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नेशनल

उद्धव मुंह बंद रखें, वरना सब खुलासा कर दूंगा : नारायण राणे

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सांगली(महाराष्ट्र), 9 दिसम्बर (आईएएनएस)| महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे ने शनिवार को शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे को अपना मुंह बंद रखने के लिए कहा और साथ ही ऐसा नहीं करने की स्थिति में सबकुछ खुलासा कर देने की धमकी दी और कहा कि इसके परिणाम उन्हें भुगतने पड़ेंगे। राणे ने चेतावनी देते हुए ठाकरे के आरोप से इंकार किया, जिसमें उन्होंने आरोप लगाया है कि राणे ने दिवंगत बाला साहेब ठाकरे का उत्पीड़न किया था।

उन्होंने कहा, मैंने अपनी आंखों से देखा है कि कैसे उद्धव व उनके परिवार ने बाला साहेब को उत्पीड़ित किया है। अगर वह अपना मुंह बंद नहीं रखेंगे और मेरे विरुद्ध षड्यंत्र करेंगे तो मैं उन्हें बदनाम करने में संकोच नहीं करूंगा।

राणे ने कहा, जब बाला साहेब जिंदा थे, मैंने किसी भी तरह से उन्हें मुश्किल में नहीं डाला। मैं उनके घर में हो रही सभी गतिविधि का गवाह रहा हूं और मैं सच में सबकुछ खुलासा कर दूंगा। उनके आरोप गलत हैं और मैंने पहले भी यह कहा है।

उन्होंने यह बयान ऐसे समय दिया है, जब शिवसेना कथित रूप से सत्तारूढ़ भाजपा पर दबाव बना रही है कि राणे को मंत्रिमंडल में शामिल नहीं किया जाए।

राणे ने इस वर्ष सितंबर में कांग्रेस छोड़कर महाराष्ट्र स्वाभिमान पार्टी बना ली थी और केंद्र व राज्य में भाजपा नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन(राजग) के साथ गठबंधन कर लिया था।

दोनों पार्टियों के बीच बनी सहमति के आधार पर उन्हें हालिया विधान परिषद के उपचुनाव में उम्मीदवार बनाया जाना था और उसके बाद देवेंद्र फडणवीस मंत्रिमंडल में शामिल किया जाना था।

हालांकि इस सीट पर भाजपा के प्रसाद लाड ने चुनाव लड़ा और जीत गए। हालांकि इसके बाद राणे ने शनिवार को घोषणा की कि 2017 के अंततक वह मंत्री बन जाएंगे।

बाला ठाकरे ने राणे को वर्ष 1999 में मुख्यमंत्री बनाया था। लेकिन बाद में उद्धव से अनबन होने के बाद वह शिवसेना छोड़कर 2005 में कांग्रेस में शामिल हो गए थे।

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अन्तर्राष्ट्रीय

बांग्लादेश में चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भारत ने जताई नाराजगी, कही ये बात

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नई दिल्ली। मंगलवार को बांग्लादेश के हिंदू संगठन सनातनी जागरण जोत के प्रवक्ता चिन्मय कृष्ण दास प्रभु को गिरफ्तार कर लिया गया। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों द्वारा चिन्मय कृष्ण दास के नेतृत्व में ही आंदोलन किया जा रहा है। बाद में अदालत ने भी चिन्मय कृष्ण दास की जमानत अर्जी खारिज कर उन्हें जेल भेज दिया। भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने भी इस पर नाराजगी जाहिर की।

विदेश मंत्रालय ने बयान में कहा कि हिंदुओं पर हमला करने वाले बेखौफ घूम रहे हैं, जबकि हिंदुओं के लिए सुरक्षा का अधिकार मांगने वाले हिंदू नेताओं को जेल में ठूंसा जा रहा है। वहीं बांग्लादेश सरकार ने विदेश मंत्रालय के बयान पर नाराजगी जाहिर की है और कहा है कि यह उनका आंतरिक मामला है और भारत के टिप्पणी करने से दोनों देशों के रिश्तों में खटास आ सकती है।

चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी के बाद बांग्लादेश में बड़े पैमाने पर विरोध-प्रदर्शन शुरू हो गए। इस प्रदर्शन को रोकने के लिए बड़े पैमाने पर आंसू गैस के गोले दागे गए और लाठीचार्ज भी किया गया, जिसमें 50 से अधिक लोग घायल हो गए। गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चंदन कुमार धर प्रकाश चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी, जिन्हें चिन्मय कृष्ण दास ब्रह्मचारी के नाम से भी जाना जाता है। दरअसल, चिन्मय कृष्ण दास बांग्लादेश के चटगांव स्थित इस्कॉन पुंडरीक धाम के प्रमुख भी हैं। चिन्मय कृष्ण दास को बीते सोमवार को शाम 4:30 बजे हजरत शाहजलाल इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ढाका मेट्रोपॉलिटन पुलिस की डिटेक्टिव ब्रांच (डीबी) द्वारा हिरासत में लिया गया था।

मंगलवार को उन्हें कड़ी सुरक्षा के बीच चटगांव के छठे मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट काजी शरीफुल इस्लाम के समक्ष पेश किया गया। हालांकि, उनकी जमानत याचिका को खारिज कर दिया गया और उन्हें जेल भेज दिया गया। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, उन पर देशद्रोह का आरोप लगा है।

 

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