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उत्तराखंड

बोर्ड परीक्षा में कम अंक मिले हैं, तो जल्द उठाएं इस सुविधा का फायदा

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उत्तराखंड बोर्ड 10वीं और 12वीं का रिजल्ट 26 मई को जारी हो चुका है। परीक्षा परिणाम आने के बाद कई छात्रों को खुशी हुई, तो कहीं कई छात्रों को परीक्षा में कम अंक आने के कारण निराश होना पड़ा। अगर आपके परीक्षा नें कम अंक आए हैं, तो यह खबर आपके के लिए बेहद खास है।

उत्तराखंड बोर्ड छात्रों को स्क्रूटनी का मौका दे रही है। बोर्ड के मुताबिक, जल्द ही स्क्रूटनी प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके आवेदन पत्र बोर्ड की वेबसाइट ( www.ubse.uk.gov.in ) पर जारी किया जाएगा।

उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद (यूबीएसई) के सभापति एवं निदेशक आर. के. कुंवर ने बताया, ” रिजल्ट जारी होने के बाद तीन दिन तक बोर्ड दफ्तर बंद रहता है। बोर्ड कार्यालय में काम शुरू होते ही स्क्रूटनी की प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी। जिन छात्र-छात्राओं को अपनी मार्किंग से आपत्ति है, वह तुरंत इसके लिए आवेदन कर सकते हैं। बोर्ड की वेबसाइट पर फॉर्म अपलोड किया जाएगा।”

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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