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उत्तराखंड

फिल्म शूटिंग के लिहाज से उत्तराखंड सबसे बेहतर राज्य

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नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित कार्यक्रम में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद व केन्द्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्री स्मृति जुबिन ईरानी और केन्द्रीय सूचना व प्रसारण राज्य मंत्री कर्नल राज्यवर्धन राठौर ने उत्तराखंड राज्य को (Special Mention Certificate for Film Friendly Environment) सर्टीफिकेट अॉफ फिल्म फ्रेंडली एनवायरनमेंट से सम्मानिक किया।

राज्य सरकार की ओर से यह पुरस्कार सचिव / महानिदेशक सूचना डाॅ.पंकज कुमार पांडेय ने प्राप्त किया।सूचना प्रसारण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा The Most Film Friendly State Award  के अन्तर्गत इस बार उत्तराखंड राज्य का भी चयन किया गया है। इस अवसर पर नोडल अधिकारी उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के एस चैहान भी मौजूद थे।

केंद्र सरकार ने दिया सर्टीफिकेट अॉफ फिल्म फ्रेंडली स्टेट।

इस मौके पर उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद के मुख्य कार्यकारी अधिकारी डाॅ.पंकज कुमार पांडेय ने कहा कि उत्तराखंड राज्य को यह पुरस्कार मिलने से प्रदेश में फिल्मों की शूटिंग को और अधिक प्रोत्साहन मिलेगा। देश-विदेश के फिल्म निर्माता राज्य में अधिक से अधिक संख्या में आएंगे।”

” परिषद के माध्यम से फिल्म निर्माताओं को अधिक से अधिक सुविधा मिले, इसके लिए पूरे प्रयास किए गए हैं। मुख्यमंत्री की घोषणा के क्रम में प्रदेश में निर्मित होने वाली फिल्मों की शूटिंग में शुल्क को समाप्त किया गया है। इससे प्रदेश में फिल्मांकन के प्रति फिल्म निर्माताओं एवं निर्देशकों का रूझान बढ़ा है।”  डॉ.पांडेय ने आगे बताया।

उत्तराखंड में वर्ष 2015 से अब तक लगभग 100 से अधिक फिल्म निर्माताओं द्वारा फीचर फिल्म, टीवी सीरियल, डाक्यूमेंट्री, वीडियो एलबम आदि की शूटिंग राज्य में की गई हैं, जिन्हें उत्तराखंड फिल्म विकास परिषद द्वारा सिंगल विडों के माध्यम से सात दिन से भी कम समय के भीतर शूटिंग के लिए अनुमति प्रदान की गई है। इनमें कई बड़े बैनरों की भी कई फिल्मों की शूटिंग उत्तराखण्ड के विभिन्न क्षेत्रों में की गई है।

हाल ही उत्तराखंड में बनी कुछ फिल्में

देवगन प्रोडक्शन द्वारा बनाई गई हिन्दी फिल्म शिवाय
तिग्मांशु धूलिया निर्देशित राग देश
हिन्दी फिल्म शुभ मंगल सावधान
तेलगु फिल्म ब्रहमोत्सवम

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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