हेल्थ
उपवास के दौरान इन बातों का ध्यान रखें गर्भवती महिलाएं
नई दिल्ली, 23 मार्च (आईएएनएस)| यदि आप लंबे समय से उपवास कर रही हैं तो इस दौरान आपको गेस्टेशनल डाइबिटीज, एनीमिया या मल्टीपल प्रेगनेंसी को लेकर सावधान रहने की जरूरत है।
नवरात्रि का त्योहार शुरू हो चुका है और कई महिलाएं गर्भावस्था के दौरान भी उपवास कर रही हैं। ऐसे में आपको थोड़ा सावधान रहने की आवश्यकता है। नवरात्रि के दौरान उपवास की अवधि ज्यादा होती है, इसलिए स्वास्थ्य का ध्यान रखना जरूरी है।
पहली तिमाही के दौरान, आपका शिशु बहुत नाजुक स्थिति में होता है। बेहतर होगा कि इस दौरान उपवास न किया जाए। इसी तरह तीसरी तिमाही में उपवास करना भी असुरक्षित रह सकता है। किसी भी परिस्थिति में अगर आपको लगता है कि आप उपवास नहीं कर सकती हैं तो उपवास न करें। उपवास करने से पहले शारीरिक स्वास्थ्य के संबंध में उचित मेडिकल जांच जरूरी है। अन्य जटिलताओं जैसे गेस्टेशनल डाइबिटीज, एनीमिया या मल्टीपल प्रेगनेंसी की भी जांच कराई जानी चाहिए।
नर्चर आईवीएफ सेंटर में गायनेकोलॉजिस्ट ऑब्स्टेट्रिशियन और आईवीएफ एक्सपर्ट डॉ. अर्चना धवन बजाज ने कहा, यह भी देखना जरूरी है कि यदि आप लंबे समय से व्रत कर रही हैं तो सिरदर्द, थकान, बेहोशी, चक्कर, और बहुत ज्यादा एसिडिटी तो नहीं हो रही। यदि आपको लगता है कि शिशु की मूवमेंट कम हो गई है या आपको लेबर जैसे दर्द महसूस होता है तो फौरन डॉक्टर से संपर्क करें। यह समय पूर्व प्रसव के संकेत हो सकते हैं।
यदि आप गर्भावस्था के दौरान भी उपवास कर रही हैं तो चाय और कॉफी लेने से बचें। खूब पानी पिएं और पानी या जूस नियमित अंतराल पर लेते रहें। नारियल पानी पोषक तत्वों का बेहतरीन स्रोत है।
डॉ. अर्चना ने कहा कि गर्भवती महिलाओं को ताजा फलों का सेवन करना चाहिए। यदि मौसम गरम और तेज धूप वाला है तो घर के अंदर रहें और पूरा दिन आराम करें। लंबी दूरी तक पैदल चलने से बचें। शांत रहे और किसी भी तरह के तनाव को न लें। गर्भावस्था में व्रत करने से स्ट्रेस लेवल बढ़ने की आशंका रहती है। इससे बचने के लिए वैकल्पिक आहार लेते रहें। नवरात्रि त्योहार के पहले और आखिरी दिन व्रत करना भी एक विकल्प है। गर्भावस्था के दौरान कोई भी व्रत करने से पहले डॉक्टर या स्वास्थ्य विशेषज्ञ से सलाह जरूर लें।
लाइफ स्टाइल
दिल से जुड़ी बीमारियों को न्योता देता है जंक फूड, इन खाद्य पदार्थों से करें परहेज
नई दिल्ली। अनियमित लाइफ स्टाइल व तला भुना जंक फूड दिल से जुड़ी बीमारियों की मुख्य वजह बन गया है। स्टडीज़ के अनुसार, अगर आप अपने दिल की सेहत में सुधार करना चाहते हैं, तो इन 4 तरह के खाने से दूरी बना लें।
तला हुआ खाना
कई शोध से पता चला है कि सैचुरेटेड फैट्स शरीर में बैड कोलेस्ट्ऱॉल की मात्रा को बढ़ाने का काम करते हैं। रेड मीट, फ्रेंच फ्राइज़, सैंडविच, बर्गर आदि जैसे फूड्स LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ाते हैं, जिससे स्ट्रोक और दिल के दौरे का ख़तरा बढ़ जाता है।
चीनी युक्त सोडा या फिर केक
चीनी को मीठा ज़हर ही कहा जाता है। केक, मफिन, कुकीज़ और मीठी ड्रिंक्स शरीर में सूजन का कारण बनते हैं। चीनी का ज़्यादा सेवन शरीर में फैट्स बढ़ाता है, जिससे डायबिटीज़, हार्ट अटैक और स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है।
लाल मांस
रेड मीट सैचुरेटेड फैट्स से भरपूर होता है, जिसकी वजह से धमनियों में प्लाक जम सकता है। जिनको मटन खाने का शौक है, उन्हें वह हिस्सा खाना चाहिए जिसमें ज़्यादा प्रोटीन और कम फैट हो। अगर आप चिकन खा रहे हैं तो ब्रेस्ट, विंग्ज़ वाला हिस्सा में ज़्यादा प्रोटीन होता है और कम फैट। वहीं, मछली सबसे हेल्दी और अच्छा ऑप्शन है।
सफेद चावल, ब्रेड या फिर पास्ता
सफेद ब्रेड, मैदे, चीनी और प्रोसेस्ड तेल को मिलाकर तैयार किए जाने वाले फूड्स में किसी भी तरह का फायदा नहीं होता। ऐसा ही सफेद पास्ता के साथ भी है। सफेद चावल में फाइबर की मात्रा कम होती है, इसलिए दिल की सेहत के लिए इसका ज़्यादा सेवन नहीं किया जाना चाहिए।
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