उत्तराखंड
जल स्रोतों के संरक्षण पर काम रहीं ग्राम पंचायतों को मिला पुरस्कार
उत्तराखंड में जल संबंधी परेशानियों को दूर करने के लिए एफआरआई देहरादून में उत्तराखंड विक्रेन्द्रीकृत जलागम विकास परियोजना के अन्तर्गत क्लाइमेट रेजिलेंस माउंटेन एग्रीकल्चर सम्मेलन का आयोजन किया गया।
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने जल श्रोतों के संरक्षण से जुड़ी ग्राम पंचायतों को सम्मानित भी किया। इस कार्यक्रम में जलागम प्रबन्ध निदेशालय द्वारा प्रकाशित ग्राम्य विकास से सम्बन्धित केन्द्र एवं राज्य सरकार की योजनाओं पर आधारित पुस्तक केन्द्राभिसरण व क्लाइमेट रेजिलेंस इनिशिएटिव पुस्तकों का विमोचन भी किया।
उत्तराखंड में मौजूदा समय में जल श्रोतों के संवर्द्धन और संरक्षण से जुड़े ग्राम पंचायतों में देहरादून के रायपुर ब्लाॅक के अपर तलाई एवं अल्मोड़ा के धौलादेवी ब्लाॅक के मलाड ग्राम पंचायत को प्रथम पुरस्कार दिया गया जबकि पिथौरागढ़ के मुनस्यारी विकासखंड के भेसखाल को द्वितीय पुरस्कार तथा 06 अन्य ग्राम पंचायतों को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया गया।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र रावत ने कहा कि सेमिनार के आयोजन का मकसद जलवायु परिवर्तन पर गहनता से विचार करना है। उन्होंने कहा कि परिवर्तन के दौर में हमें स्वयं को भी परिवर्तित करना होगा। उन्होंने कहा कि आज सोच को बदलने की जरूरत है। बाजार की मांग पर उत्पादों का वैल्यू एडिशन करना होगा।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री द्वारा बागेश्वर की महिलाओं द्वारा तैयार किए गए मंडुए के बिस्कुट का जिक्र करते हुए कहा कि स्थानीय उत्पादों का वैल्यू एडिशन के जरिए उत्पादन बढ़ाया जा सकता है।
उत्तराखंड
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन
देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।
कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।
उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।
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