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पति पत्नी की छोटी सी गलती से पैदा होते हैं किन्नर, कभी भूल कर भी मत करना ये काम!

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किन्नर

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नई दिल्ली। भारत का संविधान सभी को समानता का अधिकार देता है। लेकिन इस समाज में महिलाओं और पुरुषों की ही बात होती है। किन्नरों पर कोई ध्यान नहीं देता जबकि वह भी हमारे समाज का हिस्सा हैं। सुप्रीम कोर्ट ने भी किन्नरों के पक्ष में फैसला सुनाते हुए उन्हें ओबीसी के अंदर लाने का आदेश दिया था। किन्नरों को लेकर आपके दिमाग में एक बात तो जरूर आती होगी कि आखिर किन्नर पैदा कैसे होते है? आज हम आपको इसी के बारे में बताने जा रहे हैं।

किन्नर

मेडिकल साइंस की रिसर्च के मुताबिक जब महिला गर्भवती होती है तो 3 माह के बाद शिशु का विकास होना शुरु हो जाता है। इस दौरान अगर महिला को कोई बीमारी हो जाए या महिला संबंधी कोई और समस्या हो जाए तो गर्भ में हार्मोंन्स की समस्या के कारण शिशु के अंदर महिला और पुरुष दोनों के ऑर्गन्स आ जाते हैं।

किन्नर

किन्नर पैदा होने की दूसरी वजह दवा के साइड इफेक्ट भी होते हैं। अगर कोई महिला गर्भवती होने के दौरान कोई हैवी दवा का सेवन कर रही होती है तो किन्नर पैदा होने की संभावना काफी बढ़ जाती है। महिलाओं को प्रेग्नेंट होने के दौरान डॉक्टर से सलाह लेकर ही दवा का सेवन करना चाहिए। गर्भावस्था के दौरान महिला को अगर बुखार आ जाए और वह हैवी डोज की दवा ले ले तो भी शिशु के किन्नर पैदा होने की संभावना बढ़ जाती है। दुर्घटना के कारण यदि महिला तीन महीने की गर्भवती है तो भी किन्नर पैदा होने के चांस काफी बढ़ जाते हैं।

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मध्य प्रदेश के शहडोल में अनोखे बच्चों ने लिया जन्म, देखकर उड़े लोगों के होश

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शहडोल। मध्य प्रदेश के शहडोल से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है। यहां ऐसे बच्चों ने जन्म लिया है, जिनके 2 शरीर हैं लेकिन दिल एक ही है। बच्चों के जन्म के बाद से लोग हैरान भी हैं और इस बात की चिंता जता रहे हैं कि आने वाले समय में ये बच्चे कैसे सर्वाइव करेंगे।

क्या है पूरा मामला?

एमपी के शहडोल मेडिकल कालेज में 2 जिस्म लेकिन एक दिल वाले बच्चे पैदा हुए हैं। इन्हें जन्म देने वाली मां समेत परिवार के लोग परेशान हैं कि आने वाले समय में इन बच्चों का क्या भविष्य होगा। उन्हें समझ में ही नहीं आ रहा कि शरीर से एक दूसरे से जुड़े इन बच्चों का वह कैसे पालन-पोषण करेंगे।

परिजनों को बच्चों के स्वास्थ्य की भी चिंता है। बच्चों को ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया है। मेडिकल कालेज प्रबंधन द्वारा इन्हें रीवा या जबलपुर भेजने की तैयारी की जा रही है, जिससे इनका उचित उपचार हो सके। ऐसे बच्चों को सीमंस ट्विन्स भी कहा जाता है।

जानकारी के अनुसार, अनूपपुर जिले के कोतमा निवासी वर्षा जोगी और पति रवि जोगी को ये संतान हुई है। प्रेग्नेंसी के दर्द के बाद परिजनों द्वारा महिला को मेडिकल कालेज लाया गया था। शाम करीब 6 बजे प्रसूता का सीजर किया गया, जिसमें एक ऐसे जुडवा बच्चों ने जन्म लिया, जिनके जिस्म दो अलग अलग थे लेकिन दिल एक ही है, जो जुड़ा हुआ है।

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