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प्रादेशिक

आंदोलनकारी ताकतें फिर एक हों: रतूड़ी

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आंदोलनकारी ताकतें फिर एक हों, राज्य आंदोलनकारी व वरिष्ठ समाजसेवी राजेंद्र रतूड़ी

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आंदोलनकारी ताकतें फिर एक हों, राज्य आंदोलनकारी व वरिष्ठ समाजसेवी राजेंद्र रतूड़ी

देहरादून। राज्य आंदोलनकारी व वरिष्ठ समाजसेवी राजेंद्र रतूड़ी ने उत्तराखंड में हो रहे सियासी बदलाव को पाखंड करार कर दिया है। उन्होंने कहा कि भाजपा और कांग्रेस संविधान व जनभावनाओं के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। ऐसे में राज्य आंदोलनकारियों को एक बार फिर से एकजुट होना चाहिए और प्रदेश के विकास के लिए लड़ना चाहिए। आंदोलनकारी राजेंद्र रतूड़ी इन दिनों देहरादून आए हैं। वह प्रदेश में चल रहे सियासी खेल को लेकर बेहद व्यथित हैं।

उन्होंने कहा कि जिस राज्य को हासिल करने के लिए हमने लड़ाई लड़ी, उस राज्य में पिछले 15 वर्षों से भाजपा और कांग्रेस बारी-बारी से सियासी खेल ही खेल रही हैं और विकास की उत्कंठा लिए पहाड़ का जनमानस आज भी एकटकी लगाए देहरादून की ओर देख रहा है। उन्होंने हाल में चल रहे संवैधानिक संकट के लिए कांग्रेस और भाजपा दोनों को दोषी ठहराया। दोनों दल कुर्सी व राज्य के संसाधनों की लूट-खसोट में ही रुचि ले रहे हैं, जबकि जनहित गौण हो गये हैं।

रतूड़ी के अनुसार ऐसे कठिन समय में अब राज्य आंदोलनकारियों को एक मंच पर आना चाहिए। भाजपा व कांग्रेस के सदस्य बने राज्य आंदोलनकारियों से उन्होंने अपील की कि वो इन दो बड़े राष्ट्रीय दलों को छोड़कर मंच पर आएं और दोनों दलों का विकल्प तलाशे ताकि शहीदों के सपनों का उत्तराखंड बन सके। गौरतलब है कि दिल्ली निवासी राजेंद्र रतूड़ी लंबे समय से राज्य आंदोलन से जुड़े रहे। दिल्ली के जंतर-मंतर पर महीनों तक चले धरने को चलाने में उनका आर्थिक सहयोग भी रहा। वह राज्य गठन के बाद भी प्रदेश के विकास को लेकर समय-समय पर कार्यशालाएं और संगोष्ठी का आयोजन करते रहते हैं। वह मानते हैं कि क्षेत्रीय ताकतें यदि एकजुट हो जाएं तो भाजपा और कांग्रेस का विकल्प बन सकती हैं।

 

उत्तर प्रदेश

योगी सरकार कराएगी छात्रों की शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन

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लखनऊ। योगी सरकार ने अब शिक्षा गुणवत्ता मापने की दिशा में एक अहम कदम उठाने का निर्णय लिया है। योगी सरकार ने शिक्षा व्यवस्था को समझने और उसमें नीतिगत सुधारों के लिए आधार तैयार करने के लिए शिक्षा मंत्रालय, भारत सरकार और एनसीईआरटी के सहयोग से 4 दिसंबर को परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण 2024 का आयोजन कराने जा रही है। इसमें उत्तर प्रदेश में 9,715 चयनित विद्यालय शामिल हैं, जिनमें सरकारी, सहायता प्राप्त निजी विद्यालय, मदरसे और अन्य बोर्डों से मान्यता प्राप्त विद्यालय सम्मिलित हैं। बता दें कि यह सर्वेक्षण देशभर में शिक्षा की गुणवत्ता और छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का मूल्यांकन करने के लिए आयोजित किया जाएगा।

