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उत्तराखंड

शिक्षक दिवस के मौके पर उत्तराखंड के सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने दिया खास संदेश

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उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने शिक्षक दिवस पर प्रदेश के सभी शिक्षकों को हार्दिक बधाई दी है। शिक्षक दिवस पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा है कि विद्यार्थियों को योग्य नागरिक बनाने के साथ ही उनके चरित्र निर्माण में शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान है। शिक्षक सही मायनों में राष्ट्र निर्माता होते हैं। सुदृढ़ शिक्षा प्रणाली मजबूत राष्ट्र की आधारशिला है।

#HappyTeachersDay पर सीएम त्रिवेंद्र का खास संदेश

” शिक्षकों का हमारे जीवन में बहुत बड़ा योगदान है। समाज में नवजागरण के साथ ही उसे नई दिशा देने में भी शिक्षकों का महत्वपूर्ण योगदान रहता है।

पूर्व राष्ट्रपति, शिक्षाविद् एवं दार्शनिक डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन के जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाना हम सभी के लिए गर्व की बात है।

इस मौके पर अपने शिक्षकों का सम्मान करना ही उस महान व्यक्तित्व के प्रति सच्ची श्रद्धांजलि होगी।” मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने आगे कहा।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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