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उत्तराखंड

परोगी-कांडी मार्ग छह माह में उखड़ा, ग्रामीण आक्रोशित

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परोगी-कांडी मार्ग, छह माह में उखड़ा, ग्रामीण आक्रोशित, मसूरी देहरादून

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परोगी-कांडी मार्ग, छह माह में उखड़ा, ग्रामीण आक्रोशित, मसूरी देहरादून

Damaged Road Mussoorie

मसूरी (देहरादून)। परोगी-कांडी मार्ग बने छह माह भी नहीं हुए कि सड़क की डामर कई स्थानों पर उखड़ गई जिसका ग्रामीणो ने कड़ा विरोध किया। उन्होंने लोनिवि से मांग की कि उक्त रोड को तत्काल प्रभाव से ठीक किया जाय व विभाग के भ्रष्टाचार के विरुद्ध जांच की जाये। वहीं आरोप लगाया कि सड़क जहां चैड़ी है वहां पुश्ते लगाये गये व जहां संकरी है वहां पुश्ते नहीं लगाये गये, जब कि बेल गांव के चार मकान चैड़ीकरण के कारण खतरे की जद में हैं जिसमें अधिकतर मकान अनुसूचित जाति के हैं।

परोगी के पूर्व प्रधान महिपाल सजवाण ने बताया कि बेल गांव के समीप किमी 4 पूर्ण रूप से डामर उखड़ गया जिस कारण ग्रामीणों में खासा आक्रोष है। उनका कहना है कि यह रोड़ बड़ी मुश्किल से बनी है और आगामी पांच सालों में इस पर कोई कार्य नहीं होना है। अगर बनने के छह माह में यह हाल है तो आने वाली बरसात में रोड का क्या हाल होगा।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में कई बार विभागीय अधिकारियों को कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। जब मुख्यमंत्री के पास के विभाग का हाल यह है तो बाकी विभागों का क्या हाल होगा। वहीं कहा कि तो ब्रस्ट वाल लगाई गई है उसका आसरा भी नहीं है जो बरसात में गिर सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि जहां रोड चैड़ी है वहंा पुश्ते लगाये गये व जहां जरूरत है वहां पुश्ते नहीं लगाये गये। जबकि विभाग से बार बार कहा गया के बेल गांव में जहां चैड़ीकरण के लिए खोदा गया वहां पुश्ता नहीं लगाया गया जिससे गांव के चार से अधिक मकानों को खतरा पैदा हो गया।

मौके पर मौजूद पूर्व जिला पंचायत सदस्य चमन दास ने कहा कि बेल गांव में अनुसूचित जाति के चार मकानों का रास्ता सड़क चैड़ीकरण के चलते लोक निर्माण विभाग ने तोड़ दिया जो आज तक नहीं बना। जबकि आगामी बरसात में चारों मकानों को खतरा पैदा हो गया है।

इस मौके पर ग्राम प्रधान बेल सरिता राणा ने कहा कि गांव के मकानों को खतरा होने के साथ ही सड़क का बुरा हाल है जबकि कई बार कहा गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही है। क्षेत्र पंचायत सदस्य कमल रावत ने कहा कि अगर सड़क को दुबारा नहीं बनाया गया व जहां जरूरत है वहां पुश्ते नहीं लगाये गये तो ग्रामीणों को मजबूर होकर आंदोलन करना पड़ेगा।

उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला बीडीसी की बैठक में भी उठाया गया। वहीं विनोद राणा ने कहा कि लोनिवि के गुणवत्ता विहीन कार्य की जांच होनी चाहिए तथा दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए। लोनिवि के सहायक अभियंता लिंगवाल ने कहा कि रोड खराब होने का मामला संज्ञान में आया है तथा शीघ्र ही रोड की मरम्मत की जायेगी।

 

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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