इस स्तर के छात्रों का होगा मूल्यांकन

यह सर्वेक्षण प्राथमिक, उच्च प्राथमिक और माध्यमिक स्तर पर छात्रों की शैक्षणिक उपलब्धियों का आकलन करने के लिए किया जा जाएगा। सर्वेक्षण में कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की उपलब्धियों को आंका जाएगा, जो सैंपल्ड विद्यालयों में किया जाना है।

ये हैं सर्वेक्षण के मुख्य बिंदु

कक्षा 3, 6 और 9 के लिए अलग-अलग विषयों को मूल्यांकन का आधार बनाया गया है। इनमें कक्षा 3 और कक्षा 6 के लिए भाषा, गणित और हमारे आस-पास की दुनिया तथा कक्षा 9 के लिए भाषा, गणित, सामाजिक विज्ञान और विज्ञान विषय को सर्वेक्षण का मुख्य बिंदु बनाया गया है।

किया गया है दायित्वों का निर्धारण

परख राष्ट्रीय सर्वेक्षण के सम्बन्ध में जनपद स्तरीय समन्वयक, डायट प्राचार्य एवं जिला विद्यालय निरीक्षक के दायित्व निर्धारित किये गये हैं। इनमें जनपद स्तरीय समन्वयक द्वारा सर्वेक्षण का क्रियान्वयन एवं अनुश्रवण सम्बन्धी समस्त दायित्वों का निर्वहन किया जाना शामिल है। इसके अलावा जनपद स्तरीय सहायक समन्वयक/मास्टर ट्रेनर द्वारा फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) का प्रशिक्षण निर्धारित समयावधि के अंतर्गत कराने की जिम्मेदारी दी गयी है। सर्वेक्षण का कार्य प्रशिक्षित फील्ड इन्वेस्टीगेटर (FI) से ही कराया जाना सुनिश्चित है।

इंवेस्टिगेटर के दायित्व हैं सुनिश्चित

फील्ड इंवेस्टिगेटर के दायित्व भी निश्चित हैं। असेंबली से पहले स्कूल पहुँच कर ये सम्बन्धित विद्यालय के प्रधानाचार्य मिलेंगे और परख गाइडलाइन के अनुसार सर्वेक्षण सम्बन्धी गतिविधियाँ आरम्भ करेंगे। इन्हें यह भी सुनिश्चित करना है कि अचीवमेन्ट टेस्ट पैकेट सीलबंद है और सील टूटी हुई नहीं है। सेक्शन और छात्रों की आवश्यकता अनुसार सैंपलिंग करेंगे और कन्ट्रोल शीट भरना भी इनकी जिम्मेदारी होगी।

हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद और एटा डायट में होगा इन जिलों का प्रशिक्षण

एससीईआरटी लखनऊ के संयुक्त निदेशक पावन सचान ने बताया कि गाजियाबाद, शामली, अमेठी, सम्भल और कासगंज में डायट नहीं हैं। इस वजह से इन जिलों हेतु संदर्भित सर्वेक्षण से सम्बन्धित समस्त कार्य क्रमशः प्राचार्य, जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान हापुड़, मुजफ्फरनगर, सुल्तानपुर, मुरादाबाद तथा एटा द्वारा सुनिश्चित कराये जायेंगे।

बच्चों की समझ और प्रदर्शन का होगा आकलन: संदीप सिंह

बेसिक शिक्षा राज्यमंत्री संदीप सिंह ने बताया कि इस सर्वेक्षण में उत्तर प्रदेश के कक्षा 3, 6 और 9 के छात्रों की भाषा, गणित, विज्ञान और सामाजिक विज्ञान जैसे विषयों में समझ और प्रदर्शन का आकलन किया जाएगा। इससे न केवल छात्रों की वास्तविक शैक्षिक क्षमता का मूल्यांकन हो सकेगा बल्कि शिक्षा प्रणाली में सुधार की दिशा में ठोस कदम भी उठाये जा सकेंगे। यह प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता और गोपनीयता के साथ सुनिश्चित की जाएगी।

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