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उत्तर प्रदेश

संचारी रोगों पर वार को तैयार योगी सरकार, 1 अक्टूबर से फिर चलेगा अभियान

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लखनऊ | बारिश से पनपने वाले वेक्टर जनित रोगों, संचारी रोगों एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण के लिए योगी सरकार एक बार फिर प्रदेश भर में 1 अक्टूबर से संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाने जा रही है, जो 31 अक्टूबर तक चलेगा। इसके साथ ही 11 अक्टूबर से 31 अक्तूबर तक पूरे प्रदेश में दस्तक अभियान भी चलाया जाएगा। सीएम योगी के निर्देशों के अनुरूप वर्ष-2024 के तृतीय चरण के संचारी रोग नियंत्रण अभियान एवं दस्तक अभियान को विस्तृत कार्ययोजना तैयार कर संचालित किया जाएगा। अभियान को स्वास्थ्य विभाग समेत 11 अन्य विभाग आपसी समन्वय से संचालित करेंगे। वहीं योगी सरकार की ओर से लोगों से भी अपील की गई है कि अभियान को सफल बनाने में सहयोग करें। साथ ही उन स्थानों से भी स्वास्थ्य विभाग की टीम को अवगत कराएं, जहां मच्छर पनपते हैं।

गतिविधियों के साथ ही जागरूकता पर फोकस

सीएम योगी के निर्देश पर मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने सभी नगर आयुक्तों, जल संस्थान के महाप्रबंधकों एवं नगर पालिका परिषद के अधिशासी अधिकारियों को कार्ययोजना को अमल में लाने के निर्देश दिये हैं। साथ ही नगर निगमों, नगर पालिकाओं और समस्त नगर पंचायतों के लिए संवेदीकरण बैठक निर्धारित की गई है एवं समस्त नगर निकायों द्वारा विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान के लिए निकाय वार व वार्ड वार संपन्न की जाने वाली गतिविधियों की माइक्रोप्लान जनपद स्तर पर मुख्य चिकित्साधिकारी को 29 सितंबर तक उपलब्ध कराने के निर्देश दिए हैं। मुख्य सचिव ने निर्देश दिये हैं कि नगरीय निकायों के अधिकारियों एवं कर्मियों द्वारा दिमागी बुखार समेत अन्य वेक्टर जनित रोगों, जलजनित रोगों की रोकथाम तथा साफ-सफाई के संबंध में स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से संवेदीकरण कराया जाए। नगरीय क्षेत्र में मोहल्ला निगरानी समितियों के माध्यम से दिमागी बुखार एवं अन्य वेक्टर जनित रोगों, जलजनित रोगों के विषय में निरंतर जागरूकता स्थापित की जाए। साथ ही, शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग करवाना, स्वास्थ्य विभाग द्वारा उपलब्ध कराई गई हाई रिस्क क्षेत्रों की सूची में उल्लिखित स्थानों पर सघन वेक्टर नियंत्रण एवं संवेदीकरण गतिविधियां संपादित कराना शामिल है।

घर-घर जाकर सफाई के प्रति जागरूक करेंगे स्वास्थ्य कार्यकर्ता

प्रदेश के सभी जिलों में 11 से 31 अक्टूबर तक दस्तक अभियान भी चलेगा। इसके तहत स्वास्थ्य कार्यकर्ता घर-घर जाकर साफ-सफाई और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करेंगे। आशा और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता घर-घर जाकर बुखार, इंफ़्लुएंजा लाइक इलनेस (आईएलआई), फाइलेरिया, काला जार, कुष्ठ रोग के लक्षण वाले व्यक्तियों, कुपोषित बच्चों का नाम, पता, मोबाइल नंबर सहित सम्पूर्ण विवरण ई–कवच पोर्टल पर अपलोड करेंगी। साथ ही क्षेत्रवार घरों की सूची जहां मच्छरों का प्रजनन पाया गया है, इसका विवरण निर्धारित प्रपत्र पर भरकर संबंधित अधिकारी को उपलब्ध कराएंगी। स्वास्थ्य विभाग समेत 11 अन्य विभागों के संयुक्त प्रयास से संचारी और दस्तक अभियान चलाया जाएगा। इसमें चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग, ग्राम्य विकास विभाग/पंचायती राज विकास विभाग, नगर विकास विभाग, बाल विकास सेवा एवं पुष्टाहार विभाग, पशुपालन विभाग, शिक्षा विभाग, चिकित्सा शिक्षा विभाग, कृषि एवं सिंचाई विभाग, दिव्यांगजन सशक्तीकरण विभाग, सूचना जनसम्पर्क विभाग तथा उद्यान विभाग शामिल है। स्वास्थ्य विभाग नोडल विभाग की भूमिका में होगा।

