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उत्तराखंड

हाईटेक बनाए जाएंगे पहाड़ी गांवों के महिला स्वयं सहायता समूह

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उत्तराखंड के ग्रामीण क्षेत्रों में काम कर रहे महिला स्वयं सहायता समूहों को सबल बनाने के लिए उत्तराखंड सरकार महिलाओं को  कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें उनके बनाए गए उत्पादों की पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग की ट्रेनिंग भी देगी।

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने शनिवार को ब्राइट वेब पब्लिक स्कूल, कंडोली, सहसपुर में अपोलो मेडिस्किल्स प्रशिक्षण केन्द्र और ग्राम स्वराज अभियान के अन्तर्गत आजीविका एवं कौशल विकास मेले का उद्घाटन किया।

इस मौके पर मुख्यमंत्री ने आजीविका एवं कौशल विकास के तहत चल रही प्रदेश सरकार की कई योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए ग्राम पंचायत स्तर तक जागरूकता के उद्देश्य से प्रचार वाहन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस प्रचार वाहन के माध्यम से ग्रामीण स्तर तक पं.दीनदयाल अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, ग्रामीण कौशल योजना, ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान, प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना के बारे में लोगों को जानकारी दी जाएगी।

मुख्यमंत्री ने अपोलो मेडिस्किल्स प्रशिक्षण केन्द्र में प्रशिक्षणार्थियों के प्रशिक्षण के लिए हेल्थ केयर सेंटर, कम्प्यूटर रूम और क्लास रूम का निरीक्षण भी किया। मुख्यमंत्री ने स्वयं सहयता समूहों एवं कौशल विकास से सम्बन्धित कई स्टाॅलों का निरीक्षण किया। इसके साथ-साथ मुख्यमंत्री ने विधानसभा सहसपुर में नलकूप निर्माण की घोषणा की और स्वयं सहायता समूहों को प्रमाण-पत्र और लैपटाॅप भी वितरित किए।

मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र महिला स्वयं सहायता समूहों को संबोधित करते हुए कहा,” प्रदेश के तेज़ी सेविकास के लिए हमें कौशल विकास पर विशेष ध्यान देना होगा। कौशल विकास के माध्यम से हम स्वरोजगार कर अच्छी आय अर्जित कर सकते हैं। हमें व्यावसायिक सोच विकसित करनी होगी। स्थानीय उत्पादों को बढ़ावा देने के साथ ही उनकी पैकेजिंग, ब्रांडिंग और मार्केटिंग पर ध्यान देना जरूरी है।”

बद्रीनाथ के महिला समूह का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि बाज़ार की डिमांड के अनुसार उत्पादों को वैल्यू एडिशन करना आवश्यक है। बद्रीनाथ में महिला स्वयं सहायता समूह द्वारा एक सीजन में स्थानीय उत्पादों पर आधारित प्रसाद बनाकर नौ लाख रूपए का शुद्ध लाभ प्राप्त किया है।

स्वयं सहायता समूहों को वितरित किए प्रमाण-पत्र और लैपटाॅप।

मुख्यमंत्री ने मौके पर मौजूद ढ़करानी गांव की महिला स्वयं सहायता समूहों द्वारा पेड़ों के पत्तों, फलों एवं जड़ों द्वारा बनाए गए आभूषणों की तारीफ की।

,प्रदेश के ग्रामीण क्षेत्रों में लोगों के लिए चलाई जा रही विशेष योजनाओं के बारे में बताते हुए प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास मनीषा पंवार ने कहा, ” ग्राम्य विकास विभाग के माध्यम से पं.दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल विकास योजना में अपोलो मेडिस्क्ल्सि द्वारा संचालित इस सेंटर में 140 प्रशिक्षणार्थी प्रशिक्षण ले रहे हैं। इस योजना के तहत उत्तराखंड के पांच हजार युवाओं को प्रशिक्षित करने का लक्ष्य दिया गया है। प्रदेश में 455 प्रशिक्षणार्थी वर्तमान में प्रशिक्षण ले रहे हैं।”

” उत्तराखंड में ग्रामीण आजीविका मिशन के अन्तर्गत मार्च 2018 तक 13,734 स्वयं सहायता समूहों का गठन किया गया है। मिशन में शिक्षण क्षमता, निर्माण एवं कौशल विकास के कार्य किए जाएंगे। इसमें स्वयं सहायता समूहों और उनके परिसंघो को संस्थागत प्रबंधन, बाज़ार के साथ संपर्क स्थापित करने, मौजूदा आजीविका का प्रबंधन करने, ऋण साख बढ़ाने पर ज़ोर दिया जाएगा।” डाॅ.पंकज कुमार पाण्डेय राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया।

उत्तराखंड

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का किया उद्घाटन

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देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मंगलवार को राष्ट्रीय कौशल एवं रोजगार सम्मेलन का उद्घाटन किया। नीति आयोग, सेतु आयोग और राज्य सरकार के संयुक्त प्रयासों से राजधानी देहरादून में दून विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय कौशल एवं रोज़गार सम्मलेन का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि इस तरह की कार्यशालाएं प्रदेश के युवाओं के बेहतर भविष्य के लिए बेहद महत्वपूर्ण साबित होंगी। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार युवाओं को बेहतर रोजगार मुहैया कराने की दिशा में सकारात्मक कदम उठा रही है।

कार्यक्रम में कौशल विकास मंत्री सौरभ बहुगुणा ने इसे सरकार की ओर से युवाओं के लिए महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य उत्तराखंड के तमाम बेरोजगार युवाओं को रोजगार देना है। मुख्यमंत्री ने कहा, “निश्चित तौर पर इस कार्यशाला में जिन विषयों पर भी मंथन होगा, उससे बहुत ही व्यावहारिक चीजें निकलकर सामने आएंगी, जो अन्य युवाओं के लिए समृद्धि के मार्ग प्रशस्त करेगी। हमें युवाओं को प्रशिक्षण देना है, जिससे उनके लिए रोजगार की संभावनाएं प्रबल हो सकें, ताकि उन्हें बेरोजगारी से निजात मिल सके।

उन्होंने कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 में स्किल डेवलपमेंट का विभाग खोला था, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को रोजगार मिल सके। इसके अलावा, वो रोजगार खोजने वाले नहीं, बल्कि रोजगार देने वाले बनें। अगर प्रदेश के युवा रोजगार देने वाले बनेंगे, तो इससे बेरोजगारी पर गहरा अघात पहुंचेगा। ” उन्होंने कहा, “हम आगामी दिनों में अन्य रोजगारपरक प्रशिक्षण युवाओं को मुहैया कराएंगे, जो आगे चलकर उनके लिए सहायक साबित होंगे।

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