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उप्र विधानसभा का सत्र पूरा, विधायकों का वेतन-भत्ता बढ़ा

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लखनऊ | उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र का गुरुवार को समापन हो गया। इस दौरान सदन में विधायकों के वेतन व भत्तों में वृद्धि की घोषणा की गई। मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने पूर्व विधायकों की पेंशन और भत्ते बढ़ाए जाने की घोषणा भी की। सत्र के समापन से पहले मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय, नेता प्रतिपक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य और अन्य दलों के नेताओं व सदस्यों को धन्यवाद दिया।

कांग्रेस विधानमंडल दल के नेता प्रदीप माथुर और अन्य कई सदस्यों की मांग पर मुख्यमंत्री ने धन्यवाद भाषण के दौरान विधायकों और पूर्व विधायकों के वेतन व भत्तों में वृद्धि की घोषणा की।
उन्होंने विधायकों के वेतन को आठ हजार से 10 हजार करने की घोषणा की और क्षेत्रीय भत्ता को 22000 रुपये से बढ़ाकर 30000 रुपये किया। साथ ही दैनिक भत्ता 750 रुपये से बढ़ाकर 1000 रुपये प्रतिदिन किया गया।
इसके अलावा चिकित्सा भत्ता के रूप में विधायकों को अब 10 हजार की जगह 18 हजार रुपये मिलेंगे और पेट्रोल-डीजल के भत्ते को 10 हजार से 18 हजार रुपये किए जाने की घोषणा हुई।
मुख्यमंत्री ने पूर्व विधायकों की पेंशन, रेल कूपन व पारिवारिक पेंशन बढ़ाए जाने की घोषणा की। उन्होंने विधानसभा के कर्मचारियों के भत्तों के बढ़ाए जाने की भी बात इस मौके पर की।
इसके पहले आज विधानसभा में सामान्य प्रशासन व पुलिस विभाग का बजट पेश किया गया, जिसे ध्वनि मत से पारित कर दिया गया।
बजट कटौती प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान बसपा के स्वामी प्रसाद मौर्य और भाजपा के सुरेश खन्ना ने कानून व्यवस्था पर सरकार की जमकर खिंचाई की। विपक्षियों ने आरोप लगाया कि सपा के शासन काल में पुलिस पर सर्वाधिक प्रहार होते हैं।
इसके जवाब में नेता सदन अखिलेश यादव ने बसपा को अपने शासन काल की याद दिलाई। उन्होंने सदन को भरोसा दिया कि सरकार कानून व्यवस्था पर काम कर रही है और आगे भी करती रहेगी।

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देवताल-माणापास लोक विरासतीय यात्रा-2024 सम्पन्न

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वरिष्ठ पत्रकार चन्द्रशेखर जोशी की रिपोर्ट

लोक विरासतीय देवताल- माणापास लोकयात्रा आज सम्पन्न हो गयी। 2015 से उत्तराखंड के पूर्व केबिनेट मंत्री स्व. मोहनसिंह रावत “गांववासी” द्वारा शुरू की गई इस यात्रा को प्रतिवर्ष आयोजित किया जा रहा है। शुक्रवार सुबह बदरीनाथ धाम से लोकयात्रा ने प्रस्थान किया। जय बदरीविशाल के जयघोष के साथ यात्रा बदरीधाम से 55 किमी दूर उच्च हिमालय स्थित माणापास-देवताल पहुंची।

देवताल में तीर्थयात्रियों ने पूजा-अर्चना की और अपने पितरों को भी पवित्र सरोवर का जल अर्पण किया। इस बार प्रशासन ने 54 लोगों को यात्रा पर जाने की अनुमति दी थी। आईटीबीपी और सेना के जवानों ने तीर्थ यात्रियों को रास्तेभर सुविधा दी और जलपान-भोजन का भी इंतज़ाम किया था।

देवताल चमोली गढवाल में देश की सबसे ऊंचाई की झील है। लगभग 18000 फ़ीट पर इसी पवित्र सरोवर से देवनदी सरस्वती का उद्गम है। माना जाता है कि देवताल में देवता स्नान करते हैं। 1962 से पूर्व भारत-तिब्बत व्यापार का यह प्रमुख रास्ता था। लेकिन 1962 के भारत-चीन युद्ध के बाद इसको बंद कर दिया गया था।

इस अवसर पर प्रोफे.सुभाष चंद्र थलेडी ने बताया कि देवताल-माणापास से कैलाश मानसरोवर के रास्ते को खोलने के लिए सरकार को विचार करना चाहिए, क्योंकि यह रास्ता नजदीक और सुगम है। साथ ही सीमा तक सड़क मार्ग से जुड़ा है। इससे तीर्थयात्रियों को सुविधा होगी। इसी के साथ देवताल जाने के लिए भी स्थानीय तीर्थ यात्रियों को सुगमता से जाने-आने की सुविधा भी दी जानी चाहिए।

देवताल में पूर्व मंत्री स्व.मोहनसिंह रावत के नेतृत्व में बने हनुमान मंदिर में। भी पूजा अर्चना की गई। “गांववासी अमर रहे’ के नारों से देवताल गूंज उठा।

पंडित भास्कर डिमरी के संयोजन में इस यात्रा का आयोजन किया गया। यात्रा में बी.डी. सिंह, प्रोफे. (डॉ.) सुभाष चंद्र थलेडी, डॉ. श्रीनंद उनियाल, पंकज डिमरी, अभिषेक भंडारी, दीपा रौथाण, संजीव रौथाण, डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. चेतना पुरोहित, सिद्धार्थ उनियाल, पंकज हटवाल आदि समेत लगभग चार दर्जन यात्री शामिल हुए।

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