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उत्तराखंड

उत्तराखंड में महंगाई की एक और डोज

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उत्तराखंड में महंगाई की एक और डोज, पांच फीसद महंगी की गई बिजली, घरेलू श्रेणी की दरों में 26 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा

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उत्तराखंड में महंगाई की एक और डोज, पांच फीसद महंगी की गई बिजली, घरेलू श्रेणी की दरों में 26 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा

देहरादून। उत्तराखंड में नये वित्तीय वर्ष में पानी के बाद अब उपभोक्ताओं को बिजली भी झटका देने को तैयार है। विभिन्न श्रेणी में बिजली की दरों में पांच फीसद की बढ़ोतरी करते हुए घरेलू श्रेणी की दरों में 26 पैसे प्रति यूनिट का इजाफा किया गया है। विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दरें जारी करते हुए इसकी पुष्टि की है। बिजली दरों में इजाफे के बाद अब घरेलू उपभोक्ताओं की औसतन 26 पैसे प्रति यूनिट चुकानी होगी. वहीं, कॉमर्शियल उपभोक्ताओं के लिए औसत वृद्धि 28 पैसे प्रति यूनिट की गई है। हालांकि यह वृद्धि दर पिछले वर्ष के मुकाबरे 2.14 फीसद कम है। फिक्स चार्ज में भी खपत के हिसाब से न्यूनतम पांच रुपये और अधिकतक 30 रुपये की बढ़ोतरी की गई है। इसके तहत, लंबी अवधि के लिए दो कंपनियों गामा गैस पावर प्लांट और बुधिल हाइड्रो से करार किया गया है। यह डील सीमित दरों में बिजली खरीदने के लिए किया गया है।

पांच फीसद महंगी की गई बिजली

ज्ञात हो कि उत्तराखंड पावर कारपोरेशन की ओर से उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग (यूईआरसी) को बिजली कीमतों में 25 प्रतिशत इजाफे का प्रस्ताव दिया था। जिसे खारिज करते हुए यूईआरसी ने उपभोक्ताओं को राहत दी है। यूईआरसी ने पिछले साल बिजली के दामों में 7 प्रतिशत की बढ़ोतरी की थी, जबकि इस साल 5 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी की है। इस वर्ष दो कंपनियों ने 25 साल के लिए विद्युत क्रय का एमओयू किया गया है। प्रदेश का बिजली विभाग 15 हजार करोड़ के घाटे में चल रहा है। उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग ने कहा कि यह घाटा देश में अन्य प्रदेशों की तुलना में सबसे कम है। साथ ही पूरे देश में उत्तराखंड सबसे सस्ती बिजली दे रहा है। अन्य राज्यों में बिजली विभाग का घाटा कई गुना है।

उत्तराखंड विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष सुभाष कुमार ने बिजली की नई दरें घोषित कीं। उन्होंने बताया कि ऊर्जा निगम ने विभिन्न निवेश का हवाला देते हुए दरों में 24.96 फीसद बढ़ोतरी का प्रस्ताव दिया था। प्रदेश भर में की गई जन सुनवाई व परीक्षण के बाद निगम के कई तर्कों को खारिज करते हुए नई दरें में 4.99 फीसद बढ़ोतरी पर मुहर लगाई गई। उन्होंने बताया कि बिजली व्यवस्था में सुधार के लिए ऊर्जा निगम समेत उत्तराखंड जल विद्युत निगम व उत्तराखंड विद्युत पारेषण निगम को 2104 करोड़ रुपये निवेश की स्वीकृति दी गई है।

 

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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