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उत्तराखंड

लोकतंत्र की हत्या के लिए भाजपा जिम्मेदार: किशोर उपाध्याय

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लोकतंत्र की हत्या के लिए भाजपा जिम्मेदार, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा का जन्म दिन, साम्प्रदायिक विरोधी दिवस

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लोकतंत्र की हत्या के लिए भाजपा जिम्मेदार, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय, हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा का जन्म दिन, साम्प्रदायिक विरोधी दिवस

photo: uttarakhandnewsnetwork.com

देहरादून। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने यहां राजीव भवन में आयोजित पत्रकार वार्ता में कहा कि कांग्रेस द्वारा चलाए जा रहे लोकतंत्र बचाओ आन्दोलन को प्रदेश की जनता का स्नेह मिल रहा है, जिसके लिए प्रदेश की जनता का आभार प्रकट करते हैं। उन्होने प्रेस के माध्यम से जनता के सामने तीन विषयों को रखते हुए 25 अप्रैल को हिमालय पुत्र हेमवती नन्दन बहुगुणा का जन्म दिन साम्प्रदायिक विरोधी दिवस के रूप में मनाने का आवाहन किया। उन्होने सभी जिलाध्यक्षों एवं शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्षगणों से सभी जिला मुख्यालयो पर कार्यक्रम आयोजित करने के निर्देश दिये।  उपाध्याय ने कहा कि स्व. श्री हेमवती नंदन बहुगुणा जी हमेशा ही साम्प्रदायिक ताकतों के विरोधी रहे।

उन्होंने अविभाजित उत्तर प्रदेश में साम्प्रदायिक ताकतों को कभी मजबूत नही होने दिया। उन्होंने कहा कि इन कार्यक्रमों में सभी कांग्रेसजन प्रदेश में साम्प्रदायिक ताकतों को उखाड़ फेंकने की शपथ लेंगे। उन्होने बताया कि भाजपा की कलुषित मानसिकता को देश भर की जनता के सामने लाने के लिए 9 मई 2016 से शुरू होने वाली चार धाम यात्रा में देश विदेश के श्रद्धालुओं के सामने भी रखा जाएगा। जिसके लिए देवभूमि के सभी प्रवेश द्वारों जैसे कोटद्वार, हरिद्वार, जौलीग्रांट, ऋशिकेष, आदि स्थानों पर हिन्दी अंग्रेजी भाषा में भाजपा द्वारा प्रदेश में लोकतंत्र की हत्या का जो षडयंत्र किया जा रहा है, उसकी जानकारी दी जाएगी।

उन्होने कहा कि पूर्व में तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत को पत्र देकर अपील की गयी थी, कि 1990 से अब तक उत्तराखण्ड प्रदेश में जो भी सरकारी जमीनें निजी संस्थाओं या व्यक्तियों को दी गयी हैं, उन्हें सार्वजनिक किया जाए, तथा यह भी पता किया जाए कि जिन उदेद्श्यों के लिए जमीने दी गई थी, क्या उनका उपयोग उसी के निहितार्थ हुआ है या नहीं। यदि उनका उपयोग उनके निहितार्थ नहीं हुआ है तो उन जमीनों का आवंटन निरस्त किया जाना चाहिए। किशोर उपाध्याय ने भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता अनिल बलूनी के सवाल पर कहा कि उन्हें लाल कृष्ण आडवाणी, केन्द्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली, पूर्व मुख्यमंत्री रमेश पोखरियाल निशंक से पूछना चाहिये कि उन्हें कितनी जमीन सस्ती दरों पर उत्तराखण्ड प्रदेश में मिली है, तथा उसे भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को जनता के बीच सार्वजनिक करना चाहिए। उन्होने कहा कि भाजपा के नेताओं में काम करने की क्षमता एवं साकारत्मक सोच की दिशा नही है इसलिए वह दूसरा पर मनगढ़ंत आरोप लगाते रहते हैं।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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