अन्तर्राष्ट्रीय
इंदिरा ने दुनिया को महिला नेताओं की क्षमताओं से परिचित कराया : भूटान की राजमाता
थिम्फू, 26 अगस्त (आईएएनएस)| भूटान की राजमाता आशी दोरजी वांगमो वांगचुक ने यहां शनिवार को एक किताब के लोकार्पण के मौके पर दिवंगत भारतीय प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की तारीफ की और उन्हें करिश्माई व्यक्तित्व वाली साहसी महिला बताया। वांगचुक ने कहा कि वह निजी तौर पर गांधी से प्रेरित हैं।
‘इंडियाज इंदिरा’ नाम की किताब में गांधी के जीवन से जुड़ी क हानियों का संग्रह है और उनकी शख्सियत के प्रतिबिंबों पर दुनिया की प्रसिद्ध हस्तियों ने प्रकाश डाला है। इसे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने संकलित किया है और इसमें सोनिया गांधी का प्राक्कथन है।
कांग्रेस सांसद और जाने-माने लेखक शशि थरूर ने राजमाता के साथ मंच साझा किया और दोनों ने बातचीत के दौरान इंदिरा गांधी के जीवन पर संक्षिप्त रूप से प्रकाश डाला।
वांगचुक ने कहा, इंदिरा गांधी को पैदा हुए 100 साल हो चुके हैं। वह बेहद साहसी, सच्चरित्र और दृढ़ संकल्प वाली महिला थीं। वह भारत को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए दृढ़ प्रतिज्ञ थीं।
राजमाता ने कहा, जब से श्रीमती इंदिरा गांधी अपने पिता नेहरू जी के साथ याक की सवारी कर भूटान आईं, तभी से दोनों देशों के बीच स्थायी संबंध कायम हुए हैं।
वांगचुक के मुताबिक, इंदिरा ने दुनिया को बहुत जल्द दिखा दिया कि महिलाओं में कितनी क्षमता है। वह महान व्यक्तित्व के साथ ऊंचे कद वाली महिला थीं। उन्होंने निजी तौर पर मुझे दिखाया कि एक महिला क्या हासिल कर सकती है। मुझे लगता है कि इंदिरा के उदाहरण से मेरी तरह सभी भूटानी महिलाओं को सीखने की जरूरत है।
किताब का लोकार्पण यहां चल रहे ‘माउंटेन इकोज लिटरेरी फेस्टिवल’ में हुआ, जिसका रविवार को समापन होगा।
अन्तर्राष्ट्रीय
बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात
नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।
विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।
चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।
चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।
मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।
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