Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

उत्तराखंड

1.700 किलो कीड़ा जड़ी बरामद, तस्कर फरार

Published

on

कीड़ा जड़ी बरामद, तस्कर फरार, अंतरराष्ट्रीय झूलापुल

Loading

कीड़ा जड़ी बरामद, तस्कर फरार, अंतरराष्ट्रीय झूलापुल

yarsagumba

पिथौरागढ़। भारत-नेपाल को जोड़ने वाले अंतरराष्ट्रीय झूलापुल में चेकिंग के दौरान एसएसबी ने एक थैले में रखी 1.700 किलो कीड़ा जड़ी (यारसागंबू) बरामद की है। सामान की चेकिंग करते समय यारसागंबू लाने वाला व्यक्ति भीड़ का फायदा उठाकर भाग गया।

एसएसबी ने पकड़ी गई यारसागंबू बृहस्पतिवार को वन रेंजर को सौंप दी है। बताया गया कि अंतरराष्ट्रीय झूलापुल के बंद होते समय बुधवार शाम 6.30 बजे एसएसबी के जवान लोगों के सामान की चेकिंग कर रहे थे।

तभी एक व्यक्ति आटे का थैला लेकर भारत की तरफ से आ रहा था। जब एसएसबी ने थैले की चेकिंग शुरू की तो यह व्यक्ति सकपका गया और भीड़ में चुपचाप वापस भारत की तरफ आ गया।

एसएसबी के जवानों ने आटे के थैले में छिपाए गए कीड़ा जड़ी (यारसागंबू) के चार पैकेट बरामद किए। इनका वजन एक किलो 700 ग्राम निकला। जब तक एसएसबी के जवान उस व्यक्ति की तलाश करते वह भाग निकला। बृहस्पतिवार को एसएसबी ने वन रेंजर केआर टम्टा को बुलाकर यारसागंबू उनके सुपुर्द कर दी है।

बताया गया कि यारसागंबू की निकासी करने के बाद उसकी मार्केटिंग की कोई सुविधा न होने के कारण इसे तस्करी के जरिए नेपाल भेजा जाता है। अधिकांश मौकों पर कीड़ा जड़ी (यारसागंबू) ले जा रहे लोग पुलिस और एसएसबी की पकड़ में आ जाते हैं

उत्तराखंड

शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद

Published

on

Loading

उत्तराखंड। केदारनाथ धाम में भाई दूज के अवसर पर श्रद्धालुओं के लिए शीतकाल का आगमन हो चुका है। बाबा केदार के कपाट रविवार सुबह 8.30 बजे विधि-विधान के साथ बंद कर दिए गए। इसके साथ ही इस साल चार धाम यात्रा ठहर जाएगी। ठंड के इस मौसम में श्रद्धालु अब अगले वर्ष की प्रतीक्षा करेंगे, जब कपाट फिर से खोलेंगे। मंदिर के पट बंद होने के बाद बाबा की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल की ओर रवाना हो गई है।इसके तहत बाबा केदार के ज्योतिर्लिंग को समाधिरूप देकर शीतकाल के लिए कपाट बंद किए गए। कपाट बंद होते ही बाबा केदार की चल उत्सव विग्रह डोली ने अपने शीतकालीन गद्दीस्थल, ओंकारेश्वर मंदिर, उखीमठ के लिए प्रस्थान किया।

बता दें कि हर साल शीतकाल की शुरू होते ही केदारनाथ धाम के कपाट बंद कर दिया जाते हैं. इसके बाद बाबा केदारनाथ की डोली शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ के लिए रवाना होती है. अगले 6 महीने तक बाबा केदार की पूजा-अर्चना शीतकालीन गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में ही होती है.

उत्तरकाशी ज़िले में स्थिति उत्तराखंड के चार धामों में से एक गंगोत्री में मां गंगा की पूजा होती है। यहीं से आगे गोमुख है, जहां से गंगा का उदगम है। सबसे पहले गंगोत्री के कपाट बंद हुए हैं। अब आज केदारनाथ के साथ-साथ यमुनोत्री के कपाट बंद होंगे। उसके बाद आखिर में बदरीनाथ धाम के कपाट बंद किए जाएंगे।

Continue Reading

Trending