लाइफ स्टाइल
इस पार्टी सीजन में यूं दिखें आकर्षक
नई दिल्ली | सर्दियों के मौसम में पार्टी में जाने के लिए पहने जाने वाले कपड़ों को लेकर लोग अक्सर असमंजस में रहते हैं। सर्दियों में कपड़े ऐसे होने चाहिए, जो फैशनेबल होने के साथ ही आपको गर्म भी रखें। बॉम्बर जैकेट और मखमली स्पर्श वाले वेलवेट जैकेट आदि फैशनेबल होने के साथ ही गर्माहट वाले भी होते हैं। फैशन रिसेलिंग सेवा प्रदान करने वाली कूटलूट ब्रांड की स्टाइलिस्ट जिनल खिमानी ने सर्दियों में पहने जाने वाले कपड़ों के संबंध में कुछ सुझाव दिए हैं।
– वेलवेट अब सिर्फ रोमांटिक और शाम को गोथिक शैली की पार्टी में पहने जाने तक ही सीमित नहीं रह गया है, बल्कि अब यह जीवंतता का प्रतीक बन गया है। दिन में भी इसे पहना जा सकता है। इस कपड़े से बने ट्राउजर, बूट, ब्लेजर आदि पहनने पर शाम की पार्टी में सबकी निगाहें आप पर टिकी रहेंगी।
– बॉम्बर जैकेट फैशन की दुनिया में हालिया समय में छाए हुए हैं। नए डिजाइन और आकर्षक रंगों वाले ये जैकेट इस साल फैशन में बने रहेंगे। ये जैकेट आकर्षक कढ़ाई में भी उपलब्ध हैं।
-चमकीले फिसलन वाली स्लिप ड्रेस शानदार डिजाइनों से सजी होने पर और भी ज्यादा खूबसूरत लगती हैं। इन्हें ढीले स्वेटर या लेदर जैकेट पर पहना जा सकता है।
– मनकों से सजे व पीतल, सोना, चांदी या बन्र्ट गोल्ड जैसे रंगों के मैटेलिक ड्रेस शाम की पार्टी में पहने जाने के लिए बिल्कुल उपयुक्त होते हैं। यह आपको स्मार्ट लुक देते हैं।
– कोट या अन्य ड्रेस पर फर कॉलर बेहद जंचते है। फर वाले कोट सर्दियों में आजकल खूब पहने जा रहे हैं। गहरे रंग जैसे काला या भूरा या फिर हल्के पेस्टल रंगों के फर कॉलर वाले कोट सभी पर फबते हैं।
– रफल्स विभिन्न स्टाइलों में देखने को मिल रहे हैं। ये टॉप या स्कर्ट सबके साथ उपलब्ध हैं। रॉबटरे कैवाली, डियोर और ऑस्कर डे ला रेंटा जैसे मशहूर फैशन घरानों ने भी अपने संग्रह में रफल्स को शामिल किया है। झालरदार रफल्स वाले कपड़े, टॉप, गाउन युवतियों को खास तौर पर भाते हैं।
– ट्रेंच वेस्ट कोट आज भी पसंद किए जाते हैं। ये कोट सदाबहार है। ये हमेशा फैशन में बने रहते हैं। नए डिजाइनों और गहरे रंग के ट्रेंच वेस्ट कोट आपको क्लासकि लुक देते हैं। ये आपको सर्दियों में गर्माहट भी देते हैं।
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साइलेंट किलर है हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी, इन लक्षणों से होती है पहचान
नई दिल्ली। हाई कोलेस्ट्रॉल की बीमारी एक ऐसी समस्या है, जो धीरे-धीरे शरीर को नुकसान पहुंचाती है इसीलिए इसे एक साइलेंट किलर कहा जाता है। ये बीमारी शरीर पर कुछ संकेत देती है, जिसे अगर नजरअंदाज किया गया, तो स्थिति हाथ से निकल भी सकती है।
हालांकि, पिछले कुछ सालों में कोलेस्ट्रॉल को लेकर लोगों के बीच जागरुकता बढ़ी है और सावधानियां भी बरती जाने लगी हैं। ऐसा नहीं है कि कोलेस्ट्रॉल शरीर के लिए पूरी तरह से नुकसानदायक है। अगर यह सही मात्रा में हो, तो शरीर को फंक्शन करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। चलिए जानते हैं इसी से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें।
कोलेस्ट्रॉल बढ़ जाए तो क्या होगा?
