साइंस
अब व्हाट्सएप की जासूसी करने वाला एप ‘चैटवाच’
सैन फ्रांसिस्को, 30 मार्च (आईएएनएस)| प्रौद्योगिकी बाजार में ‘चैटवाच’ नामक एक नया एप्लीकेशन आया है, जो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप के स्टेटस फीचर का उपयोग कर उपयोगकर्ता को बताएगा कि उनके व्हाट्सएप से जुड़े लोगों ने कितनी बार व्हाट्सएप एप का उपयोग किया है और वे प्रतिदिन किस समय सोते हैं।
इस एप की विलक्षण क्षमताएं इसे खतरनाक बना रही हैं। चैटवाच व्हाट्सएप ऑनलाइन या ऑफलाइन स्टेटस फीचर का फायदा उठाता है, जिससे आपके मित्रों को आपकी उपलब्धता की जानकारी मिलती है।
प्रौद्योगिकी वेबसाइट ‘लाइफहैकर’ ने गुरुवार को बताया, एप इस स्टेटस की जानकारी का उपयोग कर आपको बताएगा कि आपके मित्र व्हाट्सएप पर कितनी बार ऑनलाइन आए हैं। यह आपके मित्रों के सोने और जागने के समय का अनुमान भी लगाएगा।
यह एप ऐसे समय में सामने आया है, जब गोपनीयता भंग करने के कारण एक अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक को लोग अपने फोन से हटा रहे हैं। फेसबुक, व्हाट्सएप की स्वामित्व वाली कंपनी है।
लाइफ हैकर के अनुसार, एप के निर्माताओं को उम्मीद है कि एप सहायता से इस पर भी ध्यान जाएगा कि फेसबुक हमारी जानकारियों पर नियंत्रण कैसे रखता है। इसके साथ-साथ अन्य कंपनियां हमारी जानकारियों का उपयोग और विश्लेषण कैसे करती हैं।
इसके अनुसार, उम्मीद है कि व्हाट्सएप जल्द ही इसे ब्लॉक (प्रतिबंधित) कर देगा। इसलिए अगर आप अपने दोस्तों की जासूसी करना चाहते हैं और फेसबुक के गोपनीयता संबंधित मुद्दों का खुलासा करना चाहते हैं तो आप जल्द ही इसका उपयोग कर लें।
एप को सबसे पहले आईओएस पर लाया गया, लेकिन बाद में इसे एप्पल स्टोर से ले लिया गया था।
चैटवाच एंड्रोएड प्ले स्टोर पर उपलब्ध है और कहा जा रहा है कि इसके निर्माता इसके वेब आधारित संस्करण को विकसित करने का प्रयास भी कर रहे हैं।
साइंस
फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन, जानें कुछ उनके बारे में
नई दिल्ली। इंडियन न्यूक्लियर प्रोग्राम के जनक और फेमस न्यूक्लियर फिजिस्ट होमी जहांगीर भाभा का आज जन्मदिन है। जे. भाभा, टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च (TIFR) के फाउंडिंग डायरेक्टर और फिजिक्स के प्रोफेसर भी थे। होमी जहांगीर भाभा का जन्म 30 अक्टूबर 1909 में एक अमीर पारसी परिवार में हुआ था। होमी जहांगीर भाभा के पिता का नाम जहांगीर होर्मुस्जी भाभा और माता का नाम मेहरबाई भाभा था, इनके पिता एक जाने-माने वकील थे जबकि माँ एक गृहिणी थीं।
होमी भाभा ने 16 साल की आयु में ही सीनियर कैम्ब्रिज परीक्षा पास कर ली थी। फिर वे गोनविले और कैयस कॉलेज में मैकेनिकल इंजीनियरिंग की डिग्री हासिल करने के लिए कैम्ब्रिज गए। इसके बाद उन्होंने कैम्ब्रिज में कैवेंडिश लैब में रिसर्च करना शुरू किया और उनका पहला रिसर्च पेपर 1933 में प्रकाशित हुआ। दो साल बाद, उन्होंने अपनी पीएचडी हासिल की और 1939 तक कैम्ब्रिज में रहे।होमी भाभा ने छात्र के रूप में कोपेनहेगन में नोबेल पुरस्कार विजेता नील्स बोहर के साथ काम किया और क्वांटम सिद्धांत के विकास में प्रमुख भूमिका निभाई।
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