उत्तर प्रदेश
राम मंदिर निर्माण के साथ इन योजनाओं से बदलेगी अयोध्या की तस्वीर
अयोध्या। प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या में मंदिर निर्माण का काम तेजी से चल रहा है। साथ में लगभग 200 से अधिक बड़ी परियोजनाओं पर भी काम तेजी से चल रहा है, जिसके बाद पूरे अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर निर्माण कार्यशाला में रखी शिलाओं की सफाई की जा रही है, जिन्हें राजस्थान से लाया गया है। बड़ी संख्या में मजदूरों को इस काम के लिए लगाया गया है।
इसके अलावा, रेलवे स्टेशन के साथ एक अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और सरयू पर रिवर क्रूज की योजना भी बनाई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार लगभग 200 से अधिक बड़ी योजनाओं पर काम चल रहा है, जिसके बाद पूरे अयोध्या की तस्वीर बदल जाएगी। अधिकारियों ने कहा कि मंदिर के अंदर रामलला की मूर्ति की स्थापना में एक साल से थोड़ा अधिक समय बाकी है। इस बीच, अयोध्या में अधिकांश मेगा इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए हैं।
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने इन प्रोजेक्ट्स की कार्यप्रगति की समीक्षा की और कुछ स्थानों का निरीक्षण किया। उन्होंने संभागीय आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और नगर आयुक्त को नियमित रूप से मिलने और प्रोजेक्ट्स की प्रगति के संबंध में निर्देश दिए। यूपी सरकार के मुताबिक अयोध्या में फिलहाल 252 प्रोजेक्ट चल रहे हैं।
मंदिर से जुड़ा 40 प्रतिशत काम पूरा
श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य अनिल मिश्रा ने कहा कि उम्मीद है कि दिसंबर 2023 तक मंदिर में रामलला की स्थापना कर दी जाएगी। मंदिर के भूतल के उस समय तक पूरा होने की उम्मीद है। भक्तों की संख्या पहले ही बढ़ गई है।
वर्तमान में, सामान्य दिन में औसतन लगभग 50,000 भक्त अस्थायी राम मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। उन्होंने कहा, “मंदिर से संबंधित पूरे काम का लगभग 40 प्रतिशत पूरा हो चुका है।” राम जन्मभूमि पर मंदिर निर्माण के लिए केंद्र सरकार द्वारा ट्रस्ट की स्थापना की गई थी।
यहां होंगे तीन प्रमुख पथ
श्री राम जन्मभूमि पथ (5.77 किमी) सुग्रीव किला के जरिए राम मंदिर को नया घाट से जोड़ने के लिए; भक्ति पथ (850 मीटर) हनुमान गढ़ी के रास्ते मंदिर को मुख्य सड़क से जोड़ने के लिए; सआदतगंज को रामजन्मभूमि से जोड़ने के लिए राम पथ (12.9 किमी)। भक्ति पथ के लिए भूमि अधिग्रहण और ढांचों को गिराने का काम चल रहा है। इसके अलावा विभिन्न स्थानों पर पांच मल्टी लेवल पार्किंग स्थल तैयार किए जा रहे हैं।
अयोध्या को देश-दुनिया से कनेक्ट करने पर खास जोर दिया जा रहा है। इस क्रम में अयोध्या में आधुनिक रेलवे स्टेशन जल्द बनकर तैयार हो जाएगा। साथ ही मर्यादा पुरूषोत्तम श्रीराम इंटरनेशनल एयरपोर्ट का निर्माण कार्य भी तेजी से चल रही है। लखनऊ-गोरखपुर राजमार्ग पर ट्रैफिक को देखते हुए, एक 65 किमी आउटर रिंग रोड भी भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण द्वारा ग्रीनफील्ड परियोजना के रूप में बनाया जाएगा।
उत्तर प्रदेश
महाकुम्भ 2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों के अलावा 550 शटल बसें संचालित करेगा परिवहन निगम