जब शरीर में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा 200 mg/dL से अधिक हो जाती है, तो इसे हाई कोलेस्ट्रॉल की श्रेणी में गिना जाता है और डॉक्टर इसे कंट्रोल करने के लिए डाइट से लेकर जीवन शैली तक में कई बदलाव करने की सलाह देते हैं। अगर लंबे समय तक खून में कोलेस्ट्रॉल की मात्रा बनी रहे, तो यह हार्ट डिजीज और हार्ट स्ट्रोक के जोखिम को बढ़ा सकता है।
हाई कोलेस्ट्रॉल को “साइलेंट किलर” क्यों कहते हैं?
हाई कोलेस्ट्रॉल को साइलेंट किलर इसलिए कहते हैं क्योंकि व्यक्ति के स्वास्थ्य पर इसका काफी खतरनाक असर पड़ता है, जिसकी पहचान काफी देर से होती है। इसके शुरुआती लक्षण बहुत छोटे और हल्के होते हैं, जिसे अक्सर लोग नजरअंदाज कर जाते हैं और यहीं से यह बढ़ना शुरू हो जाते हैं। आखिर में इसकी पहचान तब होती है जब शरीर में इसके उलटे परिणाम नजर आने लगते हैं या फिर कोई डैमेज होने लगता है।
शरीर पर दिखने वाले कोलेस्ट्रॉल के लक्षणों को कैसे पहचानें?
हाई कोलेस्ट्रॉल के दौरान पैरों में कुछ महत्वपूर्ण लक्षण नजर आने लगते हैं, जिसे क्लाउडिकेशन कहते हैं। इस दौरान पैरों की मांसपेशियों में दर्द, ऐंठन और थकान महसूस होता है। ऐसा अक्सर कुछ दूर चलने के बाद होता है और आराम करने के साथ ही ठीक हो जाता है।
क्लाउडिकेशन का दर्द ज्यादातर पिंडिलियों, जांघों, कूल्हे और पैरों में महसूस होता है। वहीं समय के साथ यह दर्द गंभीर होता चला जाता है। इसके अलावा पैरों का ठंडा पड़ना भी इसके लक्षणों में से एक है।
गर्मी के मौसम में जब तापमान काफी ज्यादा हो, ऐसे समय में ठंड लगना एक संकेत है कि व्यक्ति पेरिफेरल आर्टरी डिजीज से जूझ रहा है। ऐसा भी हो सकता है कि यह स्थिति शुरुआत में परेशान न करे, लेकिन अगर लंबे समय तक यह स्थिती बनी रहती है तो इलाज में देरी न करें और समय रहते डॉक्टर से इसकी जांच करवाएं।
हाई कोलेस्ट्रॉल के अन्य लक्षणों में से एक पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बदलाव आना भी शामिल है। इस दौरान ब्लड वेसेल्स में प्लाक जमा होने लगते हैं, जिसके कारण ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित होता है।
ऐसे में जब शरीर के कुछ हिस्सों में कम मात्रा में खून का दौड़ा होता है, तो वहां कि त्वचा की रंगत और बनावट के अलावा शरीर के उस हिस्से का फंक्शन भी प्रभावित होता है।
इसलिए, अगर आपको अपने पैरों की त्वचा के रंग और बनावट में बिना कारण कोई बदलाव नजर आए, तो हाई कोलेस्ट्रॉल इसका कारण हो सकता है।
डिस्क्लेमर: उक्त लेख सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डॉक्टर से सलाह लें।
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