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प्रादेशिक

दल-बदल नोटिस गैर कानूनी: हरक सिंह रावत

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दल-बदल नोटिस गैर कानूनी, हरक सिंह रावत, बागियों के बारे में सरकार का झूठा प्रचार, उत्तराखंड सरकार पर जारी संकट

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दल-बदल नोटिस गैर कानूनी, हरक सिंह रावत, बागियों के बारे में सरकार का झूठा प्रचार, उत्तराखंड सरकार पर जारी संकट

बागियों के बारे में सरकार का झूठा प्रचार

सीएम को हमने बहुत मौके दिये

देहरादून। कांग्रेस के बागी नेता हरक सिंह रावत ने उत्तराखंड सरकार पर जारी संकट के बीच कहा है कि सीएम हरीश रावत ने उन्हें प्रलोभन दिया था। हरक सिंह ने कहा कि विधानसभा में वोटिंग से एक घंटे पहले सीएम ने उन्हें अपने चैंबर में बुलाकर मनचाहे विभाग का मंत्री बनने की पेशकश की थी, जिसे उन्होंने ठुकरा दिया। दल-बदल कानून के तहत नोटिस मिलने पर हरक सिंह रावत ने कहा कि यह गैर कानूनी तौर पर दिया गया है। हमने अगर दल बदल किया होता तो सरकार गिर चुकी होती। बिना ऐसा हुए स्पीकर किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कर सकते।

हरक सिंह ने कहा कि विधानसभा से बाहर हम क्या करते हैं यह हमारी आजादी है। उन्होंने चार्टर्ड फ्लाइट लेने की बात को झूठ करार दिया। उन्होंने कहा कि हमने स्पाइसजेट के विमान से सफर किया है और हमारे पास उसका बोर्डिंग पास भी है। हरक सिंह ने कहा कि 15 करोड़ रुपये लिए जाने का आरोप बेबुनियाद है। हम बिकाऊ नहीं हैं। भ्रष्टाचार के खिलाफ बोलते रहेंगे। हरक सिंह रावत ने कहा कि मुख्यमंत्री बनने की हमारी कोई चाहत नहीं है। राज्य में भ्रष्टाचार की जड़ें बुरी तरह फैल गई हैं। हम पहले भी इसके खिलाफ बोलते रहे हैं और आगे भी बोलते रहेंगे। बागी विधायकों ने राष्ट्रपति से मिलने का समय मांगा है, जो फिलहाल नहीं मिल सका है।

हरक सिंह रावत का कहना है कि उन्होंने मुख्यमंत्री हरीश रावत को संभलने का बहुत समय दिया, लेकिन वे नहीं समझे। अपनी चलाते रहे। इसलिए वह तो सरकार गिराने के मौके की तलाश में थे। उचित समय आया तो उन विधायकों को एकजुट किया जिनमें सरकार के खिलाफ असंतोष था। हरक सिंह रावत ने दावा किया कि कुछ और भी असंतुष्ट विधायक उनके संपर्क में हैं। यह संख्या 18 तक जा सकती है। उन्होंने कहा कि अवैध खनन करने वालों ने गंगा नदी के साथ-साथ उत्तराखंड की कई नदियां खोद डालीं। अवैध शराब बेचने वाले उत्तराखंड को तबाह कर रहे हैं, जमीन घोटाले हो रहे हैं, गुंडागर्दी बढ़ रही है। ऐसे माफियाओं के आगे किसी की कोई इज्जत नहीं रह गई थी इसलिए बजट सत्र में सरकार को अल्पमत में लाकर खड़ा करने का निर्णय लिया गया। जब सरकार वन मैन शो बन जाए और किसी की सुनवाई न हो तो ऐसा ही करना पड़ता है।

 

 

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हरियाणा सरकार ने 10 उपायुक्तों समेत 28 आईएएस अधिकारियों का किया ट्रांसफर

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चंडीगढ़। हरियाणा में नायब सिंह सैनी की नई सरकार ने 10 उपायुक्तों समेत 28 आईएएस अधिकारियों का तत्काल प्रभाव से ट्रांसफर कर दिया है। एक आधिकारिक आदेश में बताया गया कि वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सीजी रजनी कांथन को हरियाणा सरकार, वित्त विभाग में सचिव के पद पर स्थानांतरित किया गया है।

यश गर्ग को उद्योग एवं वाणिज्य निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है, जबकि अशोक कुमार गर्ग को नगर निगम गुरुग्राम का आयुक्त बनाया गया है। राजेश जोगपाल को सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार के रूप में तैनात किया गया है जबकि धीरेन्द्र खड़गटा को रोहतक का उपायुक्त तथा पर्यावरण, वन एवं वन्यजीवन मामलों का विशेष सचिव बनाया गया है।

आदेश के अनुसार, धर्मेंद्र सिंह को रोहतक का जिला नगर आयुक्त बनाया गया है जबकि राम कुमार सिंह को राजस्व एवं आपदा प्रबंधन तथा सिंचाई एवं जल संसाधन विभाग के विशेष सचिव का कार्यभार सौंपा गया है। अजय कुमार को गुरुग्राम का उपायुक्त (डीसी) नियुक्त किया गया है जबकि प्रदीप दहिया को झज्जर का डीसी नियुक्त किया गया है। आदेश के अनुसार, मुनीश शर्मा को चरखी दादरी का डीसी बनाया गया है जबकि अनीश यादव को हिसार के डीसी का कार्यभार सौंपा गया है। मोनिका गुप्ता को डीसी, पंचकूला, प्रशांत पंवार को डीसी, नूंह, प्रीति को डीसी, कैथल और नेहा सिंह को डीसी, कुरुक्षेत्र के रूप में नियुक्त किया गया है।

आदेश के अनुसार, विवेक भारती को महेंद्रगढ़ का डीसी नियुक्त किया गया है जबकि वैशाली शर्मा को नगर निगम, करनाल का आयुक्त बनाया गया है। नीरज को जिला नगर आयुक्त, हिसार बनाया गया है जबकि आनंद कुमार शर्मा को महेंद्रगढ़ का अतिरिक्त उपायुक्त बनाया गया है। आदेश के अनुसार, रेणु सोगन को नगर निगम मानेसर का आयुक्त बनाया गया है, जबकि ब्रह्मजीत सिंह रंगी को जिला नगर आयुक्त, पानीपत नियुक्त किया गया है।

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