मुख्य समाचार
ईरानियों के बीच फूट डालने की अमेरिका की व्यर्थ की कोशिश : खामनेई
तेहरान, 1 जुलाई (आईएएनएस)| ईरान के सर्वोच्च नेता अयातुल्ला अली खामनेई ने रविवार को कहा कि अमेरिका, ईरान के लोगों के बीच फूट डालने और लोगों को प्रतिष्ठानों के खिलाफ भड़काने के लिए ‘व्यर्थ में’ आर्थिक दबाव डाल रहा है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ ने खामनेई के हवाले से कहा, दुश्मन की योजना लोगों और सत्ता प्रतिष्ठान के बीच फूट डालने की है।
उन्होंने राजधानी तेहरान में इमाम हुसैन विश्वविद्यालय में आयोजित एक समारोह में कहा, वाशिंगटन की योजना उसकी मूर्खता को दर्शाती है क्योंकि वे यह नहीं जानते कि इस्लामिक गणराज्य और कुछ नहीं, बल्कि ईरानी राष्ट्र है और इन दोनों को अलग नहीं किया जा सकता।
खामनेई ने कहा, अमेरिका अकेले ईरान पर दबाव बनाने में सक्षम नहीं है, इसलिए उसने इस क्षेत्र में ‘अपमानजनक और प्रतिक्रियावादी देशों’ के साथ गठबंधन किया है।
उन्होंने कहा, हम प्रतिदिन अपने लोगों के साथ अपने रिश्ते को मजबूत करेंगे।
उन्होंने साथ ही कहा कि अमेरिका के लिए ईरान की नफरत भी प्रतिदिन बढ़ती जा रही है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 8 मई को ऐतिहासिक ईरान परमाणु समझौते से अपने कदम पीछे खींच लिए थे। वाशिंगटन ने ईरान के खिलाफ प्रतिबंध दोबारा लागू करने और इस्लामिक गणराज्य के साथ व्यापारिक संबंध रखने वाले देशों के खिलाफ भी द्वितीयक प्रतिबंध लागू करने की प्रतिबद्धता जताई हुई है।
नेशनल
क्या रद्द होगी राहुल गांधी की भारतीय नागरिकता ?
नई दिल्ली। राहुल गांधी के पास ब्रिटेन की भी नागरिकता है और इसलिए उनकी भारतीय नागरिकता रद्द कर दी जानी चाहिए.’ एस विग्नेश शिशिर ने यह दावा करते हुए एक जनहित याचिका दायर की है, जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने केंद्रीय गृह मंत्रालय को फैसला करने का निर्देश दिया. इस दौरान केंद्र सरकार की तरफ से पेश डिप्टी सॉलिसिटर जनरल ने कहा, ‘याचिकाकर्ता की तरफ से कुछ दस्तावेज गृह मंत्रालय को मिले हैं और वह इस पर विचार कर रहा है कि राहुल गांधी की नागरिकता रद्द की जानी चाहिए या नहीं.’
जस्टिस एआर मसूदी और सुभाष विद्यार्थी की डिविजन बेंच ने अपर सॉलिसिटर जनरल एसबी पांडेय को निर्देश दिया कि वो तीन हफ्ते के अंदर इस बारे में गृह मंत्रालय से निर्देश प्राप्त करें और अगली तारीख पर इसका जवाब पेश करें. इस मामले की सुनवाई अब 19 दिसबंर को रखी गई है.
मामले की पूरी जानकारी
राहुल गांधी की नागरिकता से जुड़ा विवाद तब शुरू हुआ जब लखनऊ हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई, जिसमें आरोप लगाया गया कि राहुल गांधी के पास ब्रिटिश नागरिकता है। याचिकाकर्ता एस विग्नेश शिशिर ने दावा किया कि उन्होंने गहन जांच के बाद यह निष्कर्ष निकाला है कि राहुल गांधी के पास यूके की नागरिकता है। शिशिर ने यह भी कहा कि उनके पास कुछ गोपनीय जानकारी है, जिससे यह साबित होता है कि राहुल गांधी का विदेशी नागरिकता प्राप्त करना कानून के तहत भारतीय नागरिकता को रद्द करने का कारण हो सकता है।
पहले इस मामले में शिशिर की याचिका को जुलाई 2024 में खारिज कर दिया गया था, लेकिन इसके बाद शिशिर ने केंद्रीय गृह मंत्रालय के पास शिकायत की थी, जिसमें कोई एक्शन नहीं लिया गया। फिर से इस मामले को अदालत में लाया गया और अब गृह मंत्रालय से राहुल गांधी की नागरिकता पर स्पष्टीकरण मांगा गया है।
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