Connect with us
https://aajkikhabar.com/wp-content/uploads/2020/12/Digital-Strip-Ad-1.jpg

नेशनल

इंफोसिस के सीएफओ राजीव बंसल का इस्तीफा

Published

on

Loading

बेंगलुरु| देश की नामी साफ्टवेयर कंपनी इंफोसिस के मुख्य वित्त अधिकारी (सीएफओ) राजीव बंसल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। इंफोसिस ने वर्ष 2015-16 के जुलाई-सितंबर की दूसरी तिमाही के वित्तीय नतीजों का ऐलान करने के मौके पर सोमवार को जारी बयान में कहा बंसल ने कंपनी को अपने इस्तीफे के इरादे से अवगत करा दिया है। उनकी जगह एम.डी.रंगनाथ लेंगे। सोमवार को कारोबार खत्म होने के समय तक रंगनाथ कार्यभार संभाल लेंगे।

कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष का पद भी संभाल चुके बंसल 31 दिसंबर तक कंपनी के मुख्य कार्यकारी विशाल सिक्का और निदेशक मंडल के सलाहकार बने रहेंगे। सिक्का ने एक बयान में कहा मैं बीते 16 महीनों में कंपनी को दिए गए उल्लेखनीय योगदान और बेहतरीन साथी बने रहने के लिए राजीव को धन्यवाद देता हूं। वह एक शानदार सीएफओ हैं। हमें उनकी अनुपस्थिति खलेगी। हम उनके सुखद भविष्य की कामना करते हैं। बंसल ने एक बयान में कहा है कि इंफोसिस के साथ काम करना उनके लिए गर्व की बात रही है। उन्होंने कहा मुझे पूरी उम्मीद है कि आने वाले समय में विशाल के नेतृत्व में इंफोसिस नई ऊंचाइयां छुएगी।

बंसल बीते चार साल में इंफोसिस छोड़ने वाले तीसरे हाई-प्रोफाइल सीएफओ हैं। इनसे पहले वी.बालाकृष्णन और एम.डी.मोहनदास पई क्रमश: 2013 और 2011 में कंपनी को छोड़ चुके हैं। रंगनाथ इंफोसिस से 15 साल से जुड़े हुए हैं। वह कंपनी के कार्यकारी उपाध्यक्ष हैं और कंपनी के रणनीतिक मामलों के विभाग के प्रमुख हैं। सिक्का ने बयान में कहा है| हम रंगनाथ का अपने नए सीएफओ के रूप में स्वागत करते हैं। मैंने पाया है कि रंगनाथ योग्यता, ज्ञान और ईमानदारी से लैस एक जोशीले और संतुलित अधिकारी हैं। भारतीय प्रबंधन संस्थान अहमदाबाद के परास्नातक रंगनाथ के पास भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान चेन्नई की मास्टर डिग्री भी है।

 

आध्यात्म

नवरात्रि के चौथे दिन होती है मां कुष्मांडा की आराधना, भक्तों के सभी कष्ट हरती हैं मां

Published

on

By

Loading

नवरात्रि का चौथा दिन मां कूष्मांडा को समर्पित है। इस दिन मां कूष्मांडा की उपासना की जाती है।  मां कूष्मांडा यानी कुम्हड़ा। कूष्मांडा एक संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है कुम्हड़ा, यानी कद्दू, पेठा। धार्मिक मान्यता है कि मां कूष्मांडा को कुम्हड़े की बलि बहुत प्रिय है। इसलिए मां दुर्गा के इस स्वरुप का नाम कूष्मांडा पड़ा।

मां को प्रिय है ये भोग

नवरात्रि के चौथे दिन मां कूष्मांडा को मालपुआ का प्रसाद अर्पित कर भोद लगाएं। ऐसा करने से घर में सुख-समृद्धि आएगी। साथ ही इस दिन कन्याओं को रंग-बिरंगे रिबन या वस्त्र भेट करने से धन में वृद्धि होगी।

यूं करें मां कूष्मांडा की पूजा

मां कूष्मांडा की पूजा सच्चे मन से करें। मन को अनहत चक्र में स्थापित करें और मां का आशीर्वाद लें। कलश में विराजमान देवी-देवता की पूजा करने के बाद मां कूष्मांडा की पूजा करें। इसके बाद हाथों में फूल लें और मां का ध्यान करते हुए इस मंत्र का जाप करें।

सुरासम्पूर्णकलशं रुधिराप्लुतमेव च. दधाना हस्तपद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु।

माता कूष्मांडा हरेंगी सारी समस्याएं

जीवन में चल रही परेशानियों और समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए मां कूष्मांडा के इस मंत्र का जाप 108 बार अवश्य करें। ऐसा करने से सभी समस्याओं से छुटकारा मिल जाएगा।

दुर्गतिनाशिनी त्वंहि दारिद्रादि विनाशिनीम्।
जयंदा धनदां कूष्माण्डे प्रणमाम्यहम्॥

मां कूष्मांडा की पूजा के बाद इस मंत्र का 21 बार जप करें

सुरासम्पूर्ण कलशं रुधिराप्लुतमेव च।

दधाना हस्त पद्माभ्यां कूष्माण्डा शुभदास्तु मे॥

शास्त्रों में उल्लेख है कि इस मंत्र के जप से सूर्य संबंधी लाभ तो मिलेगा ही,साथ ही, परिवार में खुशहाली आएगी। स्वास्थ्य अच्छा रहेगा और आय में बढ़ोतरी होगी।

Continue Reading

Trending