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उत्तराखंडः डगमगा रही है हरीश रावत की कुर्सी

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डगमगा रही है हरीश रावत की कुर्सी, उत्तराखंड का सियासी भूचाल, कांग्रेस के नौ विधायक बागी

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डगमगा रही है हरीश रावत की कुर्सी, उत्तराखंड का सियासी भूचाल, कांग्रेस के नौ विधायक बागी

रावत के भाग्य का फैसला, राज्यपाल के हाथ

देहरादून। उत्तराखंड का सियासी भूचाल लगातार जारी है। कांग्रेस के नौ विधायक खुले तौर पर भाजपा के पाले में पहुंच गये हैं। भाजपा ने इन बागी विधायकों को गुड़गांव के लीला होटल में ठहराया है। दोपहर बाद भाजपा के वरिष्ठ नेता कैलाश वर्गिस इन बागी विधायकों को भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से मुलाकात करवा सकते हैं, जबकि केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी से भी बागियों की लंच से पहले ही मुलाकात करवा दी गई।  इस बीच देहरादून में सरकार बचाने के लिए सीएम हरीश रावत ऐडी-चोटी का जोर लगा रहे हैं। रावत ने दावा किया है कि उनकी सरकार पूरी तरह से सुरक्षित है। उन्होंने सभी बागी विधायकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार रावत चाहते हैं कि नौ विधायकों की सदस्यता रद्द हो जाएं तो उनकी सरकार को अभयदान मिल सकता है। यह भी माना जा रहा है कि यदि राज्यपाल को लगेगा की हाॅस ट्रेडिंग होने की संभावना है तो राज्य में राष्ट्रपति शासन भी लगाया जा सकता है।

कांग्रेस के बागी विधायक – विजय बहुगुणा, सुबोध उनियाल, हरक सिंह रावत, प्रदीप बत्रा, अमृता रावत, शैला रानी रावत, कुंवर प्रणव चैंपियन, डा. शैलेंद्र मोहन सिंघल, उमेश शर्मा काऊ

राजनीतिक जानकारों की मानें तो रावत सरकार पर संवैधानिक संकट बरकरार है। राज्यपाल मामले में तत्काल विशेष सत्र बुलाकर सरकार को बहुमत साबित करने के लिए कह सकते हैं। नौ विधायक बगावत कर जिस तरह से भाजपा के पक्ष में आ गए हैं, इससे सरकार बहुमत साबित नहीं कर पाएगी और गिर जाएगी। यदि कांग्रेस विधायक भाजपा में शामिल होते हैं तो उनकी सदस्यता समाप्त हो जाएगी। कांग्रेस उन्हें पार्टी से निष्कासित करे तभी उनकी सदस्यता बच सकती है। कांग्रेस के जो भी लोग खिलाफ गए हैं, उनका निलंबन तय है। विजय बहुगुणा तो मुख्यमंत्री रहे हैं। कांग्रेस परिवार से संबंध रखते हैं, वह कांग्रेस के खिलाफ चले गए।

इस बीच सीएम रावत ने बीजापुर हाउस में देर शाम को विधायकों की आपातकालीन बैठक बुलाई है। इस बैठक में आगे की रणनीति तय की जा सकती है।  प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष किशोर उपाध्याय ने बताया कि अभी तक मामला विधानसभा का है। मुख्यमंत्री हरीश रावत और संसदीय कार्यमंत्री इंदिरा हृदयेश से बात करने के बाद ही तय किया जाएगा कि अगला कदम क्या होगा।  अब राज्यपाल के पास संवैधानिक तौर पर दो विकल्प हैं। एक सरकार को बहुमत साबित करने को कहे और दूसरा केंद्र को रिपोर्ट भेजकर राज्य में गवर्नर रूल की सिफारिश कर दें।

 

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पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला, 38 लोगों की मौत

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पख्तूनख्वा। पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा में बड़ा आतंकी हमला हुआ है। इस हमले में 38 लोगों की मौत हो गई है। यह हमला खैबर पख्तूनख्वा के डाउन कुर्रम इलाके में एक पैसेंजर वैन पर हुआ है। हमले में एक पुलिस अधिकारी और महिलाओं समेत दर्जनों लोग घायल भी हुए हैं। जानकारी के मुताबिक उत्तर-पश्चिमी पाकिस्तान के अशांत प्रांत खैबर पख्तूनख्वा में आतंकियों ने शिया मुस्लिम नागरिकों को ले जा रहे यात्री वाहनों पर गोलीबारी की है। यह क्षेत्र में हाल के वर्षों में इस तरह का सबसे घातक हमला है। मृतकों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

AFP की रिपोर्ट के मुताबिक इस हमले में 38 लोगों की मौत हुई है. पैसेंजर वैन जैसे ही लोअर कुर्रम के ओचुट काली और मंदुरी के पास से गुजरी, वहां पहले से घात लगाकर बैठे आतंकियों ने वैन पर अंधाधुंध गोलियां बरसानी शुरू कर दीं. पैसेंजर वैन पाराचिनार से पेशावर जा रही थी। पाकिस्तान की समाचार एजेंसी डॉन के मुताबिक तहसील मुख्यालय अस्पताल अलीजई के अधिकारी डॉ. ग़यूर हुसैन ने हमले की पुष्टि की है.

शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच तनाव 

अफगानिस्तान की सीमा से लगे कबायली इलाके में भूमि विवाद को लेकर शिया और सुन्नी मुसलमानों के बीच दशकों से तनाव बना हुआ है। किसी भी समूह ने घटना की जिम्मेदारी नहीं ली है। जानकारी के मुताबिक “यात्री वाहनों के दो काफिले थे, एक पेशावर से पाराचिनार और दूसरा पाराचिनार से पेशावर यात्रियों को ले जा रहा था, तभी हथियारबंद लोगों ने उन पर गोलीबारी की।” चौधरी ने बताया कि उनके रिश्तेदार काफिले में पेशावर से यात्रा कर रहे थे।

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