लखनऊ/प्रयागराज। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देशन में उ0प्र0 परिवहन निगम दिव्य, भव्य एवं ग्रीन महाकुम्भ मेला-2025 के सफल आयोजन के लिए 07 हजार बसों को संचालित करेगा। परिवहन निगम प्रदेश के सभी महत्वपूर्ण स्थानों से सुगम, सस्ती एवं आरामदायक सुविधायें उपलब्ध कराने के लिए कटिबद्ध है।
महाकुम्भ मेला में सड़क मार्ग से पूर्वाचल से अधिक संख्या में तीर्थयात्री आते हैं। इसके दृष्टिगत पूर्वांचल के छोटे-छोटे कस्बों से मेला स्थल को जोड़ते हुए बसों के संचालन की योजना परिवहन निगम ने तैयार की है। महिला एवं वृद्ध तीर्थयात्रियों को विशेष सुविधा प्रदान करने की योजना बनाई गयी है।
3 चरणों में संचालन
एमडी परिवहन निगम मासूम अली सरवर ने बताया कि महाकुम्भ मेला 2025 के दौरान मुख्य स्नान 13 जनवरी से 26 फरवरी, 2025 के बीच पड़ रहे, जिसमें मौनी अमावस्या का शाही स्नान 29 जनवरी एवं बसंत पंचमी का शाही स्नान 03 फरवरी, 2025 को है। महाकुम्भ 2025 के दौरान लगभग 6800 परिवहन बसें एवं लगभग 200 वातानुकूलित बसों का संचालन किये जाने की योजना है।
प्रथम चरण में 12 जनवरी से 23 जनवरी तक द्वितीय चरण में 24 जनवरी से 07 फरवरी तक एवं तीसरे चरण में 08 फरवरी से 27 फरवरी तक तीन चरणों में महाकुम्भ मेले में संचालन को बाटा गया है। निगम के कुल 19 क्षेत्रों से लगभग 165 मार्गों पर निगम की बसों का संचालन किया जायेगा।
550 शटल बसें चलाई जाएंगी
एमडी परिवहन निगम ने बताया कि बसों के अतिरिक्त 550 शटल बसें विभिन्न स्थाई एवं अस्थाई बस स्टेशनों एवं विभिन्न मार्गों पर निर्धारित वाहन पार्किंग स्थलों से संगम तट के निकट स्थित भारद्वाज पार्क एवं भारत स्काउट गाइड कालेज बैक रोड तक तथा लेप्रोसी बस स्टेशन व अंधावा बस स्टेशन तक संचालित किये जाने की योजना है।
उन्होंने बताया कि मुख्य स्नान पर्व पर शश्रद्धालुओं की अत्यधिक भीड़ बढ़ने के कारण शास्त्रीपुल, फाफामऊ पुल एवं यमुना पुल यातायात हेतु प्रतिबंधित रहने की स्थिति में शहर के बाहर कुल 08 अस्थाई बस स्टेशन गठित किये जायेंगे, जिसमें झूसी बस स्टेशन, दुर्जनपुर बस स्टेशन, सरस्वतीगेट बस स्टेशन, नेहरू पार्क बस स्टेशन, बेली कछार बस स्टेशन, बेला कछार बस स्टेशन, सरस्वती हाइटेक सिटी मेनू एवं लेप्रोसी मिशन बस स्टेशन हैं।
इन मार्गों प्रभाग संचालन
एमडी ने बताया कि झूसी बस स्टेशन से दोहरी घाट, बड़हलगंज, गोला, उरूवा, खजनी, सीकरीगंज, गोरखपुर मार्ग, आजमगढ़-बलिया-मऊ व सम्बद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा। दुर्जनपुर बस स्टेशन का उपयोग झूसी बस स्टेशन की बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर किया जायेगा।
इसी प्रकार सरस्वतीगेट बस स्टेशन से बदलापुर, शाहगंज, टांडा व सम्बद्ध मार्ग एवं वाराणसी एवं संबद्ध मार्ग के लिए बसों का संचालन किया जायेगा, नेहरू पार्क बस स्टेशन से कानपुर एवं कौशाम्बी को संबद्ध मार्ग के लिए, बेला कछार बस स्टेशन से रायबरेली लखनऊ व संबद्ध मार्ग एवं फैजाबाद, अयोध्या, गोण्डा, बस्ती, बहराइच व संबद्ध मार्ग के लिए, सरस्वती हाइटेक सिटी नैनी से विन्ध्यांचल, मिर्जापुर, शक्तिनगर व संबद्ध मार्ग के लिए, लैप्रोसी मिशन बस स्टेशन से बांदा-चित्रकूट व संबद्ध मार्ग एवं रीवा-सीधी व संबद्ध मार्ग के लिए संचालन किया जायेगा।
नेहरू पार्क बस स्टेशन पर बसों का संचालन मेला प्रशासन द्वारा रोके जाने पर बसों का संचालन बेली कछार बस स्टेशन से किया जायेगा।
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