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उत्तराखंड

उत्तराखंड सरकार का फैसला, रक्षाबंधन पर महिलाओं के लिए रोडवेज बसों में सफर फ्री

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देहरादून। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने मंगलवार को जोगीवाला स्थित वैडिंग प्वांइट में आयोजित रक्षाबंधन समारोह में प्रतिभाग किया। इस अवसर पर बड़ी संख्या में उपस्थित महिलाओं ने मुख्यमंत्री की कलाई में रक्षा सूत्र बांधा। मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को रक्षाबन्धन व स्वतंत्रता दिवस की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि यह संयोग है कि इस वर्ष रक्षाबन्धन का पावन पर्व व भारत का स्वतंत्रता दिवस एक ही दिन है । यह पवित्रता एवं संकल्प का त्योहार है।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि रक्षाबन्धन के दिन प्रदेश की रोडवेज की बसों में सभी महिलाओं को निःशुल्क परिवहन की व्यवस्था की गई है । उन्होंने कहा कि महिला सशक्तीकरण की दिशा में राज्य सरकार अनेक प्रयास कर रही है। राज्य सरकार महिला स्वयं सहायता समूहों को बिना ब्याज के पाँच लाख रूपये तक का ऋण दे रही है। महिला उद्यमियों के लिए बिना ब्याज के एक लाख रूपये तक का ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना के तहत धात्री महिलाओं को छह हजार रूपये का पोषण भत्ता दिया जा रहा है । मुख्यमंत्री ने कहा कि महिला सशक्तीकरण से ही देश मजबूत हो सकता है । इस दिशा में राज्य सरकार द्वारा प्रभावी पहल की गई है ,उन्होंने कहा कि आज समाज के विभिन्न क्षेत्रों राजनीति, न्यायिक व प्रशासनिक सेवाओं में महिलाओं की भागीदारी बढ़ी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की संसद ने तीन तलाक बिल को पास कर हमारी मुस्लिम बहनों को न्याय दिलाया है। सामाजिक विषमता को समाप्त कर उन्हें अपनी लड़ाई लड़ने के लिए सक्षम बनाया है। उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर से धारा 370 को समाप्त कर कश्मीर के लोगों को समाज व देश की मुख्य धारा से जोड़ा गया है। उन्होंने कहा कि देश की आजादी के 70 साल बाद वास्तव में अब देश एक हुआ है। अब कश्मीर के लाल चौक पर भारतीय झण्डा फहराया जायेगा और अब देश में एक निशान एक विधान लागू होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार स्वतंत्रता दिवस हमारे लिए कई मायनों में खास है। इस वर्ष हमने ज्ञान-विज्ञान के क्षेत्र में बड़ी प्रगति की है, चाहे वह चन्द्रयान-2 का प्रक्षेपण हो या अन्तरिक्ष में सेटेलाईट स्थापित करना हो। आज हमारा देश विश्व के अग्रणी देशों में शामिल ही नही हुआ बल्कि आज दुनिया का हमारे प्रति विश्वास व भरोसा बढ़ा है। इस अवसर पर उच्च शिक्षा राज्य मंत्री डॉ। धन सिंह रावत, देहरादून के मेयर सुनील उनियाल गामा, ऋषिकेश की मेयर अनीता मंमगई, भाजपा नेता अनिल गोयल, राजपाल सिंह रावत ,सरिता पंवार, पारेश्वरी मैन्दोली व बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी।

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

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उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

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