आभा आईडी भी बनेगी

अभियान के दौरान जिलों में आयुष्मान भारत हेल्थ एकाउंट (आभा आईडी) भी बनाई जाएगी। इससे मरीजों के उपचार करने में सुविधा रहेगी। स्वास्थ्य विभाग के पास यह भी जानकारी रहेगी कि मरीज का किस बीमारी का कब इलाज हुआ है। विश्व स्वास्थ्य संगठन और यूनिसेफ अभियान की लगातार मानीटरिंग करेंगे। किस विभाग ने क्या और कितना काम किया, इस पर भी निगाह रखी जाएगी।

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उत्तर प्रदेश

दूसरे दिन के सर्वे के लिए ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंची, कृष्ण कूप का किया निरीक्षण

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संभल। उत्तर प्रदेश के संभल में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम लगातार दूसरे दिन भी सर्वे करने पहुंची। ASI की टीम संभल के कल्कि विष्णु मंदिर पहुंच गई है। अब यहां पर ASI की टीम सर्वे का काम कर रही है। ASI की टीम के साथ प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद हैं। आज सर्वे का काम कृष्ण कूप में किया जाना है, जो कल्कि मंदिर के मेन गेट के पास है। बताया जा रहा है कि ये कृष्ण कूप संभल के जामा मस्जिद के पास से महज 500 मीटर की दूरी पर है। कृष्ण कूप चारों तरफ दीवारों से घिरा हुआ है। इसके चारों तरफ 5 फीट ऊंची दीवार बनी हुई है। इसके साथ ही कूप के अंदर झाड़ियां और गंदगी फैली हुई है।

संभल की एसडीएम वंदना मिश्रा ने बताया कि आर्कियोलॉजी की टीम आई थी। यहां पर एक प्राचीन कृष्ण कूप है। जिसका काल निर्धारण होना है। वह कितना पुराना है। उसी का निरीक्षण किया है। टीम ने कल्की मंदिर के भी दर्शन किए हैं। यह टीम लगभग 15 मिनट यहां पर रुकी है।
कल्कि मंदिर के पुजारी महेंद्र शर्मा ने बताया कि यहां पर एक टीम आई थी। उन्होंने एक कुआं देखा। वह कोने पर है। टीम परिसर में घूमी और मंदिर के अंदर की फोटो ली। मैंने उनसे कहा कि इस कार्य को मैं पुनर्जीवित करवाना चाहता हूं। उन्होंने कहा कि यह बहुत पुराना मंदिर है। एक हजार वर्ष का नक्शा, उसमें यह मंदिर दिखाया गया है। जो हरि मंदिर है उसके अन्दर यह मंदिर बना है।

ज्ञात हो कि जिलाधिकारी डॉ. राजेंद्र पैंसिया ने संभल के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व को देखते हुए एएसआई निदेशक को पत्र भेजकर सर्वे कराने की मांग की थी। इसके बाद एएसआई की टीम ने संभल में प्राचीन धार्मिक स्थलों और कुओं का सर्वे शुरू किया। डीएम ने कहा था कि संभल का ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व है। 19 कूप और पांच तीर्थों का एएसआई की टीम ने सर्वे किया है। यह सर्वे करीब 9 घंटे तक चला है।

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