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अप्राकृतिक यौनकर्म : पति के खिलाफ पत्नी पहुंची शीर्ष अदालत
नई दिल्ली, 19 जुलाई (आईएएनएस)| पत्नी पर अप्राकृतिक यौनकर्म करने के लिए दबाव डालने वाले पति के खिलाफ दायर याचिका पर शीर्ष अदालत करेगी सुनवाई।
याचिका में महिला ने कहा है कि विवाह के चार साल के दौरान पति ने उनपर ओरल सेक्स करने का दबाव डाला। न्यायमूर्ति एन. वी. रमना और न्यायमूर्ति एम. एम. शांतनगौदार ने महिला के पति को नोटिस जारी कर मामले की सुनवाई के दौरान जवाब देने को कहा है। महिला का आरोप है कि उनकी सहमति के बगैर पति-पत्नी के बीच यौन संबंध की फिल्में भी बनाईं।
महिला ने कहा कि उनके पति ने उनपर ओरल सेक्स करने का दबाव डाला जोकि प्रकृति के विरुद्ध है और भारतीय दंड संहिता की धारा 377 के तहत अपराध की श्रेणी में आता है।
याचिका के अनुसार महिला की शादी गुजरात के साबरकांठा में 2014 में एक डॉक्टर के साथ हुई थी। वह जब 15 साल की थी तभी 2002 में उनकी सगाई हुई थी। महिला ने बताया कि पति ने उनकी मर्जी के खिलाफ उनपर ओरल सेक्स करने का दबाव बनाया और वह उन्हें समझाने में असमर्थ रहीं।
याचिका में आगे कहा गया कि पति ने महिला को उनकी मर्जी के खिलाफ वीडियो बनाने के लिए भी दबाव डाला। उनको अनैतिक मांग को मानने के लिए मजबूर किया गया। इसके लिए उनको अक्सर धमकी दी जाती थी और उनका शारीरिक उत्पीड़न किया जाता था।
महिला ने पति के खिलाफ साबरकांठा में दुष्कर्म और अप्राकृतिक यौनकर्म के आरोप में मामला दर्ज करवाया।
इसके बाद पति गुजरात उच्च न्यायालय पहुंच गए जहां पत्नी की दलील में धारा 375 के तहत पर्याप्त आधार नहीं माना गया क्योंकि वैवाहिक दुष्कर्म के लिए कोई प्रावधान नहीं है।
उच्च न्यायालय ने धारा 377 के तहत आरोप को खारिज कर दिया।
उच्च न्यायालय के फैसले को महिला ने शीर्ष अदालत में चुनौती दी है।
मंगलवार को पांच न्यायाधीशों की पीठ ने याचिका पर आदेश सुरक्षित रख लिया था।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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