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उमर, अनिर्बान की पुलिस हिरासत बढ़ी

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य, 14 दिन की न्यायिक हिरासत, देशद्रोह के आरोपों का सामना, 'भारतविरोधी' नारे लगाने का जुर्म

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जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य, पुलिस हिरासत एक दिन बढ़ा दी गई, देशद्रोह के आरोपों का सामना

नई दिल्ली| जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) के विद्यार्थियों उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य की पुलिस हिरासत एक दिन बढ़ा दी गई है। दोनों भारत विरोधी नारे लगाने के लिए देशद्रोह के आरोपों का सामना कर रहे हैं। सूत्रों ने सोमवार को कहा कि जेएनयू के दोनों विद्यार्थियों की दो दिन की पुलिस हिरासत समाप्त होने के बाद एक गोपनीय स्थान पर दंडाधिकारी के समक्ष पेश किया गया और दंडाधिकारी ने दोनों से एक दिन और पूछताछ करने की अनुमति पुलिस को दे दी। दोनों विद्यार्थियों ने पिछले मंगलवार आधी रात को विश्वविद्यालय के एक प्रवेश द्वार के बाहर पुलिस के समक्ष समर्पण कर दिया था। जेएनयू छात्रसंघ के अध्यक्ष कन्हैया कुमार को देशद्रोह के आरोप में 12 फरवरी को गिरफ्तार किए जाने के तत्काल बाद खालिद और भट्टाचार्य के खिलाफ वसंतकुंज पुलिस थाने में एक मामला दर्ज किया गया था। इन सभी पर देशद्रोह के आरोप इसलिए लगाए गए हैं, क्योंकि इन्होंने संसद हमले के दोषी अफजल गुरु की फांसी की बरसी पर विश्वविद्यालय परिसर में एक कार्यक्रम आयोजित किया था।

प्रादेशिक

IPS अधिकारी संजय वर्मा बने महाराष्ट्र के नए डीजीपी, रश्मि शुक्ला के ट्रांसफर के बाद मिली जिम्मेदारी

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महाराष्ट्र। महाराष्ट्र के नए डीजीपी का कार्यभार IPS संजय वर्मा को सौंपा गया है। आईपीएस संजय वर्मा को केंद्रीय चुनाव आयोग ने महाराष्ट्र के नए पुलिस महानिदेशक के रूप में नियुक्त किया है। कुछ ही दिनों में महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव है। उससे पहले चुनाव आयोग ने राज्य कांग्रेस प्रमुख नाना पटोले की शिकायत मिलने के बाद डीजीपी रश्मि शुक्ला के तबादले का आदेश दिया था।

कौन हैं IPS संजय वर्मा?

IPS संजय वर्मा 1990 बैच के पुलिस अधिकारी हैं। वह महाराष्ट्र में वर्तमान में कानून और तकनीकी के डीजी के रूप में कार्यरत रहे। वह अप्रैल 2028 में सेवानिवृत्त पुलिस सेवा से रिटायर होंगे। दरअसल, डीजीपी रश्मि शुक्ला को लेकर सियासी दलों के बीच पिछले कुछ समय से माहौल गर्म था। कांग्रेस के बाद उद्धव गुट की शिवसेना ने भी चुनाव आयोग को पत्र लिखकर उन्हें हटाने की मांग की थी।

कांग्रेस ने रश्मि शुक्ला की निष्पक्षता पर सवाल उठाते हुए चुनाव आयोग से उन्हें महानिदेशक पद से हटाने की मांग की थी। कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष नाना पटोले ने उन पर आरोप लगाया था कि वह बीजेपी के आदेश पर सरकार के लिए काम कर रही हैं।

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