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उत्तराखंड

फ्लाई ओवर निर्माण में देरी पर भड़के विधायक

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उत्तराखण्ड, फ्लाई ओवर निर्माण में देरी, विधायक एवं कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल

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उत्तराखण्ड, फ्लाई ओवर निर्माण में देरी, विधायक एवं कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल

Dinesh Agarwal inspecting Flyover

देहरादून। आई.एस.बी.टी (धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र) में फ्लाई ओवर निर्माण के चलते सड़क किनारे बनी नालियों चैक होने तथा सड़क में बने गहरे गड्ढों में बुधवार को हुई बारिश के बाद सड़क पर दो फुट तक पानी भर गया, सड़क किनारे बने नाले को स्लैब से ढक देने के कारण कूड़ा फंस जाने से बारिश का पानी सड़कों पर भरने लगा।

इसकी सूचना पर स्थानीय विधायक एवं कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार दिनेश अग्रवाल ने आज आई.एस.बी.टी क्षेत्र का दौरा किया। कैबिनेट मंत्री द्वारा फ्लाई ओवर का निरीक्षण किया गया, इस दौरान निर्माण कर रही कार्यदायी संस्था के अधिकारी मौके पर उपस्थित रहेे।

निरीक्षण के दौरान कैबिनेट मंत्री दिनेश अग्रवाल ने मुख्य अभियन्ता लो.नि.वि, राष्ट्रीय राजमार्ग निर्माण सहित क्षेत्र व राष्ट्रीय राजमार्ग पर बने गहरे गड्ढों को भराने तथा नालियों को साफ कराने के निर्देश दिये।

उन्होने नालों को ढक दिये जाने के कारण सड़क पर हुए जलभराव के लिए अभियन्ताओं को फटकार लगाई। उन्होने मौके पर उपस्थित जिलाधिकारी रविनाथ रमन को लापरवाह अधिकारियों के विरुद्ध दण्डात्मक कार्रवाई करने के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी रविनाथ रमन ने अधीक्षण अभियन्ता लो.नि.वि को सात दिन के निर्धारित समय में ध्वस्त हो चुकी सड़क का समतलीकरण करवाने तथा चैक नालों की सफाई के निर्देश दिये।

जिलाधिकारी ने उक्तावधि में सड़क का समतलीकरण तथा नालियों की सफाई न होने की दशा में सम्बन्धित अधिकारियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्रवाई किये जाने की चेतावनी दी।

उन्होने उप जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया को दो दिन के पश्चात क्षेत्र का दौरा करने तथा दिये गये आदेशों का पालन न होने की दशा में कार्यदायी संस्था के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई के निर्देश दिये।

इस अवसर पर स्थानीय प्रतिनिधि हरी प्रसाद भट्ट ने क्षेत्रीय विधायक अग्रवाल से कार्यदायी संस्था द्वारा निर्माण कार्य में लापरवाही बरतने की शिकायत की, जिस पर दिनेश अग्रवाल ने कार्यदायी संस्था के अधिकारियों की लापरवाही पर गहरी नाराजगी व्यक्त करते हुए बरसात के दो माह तक नाले की निरन्तर सफाई कराने व सड़क से गुजर रहे वाहन चालकों की सुरक्षा को दृष्टिगत रखते हुए सड़क के सुदृढिकरण करने को कहा।

मंत्री ने बरसात बीतने के बाद पुल निर्माण योजना में नाले को पुनः सुरक्षित ढंग से निर्माण किये जाने को निर्माण योजना में शामिल करने के निर्देश दिये। वहीं सड़क के गड्ढे भरने में मिट्टी का प्रयोग न किये जानेे की हिदायत दी।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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