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उत्तराखंड

राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर सीएम त्रिवेंद्र ने रक्तदान शिविर का किया उद्घाटन

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कहा कि खून के अभाव में किसी की जान नहीं जानी चाहिए। यह सुनिश्चित किया जाना चाहिए कि ब्लड बैंकों तक आर्थिक व सामाजिक रूप से पिछड़े लोगों की भी पहुंच बने। रक्तदान के साथ ही अंगदान के लिए भी वातावरण बनाए जाने की जरूरत है।

अंगदान से अपनी मृत्यु के पश्चात भी दूसरों के जीवन को बचाया जा सकता है, खुशहाल बनाया जा सकता है। इसके लिए पूरे समाज में जागरूकता लानी होगी। सोच ऐसी विकसित करनी होगी ताकि अधिक से अधिक लोग रक्तदान की ही तरह अंगदान के लिए भी प्रेरित हों।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को राष्ट्रीय स्वैच्छिक रक्तदान दिवस पर जनता दर्शन हॉल, सीएम आवास में आयोजित रक्तदान शिविर का उद्घाटन किया। रक्तदान शिविर का आयोजन स्टेट ब्लड ट्रांसफ्यूजन काउंसिल व उत्तराखण्ड राज्य एड्स नियंत्रण समिति द्वारा किया गया।

उत्तराखण्ड, रक्तदान में सरप्लस स्टेट

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड में औसतन प्रति वर्ष 80 हजार यूनिट ब्लड की आवश्यकता होती है जबकि यहां 1 लाख यूनिट रक्तदान, हर साल किया जा रहा है। इस तरह हम रक्तदान में सरप्लस स्टेट हैं। दूसरे उन राज्यों में भी मदद कर सकते हैं जहां ब्लड की जरूरत होती है।

रक्तदान से बढ़ती है रोग प्रतिरोधक क्षमता

मुख्यमंत्री ने रक्तदान से जुड़े अपने छात्र जीवन के संस्मरण बताते हुए कहा कि वे अपने साथियों के साथ नेताजी सुभाष चंद्र बोस की जयंती पर रक्तदान शिविर का आयोजन करते थे। उस समय लोगों में जागरूकता नहीं थी। और दान किए गए रक्त को अधिक समय तक सुरक्षित रखने की भी व्यवस्था नहीं होती थी। तमाम तरह की दुश्वारियां आती थीं। अब समय बदल गया है। उत्तराखण्ड में हर जिले में ब्लड बैंक हैं। राज्य में 25 सरकारी व 17 गैर सरकारी ब्लड बैंक हैं। लोगों में भी इसके प्रति काफी जागरूकता आई है। परंतु अभी भी बहुत से लोग हैं जो कि रक्तदान को लेकर भ्रमित हैं। उन्हें बताया जाना चाहिए कि रक्तदान से दूसरो के स्वास्थ्य को तो ठीक करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं, खुद के शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती है।

रक्तदान है जीवनदान, महादान

मेयर सुनील उनियाल गामा ने कहा कि रक्तदान जीवनदान है, महादान है। उन्होंने लोगों से रक्तदान के साथ ही अपनी दैनिक जीवनचर्या से प्लास्टिक का दान भी करने का आह्वान किया।

रक्तदान को लेकर भ्रांतियों को दूर करना जरूरी

इस अवसर पर एम्स ऋषिकेश की डॉ. गीता नेगी ने विस्तार से जानकारी देते हुए बताया कि रक्तदान के साथ ही सुरक्षित रक्तदान भी जरूरी है। औसतन प्रति हजार जनसंख्या पर 25 रक्तदाताओं की जरूरत होती है। विकसित देशों में यह औसत 50 प्रति हजार है जबकि भारत में प्रति हजार जनसंख्या पर केवल 8 रक्तदाता हैं। देश में आवश्यकता की अपेक्षा रक्त की कमी है। वैसे सामान्य भारतीय रक्तदान को इच्छुक रहता है परंतु कतिपय भ्रांतियों के कारण रक्तदान नहीं करता है। इन भ्रांतियों को दूर करने के लिए आम व्यक्ति को जागरूक बनाना होगा।

 

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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