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नेशनल

उप्र : अधूरे इंतजामों के बीच फिर होगी आलू पर सियासत

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लखनऊ, 21 जनवरी (आईएएनएस)। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पिछले दिनों आलू को लेकर सियासत गरमा गई थी। विधानसभा और राजभवन के सामने आलू फेंके जाने के बाद विपक्ष अचनाक ही आक्रामक हो गया था। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और सरकार के बीच जमकर आरोप-प्रत्यारोप का दौर चला था। लेकिन सही मायने में सच्चाई यह है कि आलू का नया सीजन आने वाला है लेकिन अभी तक सरकार के दावे जमीन पर उतरते नहीं दिखाई दे रहे हैं।

अधिकारियों का दावा है कि नए सीजन में आलू के भंडारण में कोई दिक्कत नहीं आएगी।

आलू किसानों की समस्या के हल के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भरोसा दिलाया था कि आलू किसानों की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा और जरूरत पड़ी तो आलू का समर्थन मूल्य और बढ़ाया जा सकता है। उनके इस निर्देश के बाद मंत्रियों की बैठक भी हुई थी जिसमें अभी तक कोई ठोस निर्णय आलू किसानों के हित में नहीं लिया जा सका है।

इस बीच नए सीजन में अब आलू की खुदाई भी शुरू हो चुकी है। फरवरी और मार्च तक आलू बाजार में आ जाएगा। ऐसे में किसानों की मुश्किलें फिर बढ़ सकती हैं। आंकड़ों पर गौर करें तो पिछले साल 155 लाख टन आलू का उत्पादन हुआ था जबकि इस वर्ष और अधिक आलू पैदा होने की संभावना है।

किसानों की समस्या यह है कि पिछले वर्ष किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ा था। सरकारी वादों और दावों के बावजूद नए कोल्ड स्टोरेज की संख्या में इजाफा न होना किसानों की मूल चिंता है। ऐसे में किसानों की चिंता भी जायज है।

उत्तर प्रदेश में आलू के उत्पादन के पिछले पांच वर्षो के आंकड़ों पर गौर करें तो वर्ष 2011-12 में 123 लाख टन, 2012-2013 में 133 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इसी तरह 2013-14 में आलू के उत्पादन में थोड़ी गिरावट आई थी। इस वर्ष 120 लाख टन का उत्पादन हुआ था। इससे किसानों को हालांकि कोई समस्या नहीं आई थी।

इसी तरह वर्ष 2014-15 में फिर आलू के उत्पादन में वृद्धि दर्ज की गई और यह बढ़कर 129 लाख टन पहुंच गया। इसके बाद वर्ष 2015-16 में आलू का उत्पादन बढ़कर 141 लाख टन पहुंच गया था। पिछले दो तीन सालों से आलू के उत्पादन में निरंतर वृद्धि हो रही है।

शासन से जुड़े सूत्रों के अनुसार, इस वर्ष आलू का उत्पादन 160 लाख टन तक पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में अगर सरकार ने आलू के भंडारण का पार्याप्त इंतजाम नहीं किया तो किसानों की मुश्किलें बढ़ सकती है।

शासन से जुड़े एक अधिकारी ने आईएएनएस को बताया कि फिलहाल उप्र में 1,825 कोल्ड स्टोरेज हैं। इनकी क्षमता 142 लाख टन आलू भंडारण की है।

उन्होंने बताया, पिछले साल आलू का उत्पादन लगभग 155 लाख टन हुआ था जबकि पिछले साल कोल्ड स्टोरेज की संख्या 1708 था। इस वर्ष कोल्ड स्टोरेज जरूर बढ़े हैं लेकिन आलू के उत्पादन को देखते हुए वह भी पार्याप्त नहीं हैं।

उप्र में कोल्ड स्टोरेज की कमियों को लेकर उद्यान निदेशक एस पी जोशी ने कहा कि पिछले साल कई नए कोल्ड स्टोरेज बनाए गए थे। ऐसे में भंडारण की कोई दिक्कत नहीं आएगी। सरकार भी आलू किसानों के हित में कई योजनाएं लेकर आ रही हैं। किसानों को कोई समस्या नहीं होने दी जाएगी।

इस बीच हालांकि भारतीय किसान यूनियन ने नौ फरवरी को आलू किसानों की समस्याओं को लेकर प्रदेशव्यापी आंदोलन का ऐलान किया है। यूनियन के मंडल अध्यक्ष हरनाम सिंह ने सरकार पर किसानों के साथ भेदभाव करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि सरकारें वादे तो बहुत करती है लेकिन उन पर अमल नहीं किया जाता। इससे किसानों की नाराजगी लगातार बढ़ रही है।

हरनाम ने कहा कि इलाहाबाद में पिछले दिनों लगे शिविर में यह तय किया गया कि नौ फरवरी से प्रदेशभर में आलू किसान आंदोलन करेंगे। इसकी शुरुआत बाराबंकी से होगी। वहां प्रदेशभर के आलू किसान महापंचायत करेंगे और सरकार से भी बात करने का प्रयास किया जाएगा।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार देगा डोमिनिका, कोरोना के समय भेजी थी 70 हजार वैक्सीन

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डोमिनिका। कैरेबियाई देश डोमिनिका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करेगा। भारतीय प्रधानमंत्री को कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।भारत ने फरवरी 2021 में डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के 70 हजार डोज भेजे थे। यह वैक्सीन डोमिनिका और उसके पड़ोसी अन्य कैरेबियाई देशों के काम आई थी। भारतीय प्रधानमंत्री के डोमिनिका के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।

डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन भारत-कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी को डोमिनिका सम्मान से सम्मानित करेंगी। डोमिनिका के पीएम ऑफिस के आधिकारिक बयान में कहा गया, “फरवरी 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 70,000 खुराकें उपलब्ध कराईं। एक उदार उपहार जिसने डोमिनिका को अपने कैरेबियाई पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया।” इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को मान्यता देता है।

बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए पुरस्कार की पेशकश स्वीकार की। इसके मुताबिक पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने में डोमिनिका और कैरिबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रतिबिंब हैं, जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शातें हैं।

 

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