Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

अन्तर्राष्ट्रीय

ढाका में छात्रों ने किया विरोध प्रदर्शन, बांग्लादेश में हिन्दुओं पर हिंसा के खिलाफ किया आंदोलन

Published

on

Loading

इंटरनेशनल सोसाइटी फॉर कृष्णा कॉन्शियसनेस (इस्कॉन) के अनुयायियों और ढाका विश्वविद्यालय के छात्रों और शिक्षकों ने सोमवार को बांग्लादेश में हिंदुओं पर नवीनतम हमले का विरोध किया। हिंसा की नई लहर ढाका से लगभग 255 किलोमीटर दूर रंगपुर जिले के पीरगंज उपजिला के एक गांव में हुई, जहां रविवार देर रात दर्जनों हिंदुओं के घर जला दिए गए।

बांग्लादेश में मुस्लिमों ने जलाये थे हिन्दुओं के घर 

सूत्रों के अनुसार, सोशल मीडिया पर एक ऐसी तस्वीर पोस्ट किए जाने के बाद हिंसा हुई, जिसे देश के मुस्लिम बहुसंख्यकों के अपमान के रूप में देखा गया था।बांग्लादेश छात्र लीग ने विरोध मार्च का नेतृत्व किया । बता दें कि हमले के लिए बांग्लादेश इस्लामी छात्र शिबिर को दोषी ठहराया, क्योंकि उन्होंने न्याय की मांग के लिए विश्वविद्यालय के शिक्षकों और छात्रों के साथ ढाका में एक प्रमुख चौराहे को अवरुद्ध कर दिया था। कई अन्य हिंदू समूह भी शाहबाग चौराहे पर शांतिपूर्ण विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए।

Also Read-बांग्लादेश में भीड़ ने जलाए 20 हिन्दू घर, सोशल मीडिया पोस्ट से भड़की हिंसा

जिले के पुलिस अधीक्षक मोहम्मद कमरुज्जमां ने बताया कि ‘पुलिस मछली पकड़ने के गांव में पहुंची, क्योंकि एक अफवाह पर तनाव बढ़ गया था कि गांव के एक युवा हिंदू व्यक्ति ने एक फेसबुक पोस्ट में ‘धर्म का अपमान’ किया था।’ रिपोर्ट में कहा गया है कि ‘हमलावरों ने आसपास के अन्य घरों में आग लगा दी क्योंकि पुलिस उस व्यक्ति के घर के आसपास पहरा दे रही थी।’

अन्तर्राष्ट्रीय

हिंदू नेता चिन्मय कृष्णदास की जमानत अर्जी को चट्टोग्राम की अदालत ने किया खारिज

Published

on

Loading

ढाका। बांग्लादेश हिंसा मामले में गिरफ्तार हिंदू नेता चिन्मय कृष्णदास की जमानत अर्जी को चट्टोग्राम की अदालत ने खारिज कर दिया है। डेली स्टार की खबर के अनुसार इस्कॉन के पूर्व नेता चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी की जमानत याचिका को बांग्लादेश की चट्टोग्राम अदालत में सुनवाई के लिए लगाया गया था। मगर कोर्ट ने जमानत देने से इनकार कर दिया।

कोलकाता इस्कॉन के उपाध्यक्ष राधा रमन दास ने कहा कि यह बेहद दुखद खबर है। हम जानते हैं कि पूरी दुनिया की नजर इस पर थी। सभी को उम्मीद थी कि नए साल में चिन्मय प्रभु को आजादी मिल जाएगी, लेकिन 42 दिन बाद भी उनकी जमानत आज सुनवाई में खारिज कर दी गई। बांग्लादेश सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि उनको न्याय मिले

Continue Reading

Trending