प्रादेशिक
उप्र : बारिश व ठंड से जनजीवन प्रभावित
लखनऊ| उत्तर प्रदेश में राजधानी लखनऊ सहित आसपास के जिलों में पिछले 24 घंटों से बूंदाबांदी का दौर जारी है। बारिश की वजह से तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान उप्र में बूंदाबांदी का सिलसिला रुक-रुक कर जारी रहने का अनुमान जताया है। उप्र मौसम विभाग के निदेशक जे. पी. गुप्ता ने बताया कि शुक्रवार और शनिवार को भी आंशिक तौर पर बादल छाए रहेंगे और बूंदाबांदी होती रहेगी। बंगाल की खाड़ी में बने कम हवा के दबाव क्षेत्र और पुरवा हवा के साथ घुली नमी ने उप्र के मौसम को अचानक बदल दिया है।
बकौल गुप्ता, “अगले 48 घंटों तक मौसम ऐसा ही बने रहने के आसार हैं। बीच-बीच में बादलों की आवाजाही का सिलसिला चलता रहेगा। बदली रहने के कारण अधिकतम तापमान में और अधिक गिरावट आने के आसार हैं।”
मौसम विभाग के अनुसार, शुक्रवार को राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 4.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम तापमान 14 डिग्री सेल्सियस के आसपास दर्ज किए जाने का अनुमान है।
लखनऊ के अलावा शुक्रवार को वाराणसी का न्यूनतम तापमान पांच डिग्री, कानपुर का 4.2 डिग्री, गोरखपुर का 4.3 डिग्री और इलाहाबाद का पांच डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
इस बीच गुरुवार से शुरू हुई बारिश की वजह से उप्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। बारिश की वजह से कम लोग ही घरों से बाहर निकले। मौसम विभाग के अनुसार, गुरुवार को दो मिलीमीटर बारिश दर्ज की गई।
इधर बारिश और ठंड की वजह से राजधानी में 12वीं तक के स्कूलों को पांच जनवरी तक बंद रखने का आदेश जारी किया गया है। मौसम का मिजाज ठीक रहा तो स्कूल छह जनवरी को खुलेंगे।
जिलाधिकारी राजशेखर ने बताया कि स्कूल खुलने पर कक्षाएं सुबह 10 बजे से दो बजे तक ही चलाई जा सकेंगी। इस दौरान स्कूलों को ठंड से बचाव के लिए उपाय करने होंगे।
कृषि वैज्ञानिकों ने हालांकि बारिश को फसलों के लिए काफी कारगर बताया है। कृषि विशेषज्ञ प्रो. रत्नाकर त्रिपाठी ने बताया कि हल्की बारिश गेहूं, चना, मटर आदि फसलों के लिए काफी लाभकारी साबित होगी।
IANS News
वसुधैव कुटुंबकम’ भारत का शाश्वत संदेश : योगी आदित्यनाथ
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘वसुधैव कुटुंबकम’ के आदर्श वाक्य के महत्व पर जोर देते हुए इसे भारत की वैश्विक मानवता के प्रति प्रतिबद्धता का प्रतीक बताया है। उन्होंने इसे भारत का शाश्वत संदेश बताते हुए कहा कि हमने हमेशा से शांति, सौहार्द और सह-अस्तित्व को प्राथमिकता दी है। सीएम योगी ने यह बात शुक्रवार को एलडीए कॉलोनी, कानपुर रोड स्थित सिटी मॉन्टेसरी स्कूल (सीएमएस) के वर्ल्ड यूनिटी कन्वेंशन सेंटर में विश्व के मुख्य न्यायाधीशों के 25वें अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करने के दौरान अपने संबोधन में कही। कार्यक्रम में 56 देशों के 178 मुख्य न्यायाधीश और डेलिगेट्स ने भाग लिया।
‘अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक’
अपने संबोधन में मुख्यमंत्री ने भारत के संविधान के अनुच्छेद 51 की भावनाओं को विश्व शांति और सुरक्षा के लिए प्रेरक बताया। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद सम्मानजनक अंतरराष्ट्रीय संबंधों को विकसित करने और संघर्षों को शांतिपूर्ण ढंग से हल करने के लिए नैतिक मार्ग का अनुसरण करने के लिए हम सभी को प्रेरित करता है। उन्होंने समारोह को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि 26 नवंबर 2024 को संविधान अंगीकरण के 75 वर्ष पूरे होंगे। यह संविधान के अंगीकृत होने के अमृत महोत्सव वर्ष की शुरुआत के दौरान आयोजित हो रहा है।
‘युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है’
योगी आदित्यनाथ ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा संयुक्त राष्ट्र के ‘समिट ऑफ दि फ्यूचर’ में दिये गये संबोधन की चर्चा करते हुए कहा कि युद्ध समस्याओं का समाधान नहीं है। युद्ध ने दुनिया के ढाई अरब बच्चों के भविष्य को खतरे में डाला है। उन्होंने दुनिया के नेताओं से आग्रह किया कि वे एकजुट होकर आने वाली पीढ़ियों के लिए स्वच्छ, सुरक्षित और भयमुक्त समाज का निर्माण करें। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सम्मेलन को वैश्विक संवाद और सहयोग का मंच बताते हुए विश्वास व्यक्त किया कि अनुच्छेद 51 की भावना के अनुरूप यह आयोजन विश्व कल्याण के मार्ग को प्रशस्त करेगा। उन्होंने दुनिया भर के न्यायाधीशों से इस दिशा में सक्रिय योगदान देने का भी आह्वान किया।
‘भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध’
मुख्यमंत्री ने संविधान के अनुच्छेद 51 की चर्चा करते हुए कहा कि यह वैश्विक शांति और सौहार्द की दिशा में भारत की सोच को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि यह अनुच्छेद संघर्षों के शांतिपूर्ण समाधान और सभी देशों के बीच सम्मानजनक संबंधों को बढ़ावा देने का संदेश देता है। मुख्यमंत्री ने भारत की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र जैसे अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत की सक्रिय भागीदारी से यह स्पष्ट होता है कि भारत विश्व शांति और सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्ध है।
सीएमएस के संस्थापक को दी श्रद्धांजलि
सीएमएस के संस्थापक डॉ. जगदीश गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि उनकी दूरदृष्टि और प्रयासों से यह सम्मेलन एक महत्वपूर्ण मंच बना है। उन्होंने डॉ. भारती गांधी और गीता गांधी को इस कार्यक्रम को अनवरत जारी रखने के लिए धन्यवाद दिया।
इस अवसर पर हंगरी की पूर्व राष्ट्रपति, हैती रिपब्लिक के पूर्व प्रधानमंत्री सहित दुनिया के 56 देशों से आए हुए न्यायमूर्तिगण, सीएमएस की संस्थापक निदेशक डॉ भारती गांधी, प्रबंधक गीता गांधी किंगडन समेत स्कूली बच्चे और अभिभावकगण मौजूद रहे।
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