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नेशनल

उप्र : विधानसभा में उठा शराबबंदी, कानून-व्यवस्था का मुद्दा

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लखनऊ, 19 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश विधानसभा के बजट सत्र के दौरान बुधवार को जमकर हंगामा हुआ। विपक्षी पार्टियों ने योगी सरकार को कानून-व्यवस्था और शराबबंदंी के मुद्दे पर चौतरफा घेरने की कोशिश की। हंगामे के कारण दो बार कार्यवाही रोकनी पड़ी। विपक्ष ने सदन में गन्ना किसानों की मांग को लेकर हंगामा किया। उत्तर प्रदेश में शराबबंदी को लेकर योगी सरकार के कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने बुधवार को विधानसभा में कहा कि राज्य में शराबबंदी नहीं हो सकती। राजस्व की वजह से शराबबंदी नहीं की जा सकती।

विधानसभा की कर्यवाही शुरू होते ही बसपा सदस्यों ने विधानसभा में आजमगढ़ जहरीली शराब का मामला उठाया। बसपा ने शराबबंदी पर चर्चा की मांग उठाई। इस दौरान कांग्रेस सदस्यों ने अवैध शराब का मुद्दा उठाया और इससे निपटने के लिए शराबबंदी की मांग की।

इसके जवाब में मंत्री सुरेश खन्ना ने शराबबंदी से मना कर दिया। उन्होंने कहा कि राजस्व की वजह से राज्य में शराबबंदी नहीं की जा सकती।

दूसरी तरफ विधानसभा में नेता प्रतविपक्ष राम गोविंद चौधरी ने कानून-व्यवस्था का मुद्दा उठाया। चौधरी ने कहा कि उप्र में आए दिन हत्या, लूट और दुष्कर्म की घटनाएं हो रही हैं। इस पर सरकार क्या कर रही है।

संसदीय कार्यमंत्री ने इसका जवाब दिया। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार के कारनामों की वजह से आज भी हमें हर रोज कानून-व्यवस्था पर सफाई देनी पड़ती है।

विधान परिषद में कार्यवाही शुरू होते ही सपा के विधायकों ने हंगामा शुरू कर दिया। सपा सदस्यों ने नालों की गाद सफाई का मुद्दा उठाया। सपा का आरोप था कि नालों की सफाई में भ्रष्टाचार व्याप्त है।

इस पर सिंचाई मंत्री ने कहा कि प्रदेश में 30 हजार किलोमीटर नालों की सफाई हर साल होती है। सिंचाई में भ्रष्टाचार नहीं है।

वहीं, विधायक उमेश द्विवेदी ने वित्त विहीन शिक्षकों पर लाठीचार्ज का मुद्दा भी उठाया।

कुछ दिनों पहले वित्त विहीन शिक्षकों ने विधानसभा के बाहर धरना-प्रदर्शन किया था।

उन्होंने कहा, सरकार धरना-प्रदर्शन करने वाले अध्यापकों पर लाठीचार्ज करा रही है। जबकि शिक्षक शांतिपूर्वक धरना दे रहे थे। उन्होंने आरोप लगाया कि लाठीचार्ज के दौरान कई पुलिस वाले नशे में थे।

उन्होंने सरकार से उन पुलिसकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की।

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अन्तर्राष्ट्रीय

पीएम मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार देगा डोमिनिका, कोरोना के समय भेजी थी 70 हजार वैक्सीन

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डोमिनिका। कैरेबियाई देश डोमिनिका भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपना सर्वोच्च राष्ट्रीय पुरस्कार- ‘डोमिनिका अवॉर्ड ऑफ ऑनर’ से सम्मानित करेगा। भारतीय प्रधानमंत्री को कोविड-19 महामारी के दौरान डोमिनिका की मदद करने के लिए यह पुरस्कार दिया जा रहा है।भारत ने फरवरी 2021 में डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन के 70 हजार डोज भेजे थे। यह वैक्सीन डोमिनिका और उसके पड़ोसी अन्य कैरेबियाई देशों के काम आई थी। भारतीय प्रधानमंत्री के डोमिनिका के हेल्थ इंफ्रास्ट्रक्चर में सहयोग के लिए यह अवॉर्ड दिया जा रहा है।

डोमिनिका के प्रधानमंत्री कार्यालय ने कहा कि राष्ट्रपति सिल्वेनी बर्टन भारत-कैरिबियन समुदाय (कैरिकॉम) शिखर सम्मेलन के दौरान पीएम मोदी को डोमिनिका सम्मान से सम्मानित करेंगी। डोमिनिका के पीएम ऑफिस के आधिकारिक बयान में कहा गया, “फरवरी 2021 में, प्रधानमंत्री मोदी ने डोमिनिका को एस्ट्राजेनेका कोविड-19 वैक्सीन की 70,000 खुराकें उपलब्ध कराईं। एक उदार उपहार जिसने डोमिनिका को अपने कैरेबियाई पड़ोसियों को सहायता प्रदान करने में सक्षम बनाया।” इसमें कहा गया कि यह पुरस्कार पीएम मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य सेवा, शिक्षा और सूचना प्रौद्योगिकी में डोमिनिका के लिए भारत के समर्थन को मान्यता देता है।

बयान में कहा गया कि पीएम मोदी ने जलवायु परिवर्तन और भू-राजनीतिक संघर्ष जैसी वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर देते हुए पुरस्कार की पेशकश स्वीकार की। इसके मुताबिक पीएम मोदी ने इन मुद्दों को हल करने में डोमिनिका और कैरिबियन के साथ काम करने के लिए भारत की प्रतिबद्धता की पुष्टि की। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को कई देशों द्वारा सर्वोच्च नागरिक सम्मान से सम्मानित किया गया है। ये सम्मान प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व और दूरदर्शिता का प्रतिबिंब हैं, जिसने वैश्विक मंच पर भारत के उदय को मजबूत किया है। यह दुनिया भर के देशों के साथ भारत के बढ़ते संबंधों को भी दर्शातें हैं।

 

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