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मुख्य समाचार

आईएएस अधिकारियों को उकसा रही है भाजपा : केजरीवाल

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नई दिल्ली, 16 जून (आईएएनएस)| दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उनके मंत्रिमंडल के तीन सहयोगियों का उपराज्यपाल निवास पर धरना शनिवार को भी जारी रहा। आम आदमी पार्टी (आप) रविवार को प्रधानमंत्री आवास तक मार्च करने की तैयारी में है, क्योंकि दिल्ली में जारी भारतीय प्रशासनिक अधिकारियों की हड़ताल को लेकर सरकार में गतिरोध की स्थिति बनी हुई है। ‘आप’ प्रवक्ता पंकज गुप्ता ने कहा, दिल्ली उसी तरह का जनांदोलन शुरू करने जा रही है, जैसा कि हमने पहले किया था और दिल्ली की राजनीतिक तस्वीर बदल गई।

उन्होंने कहा कि न सिर्फ पार्टी कार्यकर्ता, बल्कि दिल्ली की आम जनता भी रविवार को चार बजे शाम मार्च में हिस्सा लेगी। उन्होंने आगे कहा, हमने यथासंभव पूरी कोशिश की, मगर वे सुनने को तैयार नहीं हैं।

इस घोषणा से पहले केजरीवाल ने कहा कि आईएएस अधिकारी दबाव में हैं और उनकी हड़ताल भारतीय जनता पार्टी(भाजपा) से प्रेरित है। उन्होंने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से भी उनका रुख स्पष्ट करने को कहा कि क्या वह भाजपा के साथ हैं या दिल्ली की जनता के साथ।

उन्होंने यह भी कहा कि उनकी सरकार के पास उतना अधिकार नहीं है, जितना पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के पास था।

उन्होंने कहा, मेरे पास एक चपरासी का भी तबादला करने की शक्ति नहीं है, लेकिन दीक्षित के पास अधिकारियों का दबादला करने और भ्रष्टाचार के आरोपों में उनकी गिरफ्तारी भी करवाने की शक्ति थी।

भाजपा पर आईएएस अधिकारियों को हड़ताल के लिए उकसाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, भाजपा अधिकारियों पर हड़ताल करने के लिए दबाव डाल रही है। भाजपा दबाव में है, क्योंकि दिल्ली में ‘आप’ सरकार कड़ी मेहनत कर रही है। मैं यहां दिल्ली की जनता के लिए बैठा हूं और उन्हें यह सुनिश्चत करता हूं कि स्थिति बदलेगी।

उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और कैबिनेट मंत्री सत्येंद्र जैन और गोपाल राय के साथ केजरीवाल राज निवास में सोमवार शाम से धरने पर बैठे हैं।

सिसोदिया और जैन क्रमश: चार और पांच दिनों से अनिश्चितकालीन उपवास पर हैं।

केजरीवाल ने कहा, हम यहां छह दिनों से बैठे हैं। हम असहाय बैठे हैं, आईएएस अधिकारी दिल्ली में पिछले तीन महीने से हड़ताल पर हैं। वे फाइलों का निपटारा करने के लिए दफ्तर आते हैं, मगर किसी आधिकारिक बैठक में हिस्सा नहीं लेते हैं।

उन्होंने कहा, वे फोन नहीं उठाते हैं। आपातकालीन परिस्थितियों में भी हमारे संदेशों का जवाब नहीं देते हैं। वे मंत्रियों के साथ कार्यक्षेत्र के निरीक्षण पर नहीं आते हैं। कोई सरकार इस तरह से नहीं चल सकती है। हम यहां हड़ताल खत्म करवाने के लिए बैठे हैं।

धरने से सरकार का कामकाज बाधित होने को लेकर पूछे गए सवाल पर केजरीवाल ने कहा, आईएएस अधिकारियों की हड़ताल के कारण सरकार का कामकाज नहीं चल रहा है, न कि हमारे धरने के कारण। हमें ऐसा कदम उठाने के लिए मजबूर किया गया।

यदि केजरीवाल का धरना रविवार को भी जारी रहा तो प्रधानमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित होने वाली नीति आयोग की बैठक में उनके शामिल होने की संभावना नहीं दिख रही है। इस बैठक में विभिन्न राज्यों के मुख्यमंत्री हिस्सा लेंगे।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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