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उत्तराखंड

उत्तराखंड में अब साइकिल चढ़नी मुश्किल

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उत्तराखंड में विनोद बड़थ्वाल के निधन से सपा को झटका, गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में हुआ निधन

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उत्तराखंड में विनोद बड़थ्वाल के निधन से सपा को झटका, गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में हुआ निधन

विनोद बड़थ्वाल के निधन से सपा को झटका

देहरादून। उत्तराखंड में अकेले दम पर समाजवादी पार्टी का झंडा बुलंद करने वाले नेता विनोद बड़थ्वाल का मंगलवार सुबह गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में निधन हो गया। वह डायबिटीज से पीडि़त थे और विगत कई दिनों से गंभीर रूप से बीमार थे। उनके निधन से समाजवादी पार्टी को उत्तराखंड में जबरदस्त झटका लगा है। सपा उनके सहारे पहाड़ पर साइकिल चढ़ाने की तैयारी में थे। यह उनके पार्टी के प्रति निष्ठा का सबूत है कि अखिलेश सरकार में उन्हें सलाहकार का दर्जा दिया गया था। उनके निधन पर राजनीतिक जगत में शोक की लहर है।

गुड़गांव के मेदांता अस्पताल में हुआ निधन

विनोद बड़थ्वाल सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव के करीबियों में शुमार किया जाता था। उनके निधन से सपा कार्यकर्ताओं में शोक की लहर है। वह उत्तरप्रदेश-उत्तराखंड राज्य पुनर्गठन समन्वयक के तौर पर उत्तरप्रदेश सरकार में अहम भूमिका निभा रहे थे। वह इस बात के लिए भी चिन्तित थे कि यूपी और उत्तराखंड के बीच परिसंपत्तियों का सही से बंटवारा हो जाए। विनोद बड़थ्वाल की एक और अहम भूमिका रही है कि उन्होंने उत्तराखंड आंदोलनकारियों व जनता में पार्टी के नेताजी मुलायम सिंह की छवि को लगातार साफ करने का काम करते रहे। मुजफ्फरनगर कांड के लिए वह भाजपा व कांग्रेस को दोषी बताते रहे। राज्य आंदोलन के दौरान भी वह मुलायम सिंह यादव के साथ ही खड़े रहे। वह उत्तराखंड में सपा के प्रदेश अध्यक्ष भी रहे। आगामी विधानसभा चुनाव के तहत प्रदेश में सपा को मजबूत बनाने की दिशा में वह काम कर रहे थे कि तबीयत बिगड़ गई। राजनीतिक हलकों में इसे सपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। सपा कार्यकर्ताओं में उनके निधन से शोक की लहर है।

 

उत्तराखंड

केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत, सीएम पुष्कर सिंह धामी ने जनता का किया धन्यवाद

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देहरादून: केदारनाथ विधानसभा के उपचुनाव में भाजपा को मिली जीत से साबित हो गया है कि मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी पर जनता का विश्वास बढ़ता जा रहा है। ब्रांड मोदी के साथ साथ ब्रांड धामी तेजी से लोगों के दिलों में जगह बना रहे हैं। इस उपचुनाव में विरोधियों ने मुख्यमंत्री धामी के खिलाफ कुप्रचार करके निगेटिव नेरेटिव क्रिएट किया और पूरे चुनाव को धाम बनाम धामी बना दिया। कांग्रेस के शीर्ष नेता और तमाम विरोधी एकजुट होकर मुख्यमंत्री पर हमलावर रहे। बावजूद इसके धामी सरकार की उपलब्धियों और चुनावी कौशल से विपक्ष के मंसूबे कामयाब नहीं हो पाए। धामी के कामकाज पर जनता ने दिल खोलकर मुहर लगाई।

आज प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी केवल नाम भर नहीं है, बल्कि एक ब्रांड हैं। मोदी के हर क्रियाकलाप का प्रभाव जनता के बड़े हिस्से को प्रभावित करता है इसलिए पिछले दो दशकों से वह देश के सबसे भरोसेमंद ब्रांड बने हुए हैं। ब्रांड मोदी की बदौलत केन्द्र ही नहीं राज्यों में भी भाजपा चुनाव जीतती चली आ रही है। उनके साथ ही राज्यों में भी भजपा के कुछ नेता हैं जो एक ब्रांड के रूप में अपनी पार्टी के लिए फयादेमंद साबित हो रहे हैं। तेजी से उभर रहे ऐसे नेताओं में से एक हैं उत्तराखण्ड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी। सादगी, सरल स्वभाव, संवेदनशीलता और सख्त निर्णय लेने की क्षमता, ये वो तमाम गुण हैं जिनकी बदौलत पुष्कर सिंह धामी लोकप्रिय बनते जा रहे हैं। धामी ने उत्तराखण्ड में अपने कम समय के कार्यकाल में कई बड़े और कड़े फैसले लिए, जिससे देशभर में उनकी लोकप्रियता में इजाफा हुआ। खासकर यूसीसी, नकलरोधी कानून, लैंड जिहाद, दंगारोधी कानून, महिला आरक्षण आदि निर्णयों से वह देश में नजीर पेश की चुके हैं। उनकी लोकप्रियता का दायरा उत्तराखण्ड तक ही सीमित नहीं है वह पूरे देश में उनकी छवि एक ‘डायनेमिक लीडर’ की बन चुकी है।

 

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