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उप्र : सामूहिक दुष्कर्म पीड़िता पर 9 साल में 5वां हमला

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लखनऊ, 2 जुलाई (आईएएनएस)| उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मार्च में तेजाब हमले का शिकार हुई सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित महिला को हर समय सुरक्षा दिए जाने का वचन दिया था।

महिला पर रविवार को फिर तेजाब से हमला किया गया। वह फिर से अस्पताल में भर्ती है। उस पर नौ साल में पांचवीं बार हमला हुआ है। अलीगंज इलाके में अपने हॉस्टल में महिला नल से पानी लेने जा रही थी, उसी समय अज्ञात बदमाशों ने उस पर तेजाब फेंक दिया। इस हमले में पीड़िता के चेहरे का दाहिना हिस्सा व कंधा जल गया है।

पुलिस महानिरीक्षक जय नारायण सिंह ने बताया कि पीड़ित महिला के चिल्लाने की आवाज सुनकर हॉस्टल में रहने वाले लोग उसे बचाने पहुंचे। उन्होंने बदमाशों को पकड़ने की कोशिश की, लेकिन वह तब तक भाग चुके थे। हॉस्टल की चारदीवारी छह फीट ऊंची है।

महिला (45) को लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल विश्वविद्यालय के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है।

यहां एक पुलिस अधिकारी ने कहा कि उसकी हालत गंभीर है और वह बयान देने की स्थिति में नहीं है।

पुलिस ने कहा कि सामूहिक दुष्कर्म पीड़ित महिला पर नौ साल में यह पांचवां हमला है।

अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक अभय कुमार ने मीडिया से कहा, वह ट्रॉमा सेंटर में है और बात कर पाने की स्थिति में नहीं है।

उन्होंने कहा, जांच शुरू हो चुकी है। घटना के बारे में परिवार को सूचित कर दिया गया है, लेकिन परिवार ने अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं कराया है।

घटना के कई घंटों बाद भी अभी तक पुलिस ने कोई गिरफ्तारी नहीं की है। संदेह के आधार पर भोंदू सिंह व गुड्डू को हिरासत में लिया गया, लेकिन उन दोनों का कहना है कि घटना के समय वे रायबरेली में थे।

साल 2008 में संपत्ति विवाद को लेकर महिला (45) के साथ पहली बार सामूहिक दुष्कर्म किया गया था। साल 2012 में महिला पर कुछ लोगों ने चाकू से हमला किया।

साल 2013 में फिर से महिला पर तेजाब फेंका गया। बीते साल दिसंबर में कुछ लोगों ने महिला व उसकी पुत्री से दुष्कर्म की धमकी दी थी।

इस साल 23 मार्च को उसे गंगा गोमती एक्सप्रेस ट्रेन में तेजाब पीने को मजबूर किया गया।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उससे अस्पताल में जाकर मुलाकात की थी और उसे सुरक्षा मुहैया कराने का भरोसा दिया था। लेकिन महिला की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं।

महिला पर हाल में हुई घटना की चौतरफा कड़ी निंदा की जा रही है। विरोधी दल इस हमले को लेकर आदित्यनाथ सरकार पर राज्य में कानून व्यवस्था बनाए रखने में विफल रहने का आरोप लगा रहे हैं।

समाजवादी पार्टी के नेता नरेश अग्रवाल ने कहा, हमने भाजपा को छह महीने का समय दिया था, लेकिन चीजें तीन महीनें में ही बदतर हो गई हैं। इससे साफ है कि राज्य में कोई कानून व व्यवस्था नहीं है।

‘स्टॉप एसिड अटैक’ अभियान की संस्थापक लक्ष्मी अग्रवाल ने कहा, पिछले दिनों जब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पीड़िता से मिले थे तो हम सभी की उम्मीद बंधी थी। लेकिन उस पर फिर हमला किया जाना दुखद है। लक्ष्मी खुद तेजाब हमले की शिकार रही हैं।

उन्होंने कहा, हमने सोचा था कि कुछ किया जाएगा। लेकिन बेखौफ हमलावरों ने महिला हॉस्टल में प्रवेश करने और हमला करने का साहस किया। मैं इसके लिए सरकार और पुलिस को जिम्मेदार मानती हूं।

पीड़िता कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के लोकसभा क्षेत्र रायबरेली की रहने वाली है। वह लखनऊ में तेजाब पीड़ितों द्वारा चलाए जा रहे एक कैफे में काम करती है और अलीगंज मोहल्ले स्थित हॉस्टल में रहती है।

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नेशनल

कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने मुस्लिम आरक्षण को लेकर कही बड़ी बात

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कर्नाटक। कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने उन मीडिया रिपोर्टों को खारिज कर दिया जिनमें दावा किया गया था कि राज्य सरकार नौकरियों में मुस्लिम आरक्षण के प्रस्ताव पर विचार कर रही है। उन्होंने रिपोर्टों को एक और नया झूठ बताया। मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) ने एक बयान में स्पष्ट किया कि आरक्षण की मांग की गई है लेकिन इस संबंध में सरकार के समक्ष ऐसा कोई प्रस्ताव नहीं है। यह स्पष्टीकरण कर्नाटक में मुसलमानों के लिए आरक्षण के मुद्दे पर चल रहे विवाद के बीच आया है।

मुख्यमंत्री कार्यालय ने जारी किया बयान

मुख्यमंत्री कार्यालय ने एक बयान में कहा, ‘कुछ मीडिया में रिपोर्ट प्रकाशित हुई है कि नौकरियों में मुसलमानों को आरक्षण देने का प्रस्ताव सरकार के समक्ष है। इसमें कहा गया है कि मुस्लिम आरक्षण की मांग की गई है, हालांकि, यह स्पष्ट किया गया है कि इस संबंध में सरकार के समक्ष कोई प्रस्ताव नहीं है।’

4% कोटा, जो श्रेणी-2बी के अंतर्गत आता, सार्वजनिक निर्माण अनुबंधों के लिए समग्र आरक्षण को 47% तक बढ़ा देता। कर्नाटक का वर्तमान आवंटन विशिष्ट सामाजिक समूहों के लिए सरकारी ठेकों का 43% आरक्षित रखता है: एससी/एसटी ठेकेदारों के लिए 24%, श्रेणी-1 ओबीसी के लिए 4%, और श्रेणी-2ए ओबीसी के लिए 15% है।

राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता आर अशोक ने कहा कि सिद्धारमैया के राजनीतिक सचिव, नसीर अहमद, आवास और वक्फ मंत्री बीजे ज़मीर अहमद खान और अन्य मुस्लिम विधायकों के साथ, 24 अगस्त को एक पत्र प्रस्तुत किया था, जिसमें अनुबंधों में मुसलमानों के लिए 4% आरक्षण का अनुरोध किया गया था। उन्होंने आगे कहा कि सिद्धारमैया ने वित्त विभाग को उसी दिन प्रस्ताव की समीक्षा करने का निर्देश दिया था, कथित तौर पर उन्होंने इस मामले से संबंधित कर्नाटक सार्वजनिक खरीद पारदर्शिता (केटीपीपी) अधिनियम में संशोधन का भी समर्थन किया था।

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