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उत्तराखंड

उत्तराखंड : जंगल में आग पर राज्य, केंद्र से जवाब तलब

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उत्तराखंड : जंगल में आग पर राज्य, केंद्र से जवाब तलब

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उत्तराखंड : जंगल में आग पर राज्य, केंद्र से जवाब तलब

देहरादून| उत्तराखंड के जंगलों में लगी भीषण आग के मुद्दे को नैनीताल उच्च न्यायालय ने गंभीरता से लिया है। न्यायालय ने केंद्र और राज्य सरकार को मामले में जवाब देने के लिए नोटिस जारी किया है। मामले पर अगली सुनवाई नौ मई को होगी। मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति के.एम. जोसेफ और न्यायमूर्ति वी.के. बिष्ट की पीठ ने मामले की सुनवाई की।

उल्लेखनीय है कि अल्मोड़ा के बच्चों को बन्दरों से निजात दिलाने के लिए दाखिल एक जनहित याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई के दौरान पीठ के समक्ष यह मामला उठा था। इस पर सोमवार को औपचारिक सुनवाई शुरू हुई।

पीठ ने राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन अधिनियम को प्रभावी रूप से लागू करने के निर्देश दिए और कहा कि “जंगलों में आग एक स्थाई समस्या है। इसके लिए पहले से इंतजाम करने की जरूरत है। इसलिए जंगल के बीच में ‘चाल व खाल’ बना कर पानी को रोकने की व्यवस्था होनी चाहिए।”

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शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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