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मुख्य समाचार

आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट की पुलिस रिमांड खारिज

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पालनपुर(गुजरात), 7 सितम्बर (आईएएनएस)| आईपीएस अधिकारी संजीव भट्ट को रिमांड में लेने की गुजरात पुलिस की मांग यहां की एक अदालत ने गुरुवार को खारिज कर दिया और उन्हें 22 वर्ष पुराने एक मामले में न्यायिक हिरासत में भेज दिया। पुलिस की अपराध विभाग(सीआईडी) ने भट्ट को गिरफ्तार किया था और उसके बाद बुधवार को पालनपुर पुलिस थाने के इंस्पेक्टर आई.बी. व्यास को गिरफ्तार किया।

याचिका के विरुद्ध बहस करते हुए, बचाव पक्ष के वकील ने कहा कि मामला दो दशक पुराना है और इससे संबंधित याचिका सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।

दंडाधिकारी ने बहस को स्वीकार कर लिया और सीआईडी की मांग खारिज कर दी। अदालत ने दोनों अभियुक्तों को पालनपुर न्यायिक हिरासत में उप-कारागार भेज दिया।

जब यह कथित घटना 1996 में हुई थी, भट्ट बनासकांठा के पुलिस अधीक्षक थे। जानकारी के अनुसार, बनासकांठा पुलिस ने एक किलोग्राम अफीम रखने के आरोप में एक वकील सुमेरसिंह राजपुरोहित को गिरफ्तार किया था।

पुलिस ने दावा किया था कि यह मादक पदार्थ पालनपुर में राजपुरोहित के होटल के कमरे में पाया गया था।

लेकिन बाद में, एक जांच से पता चला कि राजपुरोहित पर दबाव बनाने के लिए उसे पुलिस द्वारा गलत तरीके से फंसाया गया था, ताकि वह राजस्थान के पाली में अपने विवादस्पद संपत्ति को खाली कर दे।

शिकायत के आधार पर, गुजरात उच्च न्यायालय ने जून में इस मामले को सीआईडी को सुपूर्द किया था और तीन महीने में जांच पूरी करने के लिए कहा था।

सीआईडी के अधिकारियों ने बुधवार को पत्रकारों को बताया कि पूर्व आईपीएस अधिकारी और अन्य ने कथित रूप से मादक पदार्थ रखकर राजपुरोहित को गिरफ्तार करने की साजिश रची थी। ताकि वह इस दबाव के बाद विवादास्पद संपत्ति खाली कर दे।

2002 के गुजरात दंगों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले भट्ट को अगस्त 2015 में सेवा से ‘अनधिकृत रूप से अनुपस्थित’ रहने के लिए हटा दिया गया था।

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नेशनल

क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?

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नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’

जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.

मामले की पूरी जानकारी

राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।

पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।

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