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नेशनल

भारत में वन संरक्षण पर काम कर रही ग्राम पंचायतों को मिलेगी प्रोत्साहन राशि

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भारत में वन संरक्षण पर काम कर रही ग्राम पंचायतों और स्थानीय निकायों को प्रोत्साहन भत्ता दिया जाएगा। यह बात भारत के उप राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडु ने आज उत्तराखंड में एक समारोह के दौरान कही है।

उत्तराखंड के इंदिरा गांधी राष्ट्रीय वन अकादमी, देहरादून में भारतीय वन सेवा परिवीक्षार्थियों (प्रोबेशनर्स) के दीक्षान्त समारोह में उप राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडु ने कहा, ” जो राज्य वनों के संरक्षण और संवर्द्धन में अच्छा काम कर रहे है, उन्हें इसका लाभ मिलना चाहिए, उन्हें इन्सेंटिव दिया जाना चाहिए। वनों को बचाए रखने के लिए स्थानीय लोगों को, पंचायतों तथा स्थानीय निकायों को इन्सेंटिव दिया जाय, उनको ऑपरेशनल राइट्स दिए जाएं। इससे राज्यों को, लोगों को ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए प्रोत्साहन मिलेगा।”

लोगों को ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए मिलेगा प्रोत्साहन।

दीक्षांत समारोह में उप राष्ट्रपति ने भारतीय वन सेवा वर्ष 2016-18 बैच में प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को सम्मानित भी किया। उप राष्ट्रपति एम.वेंकैया नायडु के साथ इस कार्यक्रम में राज्यपाल डाॅ.कृष्णकान्त पाल, मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत और केन्द्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री डाॅ. हर्ष वर्धन भी शामिल हुए।

‘पर्यावरण को बचाते हुए, नई तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देना ज़रूरी’

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने उत्तरकाशी के ‘ईको सेन्सिटिव जोन’ का उल्लेख करते हुए कहा कि उत्तराखंड का 71 प्रतिशत भू भाग वन क्षेत्र है। पर्यावरण को बचाते हुए, हमें राज्य में नई तकनीकों के प्रयोग को बढ़ावा देना आवश्यक है और समाज को लाभान्वित भी करना है। हमें वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए नई तकनीकी और उपाय अपनाने पर बल देना ज़रूरी है।”

 

भारतीय वन सेवा वर्ष 2016-18 बैच में प्रशिक्षण के दौरान उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले अधिकारियों को किया गया सम्मानित।

‘ग्रीन एकाउंटिंग’ की अवधारणा को अपनाना आवश्यक’

समारोह में राज्यपाल डाॅ.कृष्ण कांत पाल ने भारतीय वन सेवा के प्रोबेशनर अधिकारियों को बधाई देते हुए कहा, ” दून घाटी को ‘भारतीय वानिकी का पालना’ ( Cradle of Indian forestry)  कहा जा सकता है। चिपको आंदोलन जिसकी पर्यावरण संरक्षण के माॅडल के तौर पर पूरे विश्व में पहचान है, की शुरूआत हिमालय में हुई थी। ऐसे में एक प्रोफेशनल व प्रशिक्षित फोरेस्टर बदलते पर्यावरण की समस्याओं को समझ सकता है।”

 

दीक्षांत समारोह में पांच उत्तर प्रदेश से, छह बिहार से, तीन दिल्ली से, तीन पंजाब से, एक पश्चिम बंगाल से, सात राजस्थान से, एक मध्य प्रदेश से, छह तमिलनाडु से, दो झारखंड से, चार महाराष्ट्र से, तीन कर्नाटक से, चार आन्ध्र प्रदेश से, दो हरियाणा से , चार तेलंगाना से और दो भूटान के विदेशी प्रशिक्षु अधिकारियों सहित कुल 53 आईएफएस परिवीक्षार्थियों को डिप्लोमा प्रदान किया गया। इन वन अधिकारियों में से 18 ने 75 प्रतिशत से अधिक अंक प्राप्त करते हुए आॅनर्स डिप्लोमा प्राप्त किया है।

उत्तर प्रदेश

दिवाली के दिन यूपी के इस जिले में 25 करोड़ की शराब पी गए लोग

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गौतमबुद्ध नगर। उत्तर प्रदेश का गौतमबुद्ध नगर जिला अक्सर चर्चा में रहता है। चाहे वो सोसाइटीज की समस्या को लेकर हो या विकास की रफ्तार को लेकर हो या फिर त्योहारों पर बिक्री को लेकर। दिवाली का त्योहार बीत गया है।

इस बीच, दिवाली के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले में शराब की बिक्री को लेकर जानकारी सामने आई है। पिछले साल की अपेक्षा इस साल यहां शराब की बिक्री में 25 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। यानी दिवाली के दौरान गौतमबुद्ध नगर जिले के लोग शराब के नशे में भी खूब झूमे हैं।

दिवाली में पिया 25 करोड़ की शराब

दिवाली के जश्न के बीच गौतमबुद्ध नगर जिले में लोग 25 करोड़ रुपये की शराब गटक गए, जो पिछले साल की तुलना में 25 प्रतिशत अधिक है। आबकारी विभाग के एक अधिकारी ने सोमवार को यह जानकारी दी। अधिकारी ने बताया कि पूरे अक्टूबर माह में जिले के लोगों ने 250 करोड़ रुपये शराब पर खर्च किए, जबकि पिछले साल यह आंकड़ा 204 करोड़ रुपये था।

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