प्रादेशिक
योगी सरकार का बड़ा फैसला, घर में लिमिट से ज्यादा शराब रखने के लिए लेना होगा लाइसेंस
लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार ने नई आबकारी नीति जारी कर दी है। योगी कैबिनेट योगी से मंजूर की गई नई आबकारी नीति में कई अहम फैसले किए गए हैं। नए नीति के तहत यूपी सरकार ने निजी प्रयोग या पर्सनल बार के लिए भी निर्धारित फुटकर सीमा से अधिक शराब रखने पर लाइसेंस लेने का प्रावधान कर दिया गया है।
इसके मुताबिक अगर आप घर में तय मात्रा से ज्यादा शराब रखना चाहते हैं तो आपको यूपी सरकार के आबकारी विभाग से लाइसेंस लेना पड़ेगा और आपको 12 हजार रुपये हर साल लाइसेंस के रूप में सरकार को देना होगा, यही नहीं सरकार को 51 हजार रुपये आबकारी विभाग को बतौर सिक्योरिटी देनी होगी।
नई नीति के अनुसार होम लाइसेंस उन लोगों को मिलेगा जो पांच साल से इनकम टैक्स भरते आए हैं। लाइसेंस के लिए आवेदन के समय इनकम टैक्स रिटर्न भरने की रसीद भी देनी होगी। साथ ही आवेदकों को अपने आवेदन के साथ पैन कार्ड आधार कार्ड की कॉपी भी जमा करनी होगी। आवेदकों को इस संबंध में शपथ-पत्र भी देना होगा जिसके मुताबिक किसी भी अनधिकृत या फिर 21 साल से कम उम्र की आयु के व्यक्ति का शराब रखे जाने वाली जगह पर प्रवेश वर्जित होगा।
उत्तर प्रदेश
महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी
प्रयागराज | महाकुंभ 2025 के वृहद आयोजन को सफल बनाने के लिए प्रतिबद्ध योगी सरकार हर आपात स्थिति से निपटने की तैयारी कर रही है। दुनिया के सबसे बड़े सांस्कृतिक कार्यक्रम में परिंदा भी पर न मार सके, इसके लिहाज से स्वास्थ्य कर्मियों के साथ एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कई टीमें मिलकर काम कर रही हैं। महाकुंभ से पहले केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर प्रॉब्लम से निपटने के लिए भी टीम को तैयार कर लिए जाने की योजना है। इसके लिए बाकायदा कर्मचारियों को हर आपदा से निपटने की विधिवत ट्रेनिंग दी जाएगी। यही नहीं योगी सरकार के निर्देश पर श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए भी प्रयागराज के अस्पतालों को स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अपग्रेड करने में लगे हैं।
श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट की भी व्यवस्था
संयुक्त निदेशक (चिकित्सा स्वास्थ्य) प्रयागराज वीके मिश्रा ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर महाकुंभ के दौरान स्वास्थ्य विभाग सभी इंतजाम पुख्ता करने में जुटा है। इसके तहत कर्मचारियों को महाकुंभ में हर आपात स्थिति से निपटने की ट्रेनिंग दी जाएगी। महाकुंभ में देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं के मेडिकल टेस्ट के लिए टीबी सप्रू और स्वरूपरानी अस्पताल को तैयार किया जा रहा है। इसके अलावा एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीम के साथ स्वास्थ्य कर्मियों के मिलकर काम करने की योजना बनाई गई है। सनातन धर्म के सबसे बड़े आयोजन के दौरान हर एक श्रद्धालु को केमिकल, बायलॉजिकल, रेडिएशनल और न्यूक्लियर संबंधी हर प्रॉब्लम से सुरक्षित रखने के पुख्ता इंतजाम किए जा रहे हैं।
अनुभवी चिकित्सकों की ही तैनाती
महाकुंभ के दौरान देश विदेश से आने वाले श्रद्धालुओं की देखरेख के लिए 291 एमबीबीएस व स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की तैनाती रहेगी। इसके अलावा 90 आयुर्वेदिक और यूनानी विशेषज्ञ भी इस अभियान में सहयोग के लिए मौजूद रहेंगे। साथ ही 182 स्टॉफ नर्स इन चिकित्सकों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर जरूरतमंदों के स्वास्थ्य की देखभाल करेंगी। इस प्रक्रिया में ज्यादातर अनुभवी चिकित्सकों को ही महाकुंभ के दौरान तैनाती दी जा रही है।
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