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बिजनेस

इंटरनेट उपयोगकर्ताओं ने जीएसटी बिल ऑनलाइन साझा किया

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हैदराबाद, 1 जुलाई (आईएएनएस)| वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) के शनिवार से लागू होने के साथ ही लोगों ने सोशल मीडिया पर अपने पहले बिल को साझा किया। जीएसटी के अपने पहले अनुभव को इंटरनेट के उपयोगकर्ताओं ने फेसबुक, व्हाट्स एप और ट्विटर के माध्यम से अपने-अपने बिलों को साझा किया। अधिकांश बिल होटलों के थे।

कुछ लोगों ने तो शुक्रवार और शनिवार दोनों दिनों के बिलों को पोस्ट किया और इसके माध्यम से अपने पॉकेट पर पड़ने वाले प्रभाव को दर्शाया।

जीएसटी काउंसिल ने ट्रिस्टविदजीएसटी के नाम से एक हैशटैग शुरू किया है, जिसपर लोग अपने अनुभवों को साझा करने के लिए जीएसटी की अपनी पहली पर्ची की तस्वीर पोस्ट कर सकते हैं।

एक बिल में दिखाया गया कि दक्षिण भारतीय खाने की कीमत जीएसटी के कारण किस प्रकार बढ़ी है।

बेंगलुरू के एक रेस्तरां में शुक्रवार को एक मसाल डोसा तथा एक सांबर बडा की कीमत 133 रुपये थी, जो शनिवार को जीएसटी के आने के साथ ही 148 रुपये हो गई।

एक परिवार ने व्हाट्स एप पर एक रेस्तरां में अपने खाने का बिल साझा किया। उन्हें 1,577 रुपये के खाने पर 183 रुपये (नौ फीसदी राज्य जीएसटी तथा नौ फीसदी केंद्र जीएसटी) जीएसटी चुकाना पड़ा।

किराना स्टोर के कुछ बिलों को भी सोशल मीडिया पर साझा किया गया, जिसमें कुल खरीद पर पांच फीसदी राज्य जीएसटी तथा पांच फीसदी केंद्र जीएसटी लगाया गया है।

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प्रादेशिक

एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन

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मुंबई। एस्सार ग्रुप के सह-संस्‍थापक शशि रुइया का 80 साल की उम्र में निधन हो गया है। रुइया के पार्थिव शरीर को प्रार्थना और श्रद्धांजलि के लिए वालकेश्वर के बाणगंगा में रखा जाएगा। अंतिम संस्कार यात्रा रुइया हाउस से शाम 4 बजे हिंदू वर्ली श्मशान के लिए निकलेगी।

शशि रुइया ने अपने भाई रवि रुइया के साथ मिलकर एस्सार की स्थापना की थी। वह करीब एक महीने पहले अमेरिका से इलाज करा लौटे थे। मंगलवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक उनका पार्थिव शरीर रुइया हाउस में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। शाम चार बजे रुइया हाउस से शवयात्रा हिंदू वर्ली श्मशान घाट के लिए रवाना होगी।

उद्योगपति शशि रुइया ने अपने पिता नंद किशोर रुइया के मार्गदर्शन में 1965 में अपने व्यावसायिक दुनिया में कदम रखा। उन्होंने अपने भाई रवि के साथ मिलकर 1969 में चेन्नई बंदरगाह पर एक बाहरी ब्रेकवाटर का निर्माण कर एस्सार की नींव रखी। इसके बाद एस्सार ग्रुप ने इस्पात, तेल रिफाइनरी, अन्वेषण और उत्पादन, दूरसंचार, बिजली और निर्माण सहित विभिन्न क्षेत्रों में विस्तार किया।

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