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उत्तर प्रदेश

यूपी बोर्ड परीक्षा का आज अंतिम दिन, 55 लाख से अधिक परीक्षार्थी हुए सम्मिलित

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लखनऊ/प्रयागराज। शनिवार को यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा का अंतिम दिन है। दोनों पालियों में दो लाख से अधिक परीक्षार्थी परीक्षा में सम्मिलित होंगे। बोर्ड ने शुक्रवार को शिवरात्रि के अवकाश में भी परीक्षा को लेकर अपनी तैयारी की समीक्षा की। अब तक की परीक्षा सकुशल संपन्न हुई है। यूपी बोर्ड की हाईस्कूल एवं इंटर की परीक्षा 22 फरवरी से शुरू हुई थी और नौ मार्च तक कुल 16 दिन तक यह परीक्षा चली। परीक्षा के दौरान कई दिन गैप भी रहा। सीएम योगी की मंशा के अनुरूप बोर्ड परीक्षाओं को नकलविहीन और शुचिता के साथ संपन्न कराने में सफल रहा है।

शनिवार को दोनों पालियों में होगी परीक्षा

शनिवार को प्रथम पाली हाईस्कूल में गुजराती, उर्दू, पंजाबी आदि विषयों की परीक्षा 3409 केंद्रों एवं इंटर की व्यवसायिक वर्ग के विषयों की परीक्षा 1091 परीक्षा केंद्रों पर होगी। इनमें हाईस्कूल में 63508 एवं इंटर में 32,475 समेत कुल 95983 परीक्षार्थी पंजीकृत हैं। द्वितीय पाली में इलेक्ट्रिशियन,आपदा, प्रबंधन, सोलर सिस्टम, रिपेयर व प्लम्बर विषय की परीक्षा एक केंद्र तथा इंटर की संस्कृत व कृषि वर्ग के विषयों की परीक्षा 5613 केंद्रों पर होगी। हाईस्कूल के 37 परीक्षार्थी और इंटर में 12,7941 परीक्षार्थी समेत कुल 1,27,978 परीक्षार्थी पंजीकृत है। दोनों पालियों में 2,23,924 पंजीकृत हैं। गौरतलब है कि परीक्षा में कुल 55,25,308 परीक्षार्थी पंजीकृत थे। इसमें हाईस्कूल में 29,47,311 एवं इंटरमीडिएट में 25,77997 परीक्षार्थी थे। बोर्ड सचिव दिब्यकांत शुक्ला ने बताया कि नौ मार्च की परीक्षा की तैयारी को लेकर आज भी बोर्ड कार्यालय में काम होता रहा। साथ में मूल्यांकन को लेकर भी काम शुरू हो गया है।

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार टीबी रोगियों के करीबियों की हर तीन माह में कराएगी जांच

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लखनऊ |  योगी सरकार ने टीबी रोगियों के संपर्क में रहने वाले व्यक्तियों एवं पूर्व टीबी रोगियों की स्क्रीनिंग कराने का निर्णय लिया है। यह स्क्रीनिंग हर तीन महीने पर होगी। वहीं साल के खत्म होने में 42 दिन शेष हैं, ऐसे में वर्ष के अंत तक हर जिलों को प्रिजेंम्टिव टीबी परीक्षण दर के कम से कम तीन हजार के लक्ष्य को हासिल करने के निर्देश दिये हैं। इसको लेकर सीएम योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य ने सभी जिला क्षय रोग अधिकारियों (डीटीओ) को पत्र जारी किया है।

लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को किया जा रहा और अधिक सुदृढ़

प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रदेश को वर्ष 2025 तक टीबी मुक्त करने का लक्ष्य रखा गया है। ऐसे मेें टीबी रोगियों की युद्धस्तर पर स्क्रीनिंग की जा रही है। इसी क्रम में सभी डीटीओ डेटा की नियमित माॅनीटरिंग और कमजोर क्षेत्रों पर ध्यान देने के निर्देश दिये गये हैं। उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय क्षय उन्मूलन कार्यक्रम (एनटीईपी) का लक्ष्य टीबी मामलों, उससे होने वाली मौतों में कमी लाना और टीबी रोगियों के लिए परिणामों में सुधार करना है। ऐसे में इस दिशा में प्रदेश भर में काफी तेजी से काम हो रहा है। इसी का परिणाम है कि इस साल अब तक प्रदेश में टीबी रोगियों का सर्वाधिक नोटिफिकेशन हुआ है। तय समय पर इस लक्ष्य को पूरा करने के लिए रणनीति को और अधिक सुदृढ़ किया गया है।

कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग से टीबी मरीजों की तेजी से होगी पहचान

राज्य क्षय रोग अधिकारी डाॅ. शैलेन्द्र भटनागर ने बताया कि टीबी के संभावित लक्षण वाले रोगियों की कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग को बढ़ाते हुए फेफड़ों की टीबी (पल्मोनरी टीबी) से संक्रमित सभी लोगों के परिवार के सदस्यों और कार्यस्थल पर लोगों की बलगम की जांच को बढ़ाने के निर्देश दिए गए हैं। कांटेक्ट ट्रेसिंग और स्क्रीनिंग जितनी ज्यादा होगी, उतने ही अधिक संख्या में टीबी मरीजों की पहचान हो पाएगी और उनका इलाज शुरू हो पाएगा। इसी क्रम में उच्च जोखिम वाले लोगों जैसे 60 साल से अधिक उम्र के बुजुर्गों, डायबिटीज रोगियों, धूम्रपान एवं नशा करने वाले व्यक्तियों, 18 से कम बॉडी मास इंडेक्स (बीएमआई) वाले व्यक्तियों, एचआईवी ग्रसित व्यक्तियों और वर्तमान में टीबी का इलाज करा रहे रोगियों के सम्पर्क में आए व्यक्तियों की हर तीन माह में टीबी की स्क्रीनिंग करने के निर्देश दिये गये हैं।

हर माह जिलों का भ्रमण कर स्थिति का जायजा लेने के निर्देश

टीबी को जड़ से खत्म करने के लिए नैट मशीनों का वितरण सभी ब्लाॅकों पर टीबी की जांच को ध्यान रखने में रखते हुए करने के निर्देश दिये गये हैं। साथ ही उन टीबी इकाइयों की पहचान करने जो आशा के अनुरूप काम नहीं कर रहे हैं उनमें सुधार करने के लिए जरूरी कदम उठाने का आदेश दिया गया है। क्षेत्रीय टीबी कार्यक्रम प्रबन्धन इकाई (आरटीपीएमयू) द्वारा हर माह में जनपदों का भ्रमण करते हुए वहां की स्थिति का जायजा लेने के भी निर्देश दिए हैं।

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