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हेल्थ

थाइरॉयड की एक वजह तनाव भी

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थाइरॉयड की एक वजह तनाव भी

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थाइरॉयड की एक वजह तनाव भी

नई दिल्ली| भारत की अग्रणी डायग्नोस्टिक चेन एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के सर्वेक्षण के मुताबिक, विश्व में करीब 20 करोड़ लोग थाइरॉयड संबंधी विकारों से पीड़ित हैं और उनमें से करीब 4.2 करोड़ भारत में हैं। थाइरॉयड संबंधी रोगों की एक वजह तनाव भी है।

एसआरएल द्वारा थाइरॉयड विकारों के लिए जांचे गए 20 लाख से अधिक नमूनों में से करीब 25.3 फीसदी में टीएसएच का स्तर असामान्य पाया गया। पुरुषों (24 फीसदी) के मुकाबले महिलाओं (26 फीसदी) में यह स्तर अधिक संख्या में असामान्य पाया गया।

इन आंकड़ों का विश्लेषण करने पर खुलासा हुआ कि असामान्य टीएसएच स्तर के सबसे अधिक मामले देश के पूर्वी हिस्से (कुल नमूनों के 27 फीसदी) में हैं। इसके बाद 26 फीसदी के साथ उत्तर भारत का नंबर आता है। वहीं, दक्षिण और पश्चिमी भारत के लिए टीएसएच असामान्यता का यह आंकड़ा काफी कम 22-22 फीसदी रहा।

फोर्टिस लैब्स की निदेशक डॉ. लीना ने कहा कि अब समय आ गया है कि लोगों के बीच जाकर उन्हें थाइरॉयड विकारों की वजह, लक्षणों, इलाज और समय पर उनकी जांच के महत्व के बारे में बताया जाए।

उन्होंने कहा कि एसआरएल डायग्नोस्टिक्स के पास मौजूद देशव्यापी आंकड़ों में देश के विभिन्न हिस्सों और शहरों में रहने वाले पुरुषों व महिलाओं, चाहे वे किसी भी पेशे या सामाजिक-आर्थिक वर्ग से ताल्लुक रखते हों, के जांच नतीजे शामिल थे। उन्हीं नतीजों का विश्लेषण किया गया।

उन्होंने बताया कि थाइरॉयड संबंधी समस्याओं में थाइरॉयड (गले के पास एक ग्रंथि) से हार्मोन का असामान्य उत्पादन होता है। इस हॉर्मोन के अधिक उत्पादन की स्थिति को हाइपरथाइरॉयडिज्म कहते हैं। जबकि थाइरॉयड का उत्पादन कम होने से हाइपोथाइरॉयड होता है।

डॉ. लीना ने कहा कि थाइरॉयड संबंधी बीमारियों की मुख्य वजह तनाव में रहना और खान-पान में परहेज न करना है। इन बीमारियों से छुटकारा पाया जा सकता है, बशर्ते उनकी उचित जांच और इलाज कराया जाए। उचित जांच होने पर ही सही इलाज भी संभव है।

उन्होंने कहा कि एसआरएल सही जांच करने वाली भारत की सबसे बड़ी डायग्नॉस्टिक्स श्रृंखला है जो लैब्स एवं नमूना संग्रह केंद्रों के अपने शानदार नेटवर्क के माध्यम से ग्राहकों को स्तरीय डायग्नॉस्टिक्स सेवाएं उपलब्ध करा रही है। इसका मकसद देशभर में व्यापक पहुंच बनाते हुए आम जनता के लिए किफायती खर्च पर उन्नत एवं स्तरीय डायग्नॉस्टिक्स सेवाएं सुनिश्चित करना है।

डॉ. लीना ने बताया कि देशभर मंे इसके 7,272 से अधिक कलेक्शन प्वांइट हैं। इस कंपनी की दुबई, श्रीलंका और नेपाल में बड़ी लैबोरेट्रीज हैं और भारत के बाहर कई देशों में करीब 58 कलेक्शन प्वाइंट हैं।

लाइफ स्टाइल

सुबह डल नजर आता है चेहरा, तो अपनाएं ये आसान घरेलू उपाय

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face dull in morning

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नई दिल्ली। सुबह उठने के बाद अक्सर लोगों का चेहरा डल नजर आता है, तो आपको कुछ छोटे-छोटे उपाय करने चाहिए जिससे कि आपको इस प्रॉब्लम से छुटकारा मिल सके। रात के समय अगर आप कुछ टिप्स को फॉलो करके सोते हैं, तो फिर सुबह आपकी स्किन काफी दमकती हुई नजर आएगी।

आपकी स्किन अगर ऑयली है, तो आप रात के समय चेहरा धोने के बाद एलोवेरा जेल से मसाज करके सोएं। इससे आपका चेहरा सुबह उठने पर काफी ग्लोइंग नजर आएगा।

मेकअप उतारकर सोएं

आप अगर मेकअप के साथ ही सो जाते हैं, तो इससे आपका चेहरा डल नजर आने लग जाता है। साथ ही रात के समय मेकअप में मौजूद केमिकल्स आपकी स्किन पर रिएक्ट भी कर सकते हैं। ऐसे में बहुत जरूरी है कि पिम्पल्स से बचाव के लिए मेकअप उतारकर सोएं।

रात को चेहरे पर सीटीएम जरूर करें

चेहरे को ग्लोइंग बनाने और डलनेस दूर करने के लिए सीटीएम रूटीन को फॉलो करें। इसके लिए रात को सोने से पहले आपको चेहरा क्लींजर से साफ करना है, फिर टोनिंग करने के बाद मॉश्चराइजर लगाना है।

चेहरे पर फेसमॉस्क लगाकर न सोएं

कई ऐसे प्रॉडक्ट होते हैं जिन पर लिखा होता है कि यह नाइट ग्लोइंग पैक की तरह काम करते हैं और आप इसे रात में लगाकर सो सकते हैं लेकिन हर किसी की स्किन पर यह प्रॉडक्ट सूट नहीं करते हैं, इसलिए रात को कोई भी फेसमास्क लगाकर न सोएं।

 

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