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प्रादेशिक

उप्र: बंद का आंशिक असर

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लखनऊ| उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में व्यवसायी और पूर्व राज्यसभा सांसद बनवारी लाल कंछल पर बीते दिनों हुए हमले के विरोध में गुरुवार को राज्यभर में बंद का आह्वान किया गया, जिसका आंशिक असर दिखायी दे रहा है। व्यापार मंडल का हालांकि, दावा है कि राज्यभर में बंद को व्यापक स्तर पर समर्थन मिला है। उप्र में गुरुवार को बाजारों में बंद का आंशिक असर ही दिखाई दे रहा है। सूबे के सभी व्यापारिक संगठन इसका समर्थन कर रहे हैं। बंद के दौरान लखनऊ के साथ ही अन्य जिलों के व्यापारियों ने आरोपी वकीलों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर जुलूस निकाला।

अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के अध्यक्ष संदीप बंसल ने बताया कि वर्षों बाद इस तरह के अभूतपूर्व बंद का असर दिखाई दे रहा है। व्यापारियों का उत्पीड़न किसी भी स्थिति में स्वीकार नहीं किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि कानपुर से लेकर बलिया तक, सहारनपुर से लेकर मुरादाबाद तक सारे व्यावसायिक प्रतिष्ठान बंद हैं और इसमें अन्य व्यापारिक संगठनों का भी सहयोग मिल रहा है।

बंसल ने कहा कि राज्य में पेट्रोल पंप हालांकि, खुले रखे गए हैं, लेकिन इनके कर्मचारी काली पट्टी बांधकर काम कर रहे हैं।

व्यावसायी नेता कंछल पर हुए हमले के विरोध में इसके पहले छह दिसंबर को राजधानी में बाजार बंद रखने का फैसला किया गया था। इसके बाद सभी व्यापारिक संगठनों की सहमति के बाद 11 दिसंबर को बंद का आह्वान किया गया।

उप्र उद्योग व्यापार प्रतिनिधिमंडल, उप्र उद्योग व्यापार मंडल (संदीप बंसल), उप्र आदर्श व्यापार मंडल, संयुक्त व्यापार मंडल, ट्रांसपोर्ट एसोसिएशन और उप्र सर्राफा एसोसिएशन ने प्रदेशव्यापी बंद का समर्थन किया है।

गौरतलब है कि बीते शुक्रवार को अदालत में बनवारी लाल कंछल की वकीलों ने पिटाई की थी।

घटना के पीछे नवंबर में अमीनाबाद प्लाइवुड की जमीन कब्जा करने को लेकर वकीलों से उनका विवाद बताया जा रहा है।

IANS News

महाकुंभ में बिछड़ने वालों को अपनों से मिलाएंगे एआई कैमरे, फेसबुक और एक्स भी करेंगे मदद

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प्रयागराज। महाकुंभ की तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगी योगी आदित्यनाथ सरकार पहली बार इतने व्यापक स्तर पर महाआयोजन का डिजिटलाइजेशन कर रही है। यहां एआई की मदद से ऐसे कैमरे लगाए जा रहे हैं, जो 45 करोड़ श्रद्धालुओं की हिफाजत में 24 घंटे तैनात रहेंगे। एआई लाइसेंस वाले इन कैमरों के साथ ही फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म भी बिछड़ने वाले परिजनों को खोजने में तत्काल मदद करेंगे।

मदद करेगा डिजिटल खोया पाया केंद्र

इस बार महाकुंभ में देश विदेश से बड़ी संख्या में आने वाले लोगों को अपनों को खोने का डर नहीं सताएगा। मेला प्रशासन ने इसकी व्यापक कार्ययोजना तैयार की है। इसके लिए डिजिटल खोया पाया केंद्र को एक दिसंबर से लाइव किया जाएगा। इसके माध्यम से 328 एआई लाइसेंस वाले कैमरे पूरे मेला क्षेत्र पर नजर रखेंगे। इन सभी कैमरों का परीक्षण कर लिया गया है। पूरे मेला क्षेत्र को इन विशेष कैमरों से लैस किया जा रहा है। योगी सरकार के निर्देश पर बड़े पैमाने पर कैमरे इंस्टॉल करने का काम अपने अंतिम चरण में है। मेला क्षेत्र की चार लोकेशन पर इन विशेष एआई कैमरों का परीक्षण भी किया जा चुका है।
महाकुंभ में अब कोई भी अपना बिछड़ने नहीं पाएगा।

पलक झपकते काम करेगी तकनीक

महाकुंभ 2025 में शामिल होने वाले श्रृद्धालुओं के लिए सरकार ने ऐसे डिजिटल खोया-पाया केंद्रों की स्थापना की है, जो तकनीक के सहारे चलेंगे और पलक झपकते ही अपनों से मिलाएंगे। इसमें हर खोए हुए व्यक्ति का डिजिटल पंजीकरण तुरंत किया जाएगा। पंजीकरण होने के बाद एआई कैमरे गुमशुदा की तलाश में जुट जाएंगे। यही नहीं, गुमशुदा की जानकारी को फेसबुक और एक्स जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर भी शेयर किया जाएगा। यह व्यवस्था महाकुंभ मेले को न केवल सुरक्षित बनाएगी, बल्कि परिवारों को जल्दी और आसानी से अपने प्रियजनों से जोड़ने का काम करेगी।

फोटो से मिलान करेगा एआई

महाकुंभ में अपनों से बिछड़ने वाले व्यक्तियों की पहचान के लिए फेस रिकग्निशन तकनीक का उपयोग किया जाएगा। यह तत्काल काम करेगा। यहां 45 करोड़ लोगों के आने की संभावना है। ऐसे में एआई कैमरे तत्काल फोटो खींचकर व्यक्ति की पहचान कर लेंगे। इस काम में सोशल मीडिया भी तत्पर रहेगा।

पहचान का देना होगा प्रमाण

जो भी व्यक्ति महाकुंभ मेले में अपनों से बिछड़ेगा, उसका सुरक्षित, व्यवस्थित और जिम्मेदार प्रणाली के तहत ख्याल भी रखा जाएगा। किसी भी वयस्क को बच्चे या महिला को ले जाने से पहले सुनिश्चित करना होगा कि वह उसे पहचानते हैं और उनकी पहचान प्रमाणिक है।

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