुलिसकर्मियों ने मूर्तियों की सफाई की थी। इस दौरान हर-हर महादेव के जयकारों से पूरा आसमान गूंज उठा था। 46 साल बाद खुले मंदिर में पूजा शुरू कर दी गई है। आज भी बड़ी संख्या में भक्त जलाभिषेक करने पहुंचे थे।

ये शिव मंदिर सपा सांसद ज़ियाउर्रहमान बर्क के घर से कुछ ही दूरी पर स्थित है। इस शिव मंदिर पर प्राचीन महादेव मंदिर लिख दिया गया है और मंदिर परिसर में मिले कुएं की खुदाई भी की जा रही है।

बताया जा रहा है कि प्रशासन अब इस मंदिर की कार्बन डेटिंग कराएगा. इसके लिए जिला प्रशासन ने भस्म शंकर मंदिर, शिवलिंग और वहां मिले कुएं की कार्बन डेटिंग कराने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को एक पत्र लिखा है. इस जांच के जरिए प्रशासन इस बात की जानकारी प्राप्त करेगा कि ये मंदिर और इसकी मूर्ति कितनी पुरानी हैं.

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